मुंह और पैरों के छालों को तुरंत ठीक करते हैं मेंहदी के पत्‍ते, जानें अन्‍य फायदे

प्राचीन काल से मेंहदी भारत में शादी, त्योहारों और अन्य समारोहों जैसे शुभ अवसरों पर व्यापक रूप से उपयोग की जाती है। मेहंदी को एक दिव्य आशीर्वाद माना जाता है, इसलिए शादी के अवसरों पर दूल्हा और दुल्हन दोनों को मेहंदी रचाई जाती है। मेंहदी के फायदे केवल हाथों में लगाने तक ही सीमित नहीं हैं। इसका उपयोग पारंपरिक दवाओं में भी किया जाता है। 
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मुंह और पैरों के छालों को तुरंत ठीक करते हैं मेंहदी के पत्‍ते, जानें अन्‍य फायदे


प्राचीन काल से मेंहदी भारत में शादी, त्योहारों और अन्य समारोहों जैसे शुभ अवसरों पर व्यापक रूप से उपयोग की जाती है। मेहंदी को एक दिव्य आशीर्वाद माना जाता है, इसलिए शादी के अवसरों पर दूल्हा और दुल्हन दोनों को मेहंदी रचाई जाती है। मेंहदी के फायदे केवल हाथों में लगाने तक ही सीमित नहीं हैं। इसका उपयोग पारंपरिक दवाओं में भी किया जाता है। इस पौधे के विभिन्न भाग सिरदर्द से लेकर कुष्ठ रोग और त्वचा की अन्य समस्याओं के उपचार में लाभदायक होते हैं। मेंहदी को हिना भी कहते हैं। मेंहदी के पत्‍ते नहीं बल्कि इसका पाउडर भी काफी गुणकारी होता है। एक जड़ी-बूटी होने के नाते यह पेट संबंधित समस्या या छोटी-मोटी चोट लगने पर होने वाले दर्द को चुटकियों में दूर कर सकती है। आइए जानते है कि मेंहदी की पत्तियों के पाउडर, पेस्‍ट के क्‍या  स्वास्थ्य लाभ हैं। 

 

पैरों में छाले

अगर पैर में छाले हो जाए या चप्पल काट खाए तो नारियल के तेल में मेंहदी मिलाकर उस स्थान पर लगाएं। छालों में होने वाली की जलन से तुरंत आराम मिल जाएगा।

मुंह में छाले

मुंह में होने वाले छाले बहुत तकलीफ देते हैं। इसके लिए मेंहदी के पत्तों को रात में साफ पानी में भिगों दें। सुबह पत्तों को पानी से निकालकर इस पानी से कुल्ला करें। छाले जल्द ही ठीक हो जायेंगे। 

चोट लगने पर

शरीर के किसी हिस्से में चोट लग जाए और दर्द सहा न जाये तो मेंहदी के पत्तों को पीस कर उसमें थोड़ी सी हल्दी मिलाकर उस स्थान पर बांधे। इससे आपको जल्द ही दर्द में राहत मिलेगी।

टीबी में मददगार

मेंहदी में टीबी जैसी घातक बीमारी को दूर भगाने के गुण होते है। एंटीबैक्टरियल होने के नाते यह टीबी से रोग से लड़ने में मददगार हो सकता है। इसकी पत्तियों को पीसकर इस्‍तेमाल करने से टीबी की बीमारी में राहत मिलती है लेकिन ऐसा करने से पहले डॉक्‍टर से सलाह अवश्‍य लें।

पेट की बीमारी

मेंहदी में कई ऐसे गुण होते है जिनसे पेट में होने वाली बीमारी में आराम मिलता है। आर्युवेद में मेंहदी को कई तरीके से बनाकर पेट की बीमारियों की दवा में शामिल किया जाता है। इसे सेवन से किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्‍ट नहीं होता है।

दर्द में आराम

मेंहदी की तासीर ठंडी होती है जो दर्द में आराम दिलाती है। अगर सिर में दर्द हो रहा हो, तो मेंहदी की पत्तियों को पीसकर इसका लेप लगा लें। इससे दर्द से तुंरत राहत मिल जाएगी। माइग्रेन के दर्द के लिए हीना एक अच्छा प्राकृतिक उपचार है।

जलन कम करें

अगर कहीं चोट लगा जाये या जल जाए तो मेंहदी की पत्तियां पीसकर लगाने से राहत तुरंत मिलती है। इसमें ठंडक होती है जिसके कारण जलन शांत हो जाती है। त्‍वचा की जलन सबसे अच्‍छी तरह से मेंहदी से ही ठीक होती है।

बालों को अच्‍छा बनाएं

बालों में रूसी या अन्य कोई समस्या हो तो हिना का प्रयोग करें। यह बालों का प्राकृतिक कंडीशनर है जिससे बालों में चमक आती है। बालों में हल्‍का रंग भी इसे लगाने से आता है जो काफी लम्‍बे समय तक चढ़ा रहता है।

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गर्मी दूर करे

मेंहदी बहुत ठंडी होती है जिसके कारण इसमें कई गुण समाएं रहते है। हिना की पत्तियां, शरीर से गर्मी को दूर भगाती है। अगर आप पैरों में मेंहदी का लगाएं तो आपको गर्मी या लू नहीं लगेगी। यह काफी प्रभावशाली होती है।

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एंटीफंगल तत्व

हिना में एंटीफंगल तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में किसी भी प्रकार के होने वाले फंगल इंफेक्शन को बचाता है। दाद की समस्या होने पर हीना को पीस कर उस जगह पर लगाएं इससे दाद कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगा।

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