नर्वस ब्रेकडाउन के इन लक्षणों को समय रहते पहचाने

नर्वस ब्रेकडाउन एक ऐसी मानसिक अवस्था होती है जो कुछ समय के लिए आपको अवसाद में इस कदर डुबो सकती है कि आप अपना मानसिक संतुलन तक खो बैठते हैं, इसके कारणों को जानें।
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नर्वस ब्रेकडाउन के इन लक्षणों को समय रहते पहचाने


ज़माना तेजी से बदल रहा है, हम तरक्की कर रहे हैं, चीज़ें आसान हो गई हैं और दुनिया में कुछ भी दूर नहीं रहा, कार और लेपटॉप, कंप्यूटर आम हो गए हैं और ये बहेद खुशी की बात है। लेकिन हर बड़ी चीज़ की एक कीमत होती है, हर अच्छी चीज़ का एक बुरा पहलू भी होता है। तेज दौड़ती जिंदगी में तनाव ने लोगों के बीच एक खास जगह बनाई है, जिसके चलते व्यवहार और मानसिक स्थिति में कुछ ऐसे परिवर्तन आए हैं जिन्हें अगर सही समय पर नहीं पहचाना जाए तो आगे चलकर आप नर्वस ब्रेकडाउन के शिकार हो सकते हैं। और यदि ये समस्या सही समय पर रोकी न जाए तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। नर्वस ब्रेकडाउन एक ऐसी मानसिक अवस्था होती है जो कुछ समय के लिए आपको अवसाद में इस कदर डुबो सकती है कि आप अपना मानसिक संतुलन तक खो बैठते हैं। तो चलिये क्यों न नर्वस ब्रेकडाउन के संकेतों को समय रहते पहचानना सीखें और एक स्वस्थ मानसिक व शारीरिक जीवन जियें।

नर्वस ब्रेकडाउन के अनेक कारण हो सकते हैं लेकिन अभी तक इसका कोई ठोस कारण नहीं खोजा  जा सका है। इसके लक्षणों के आधार पर चिकित्सक आपको इस स्थिति से उबारने में मदद करते हैं। तो निम्न से कोई एक या सभी नर्वस ब्रेकडाउन के लक्षण हो सकते हैं -

 

Nervous Breakdown in Hindi

अवसाद, थकान और तनाव

अवसाद की अवस्था भी नर्वस ब्रेकडाउन की ओर इशारा करती है। इसके अलावा बहुत ज्यादा तनाव और थकान रहने की वजह से भी यह समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए अच्छी नींद और बेहतर दिनचर्या बहुत जरूरी है। कई बार तो तनाव की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति परिवार और समाज से कटना भी शुरू कर देते हैं जिससे उसके भीतर दबे हुए भाव उसे नर्वस ब्रेकडाउन की स्थिति तक पहुंचा देते हैं। इस अवस्था से निकलने के लिए चिकित्सकीय परामर्श और सही उपचार बेहद जरूरी होता है, नहीं तो यह गंभीर रूप ले सकता है।

मूड में जल्दी-जल्दी बदलाव होना

नर्वस ब्रेकडाउन की स्थिति में कई बार मूड में तेजी से बदलाव आता है। छोटी-छोटी बातों पर प्रभावित व्यक्ति बहुत जल्दी दुखी हो जाता है या जल्दी ही किसी बात को लेकर उसे गुस्सा आ जाता है सामान्य व्यवहार से काफी अलग लगता है। यदि समय रहते इन बदलावों को पहचान लिया जाए और चिकित्सक से बात की जाए तो बचाव संभव है।

आत्महत्या जैसे भयानक खयाल आना

यदि व्यक्ति के मन में आत्महत्या का विचार आए या वह दुनिया छोड़ देने, कहीं भाग जानें आदि बात करता हो तो इन्हें नज़रअंदाज न करें, तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करें। इस तरह का खयाल नर्वस ब्रेकडाउन की अवस्था में आना बेहद स्वाभाविक बात होती है।

दांपत्य जीवन पर नकारात्मक प्रभाव

अगर कोई व्यक्ति नर्वस ब्रेकडाउन की अवस्था में होता है तो इसका प्रभाव उसकी अंतरंगता की भावना पर भी पड़ सकता है। उसके व्यवहार से धीरे-धीरे संभोग के प्रति अनिच्छा का भाव पैदा होना लगता है। ये संकेत गभीर है और नजरअंदाज करने वाला कतई नहीं है।


भावनाओं पर नियंत्रण खो बैठना और पैनिक अटैक

नर्वस ब्रेकडाउन की स्थिति होने पर व्यक्ति अकसर भावनाओं पर नियंत्रण खो बैठता है। छोटी-छोटी बातों पर वह घंटों तक रोते हैं, उन्हें हमेशा अकेलापन महसूस होता है और मन में बहुत अधिक नकारात्मक विचार आते हैं। कई बार तो आस-पास के सभी लोगों से वह खुद को इतना कटा महसूस करते हैं कि आप बिना किसी कारण के ही हर किसी से नाराज़गी और चीढ़ होती है। कई बार इस स्थिति में व्यक्ति को पैनिक अटैक आते हैं। ऐसे में सांस लेने में तकलीफ, चिंता, ऐसे विचार कि कोई हर दम आपका गला दबा रहा हो आदि मन में इतनी तेजी से आते हैं कि यह पैनिक अटैक का रूप ले लेते हैं।

नर्वस ब्रेकडाउन के दौरान न सिर्फ आपकी मानसिक अवस्था में कोई परिवर्तन होगा बल्कि कई शारीरिक समस्याएं भी होती हैं, जैसे हार्ट बीट अनियमित रहती है, पेट खराब होना, मांसपेशियों में खिंचाव, बहुत अधिक कमजोरी महसूस होना या बेचैनी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा ऐसे में रोगी एकाग्र भी नहीं हो पाते हैं। उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखाई देने पर समय रहते सचेत हो जाएं और डॉक्टर से संपर्क करें।  

इस लेख से संबंधित किसी प्रकार के सवाल या सुझाव के लिए आप यहां पोस्‍ट/कमेंट कर सकते हैं।


Image Source - Getty Images


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