अल्‍जाइमर रोग से बचने के लिए महिलाएं आजमा सकती हैं ये 4 आसान उपाय

भूलने और ज्ञानात्‍मक गिरावट संबंधी इस जोखिम को कम करने में आप सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। वो चाहे अल्‍जाइमर से उत्‍पन्‍न होने वाली कोई समस्‍या हो या फिर कोई अन्‍य कारण। मस्तिष्‍क के बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य के लिए आप बिल्‍कुल भी देर न करें। यहां हम आपको 4 प्रमुख बातें बताने जा रहे हैं जो आपको अल्‍जाइमर रोग से बचने में मदद करेगी।  
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अल्‍जाइमर रोग से बचने के लिए महिलाएं आजमा सकती हैं ये 4 आसान उपाय

शरीर के बाकी अंगों की तरह ही आपका मस्तिष्क भी महत्‍वपूर्ण अंगों में से एक है, फिर भी यह मानना आम है कि आपके दिमाग में क्‍या चल रहा है उस पर आपका कोई नियंत्रण नहीं हैं, ऐसा अक्‍सर आप अपने डॉक्‍टर से बातचीत में कहती होंगी। वास्तव में, लगभग 60 प्रतिशत लोग सोचते हैं कि अल्जाइमर, ज्ञानात्‍मक गिरावट का एक रूप है, प्राकृतिक रूप से बूढ़े होने का प्रतीक है। जबकि हाल के सर्वेक्षण के मुताबिक ये बात सच नहीं है। उम्र बढ़ने के साथ जरूरी नहीं है कि यह किसी व्‍यक्ति को अनिवार्य रूप से हो ही। अल्‍जाइमर महज एक बीमारी है।

हालांकि, भूलने और ज्ञानात्‍मक गिरावट संबंधी इस जोखिम को कम करने में आप सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। वो चाहे अल्‍जाइमर से उत्‍पन्‍न होने वाली कोई समस्‍या हो या फिर कोई अन्‍य कारण। मस्तिष्‍क के बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य के लिए आप बिल्‍कुल भी देर न करें। यहां हम आपको 4 प्रमुख बातें बताने जा रहे हैं जो आपको अल्‍जाइमर रोग से बचने में मदद करेगी।  

 

सुबह की सैर और व्‍यायाम 

रोजाना की छोटी-छोटी शारीरिक गतिविधियां आपके लिए बेहतर साबि‍त हो सकती हैं। सुबह की सैर, ब्रिदिंग एक्‍सरसाइज, योगा और मेडिटेशन सबसे अच्‍छा विकल्‍प है। आम लोगों की तुलना में रेग्‍यूलर एक्‍सरसाइज करने वाली महिलाओं को मानसिक रोगों का खतरा 35 प्रतिशत तक कम होता है। आप रोज सुबह उठकर अपने गार्डन में 20 से 30 मिनट तक शारीरिक व्‍यायाम कर सकती हैं। कुछ स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग जैसे वेट लिफ्टिंग, स्क्वाट और लांजेज एक्‍सरसाइज कर सकती हैं।  

मस्तिष्‍क के लिए कुछ गतिविधियां 

इसान जो भी काम करता है उसमें दिमाग का बहुल बड़ा रोल होता है। तरह-तरह के काम और ज्‍यादा इंफॉरमेशन हमारे मस्तिष्‍क को थका देता है। जब‍ शरीर की तरह मस्तिष्‍क को भी आराम की जरूरत पड़ती है। हालांकि मस्तिष्‍क संबंधी कुछ बदलाव हमारी सोचने की प्रक्रिया को बल देता है। अगर आप दिमागी रूप से बहुत ज्‍यादा थक जाती हैं तो घर के आसपास जहां थोड़ी हरियाली हो वहां टहलें। कुछ नया सीख सकती हैं। इसके लिए नई किताबें पढ़ें, नए डिसेज ट्राई करें। इसके अलावा रोजाना सुबह और शाम 1-1 घंटा अपना मोबाइल फोन ऑफ रखें, यानी अपने फोन से दूरी बनाकर रखें। 

 

सेट करें सोने का सिनेरियो

आंख बंद करने का समय तब होता है जब आपका दिमाग अपनी हाउसकीपिंग करता है। यह एक चौकीदार की तरह है जो दिमाग के विषॉक्‍त पदार्थों की सफाई करता है। इसलिए सोने के समय के बारे में अपना सोचने का तरीका बदलें। यह जरूरी नहीं है कि किसी व्‍यक्ति की तुलना में कम नींद लेना बहुत अच्‍छा काम है। नींद कोई ऐसा काम नहीं है जिसमें कटौती की जाए। सोने का शेड्यूल तय करें। अपने बेडरूम का वातावरण शांत और साफ-सुथरा रखें। टीवी, फोन, आईपॉड जैसी चीजों को बेडरूम से बाहर रखें। मस्तिष्‍क के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए सोने का सिनेरियो बेहतर रखें। सोने और जागने का समय निर्धारित करें। 

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मस्तिष्‍क और ह्रदय के लिए लें अच्‍छा आहार 

एक जो सबसे जरूरी बात होती है वह है हमारी डाइट। आपका खानपान पर ही अच्‍छी सेहत निर्भर करती है। अल्जाइमर के लिए जोखिम कारक हृदय रोग के समान होते हैं और इसमें उच्च रक्तचाप, ऑफ-किल्टर कोलेस्ट्रॉल संख्या, मोटापे और मधुमेह शामिल होते हैं। तो इन चीजों का प्रबंधन कर अपने अल्जाइमर के जोखिम पर नजर बनाए रख सकते हैं। इसके लिए फाइबर और प्रोटीन युक्‍त फूड पर ज्‍यादा ध्‍यान देने की जरूरत होती है। अपनी प्‍लेट में अनाज, फल और सब्जियां, मछली आदि को शामिल कर सकते हैं। भोजन पकाने के लिए जैतून का तेल बेस्‍ट माना जाता है। 

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