भयंकर सिरदर्द की समस्या इन दिनों आम हो गई है। इसकी सबसे बड़ी वजह तनाव और लोगों की अनियमित दिनचर्या है, जिससे सबसे अधिक महिलाएं प्रभावित हो रही हैं। सिरदर्द पर्यावरणीय और आनुवंशिक कारकों से होता है। हार्मोन के स्तर में बदलाव भी इसमें अहम भूमिका निभा सकता है। युवावस्था से पहले यह लड़कियों की तुलना में लड़कों को अधिक होता है, लेकिन पुरुषों की तुलना में दो से तीन गुणा अधिक महिलाएं इससे पीडित हैं।
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सिरदर्द क्या है
सिरदर्द एक दीर्घकालीन न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें बार-बार सिर में धीमे से लेकर काफी तेज दर्द होता है। आमतौर पर सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है। इसमें सिर पर प्रहार जैसा दर्द होता है, जो 2 से 72 घंटों तक रहता है। इससे जुड़े लक्षणों में बेचैनी, उल्टी, फोटोफोबिया और फोनोफोबिया शामिल हैं। यह दर्द अकसर शारीरिक गतिविधि के साथ बढ़ जाता है। सिरदर्द के दर्द से पीडित एक तिहाई से अधिक लोगों को अस्थायी दृश्य दिखने लगते हैं, जो यह एहसास कराने लगते हैं कि जल्द ही सिरदर्द होने वाला है।
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महिलाएं अधिक पीड़ित
सिरदर्द एक न्यूरोलॉजिकल विकार है। जो महिला के जीवन चक्र के दौरान बदलते हार्मोनल कारणों जैसे मासिक धर्म की शुरुआत, मासिक धर्म, गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन, गर्भधारण, रजोनिवृत्ति और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी आदि से सिरदर्द की अवधि पर काफी प्रभाव पड़ सकता है।
मासिकधर्म के कारण होने वाला सिरदर्द
मासिक धर्म से पहले एस्ट्रोजन में बदलाव से कुछ महिलाओं में सिरदर्द की शुरुआत होती है। सिरदर्द का हमला मासिक धर्म के चक्र से दो दिन पहले और तीन दिन बाद के बीच में होता हैं। इसकी व्यापकता 7 प्रतिशत है। मासिक धर्म से पहले होने वाला सिरदर्द मासिक धर्म से पहले सात से तीन दिनों के बीच होता है। ऐसे में महिला को अवसाद, चिड़चिड़ापन, थकान, भूख में बदलाव आना, सूजन, पीठ में दर्द, स्तनों की कोमलता या उबकाई की शिकायत रहती है।
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गर्भनिरोधक गोलियां के कारण होने वाला सिरदर्द
गर्भनिरोधक गोलियां खाने का सिरदर्द पर अस्थायी असर होता है। गर्भनिरोधक गोलियां खाना शुरू करने से महिलाओं में सिरदर्द की शिकायत हो सकती है, पहले से मौजूद सिरदर्द का दर्द और बढ़ सकता है या इसकी आवृत्ति या इसके होने के लक्षण बदल सकते हैं। सिरदर्द से पीडित खासतौर पर उन महिलाओं में इस्कीमिक दौरों का खतरा अधिक हो सकता है, जो गर्भनिरोधक गोलियां खाती हैं, बहुत धूम्रपान करती हैं या जिन्हें सिरदर्द के दौरान चमकीली रोशनी दिखाई देती है।
रजोनिवृत्ति से होने वाला सिरदर्द
सिरदर्द से पीडित दो तिहाई महिलाओं में रजोनिवृत्ति में सिरदर्द की स्थिति बिगड़ या सुधर सकती है। कुछ महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद सिरदर्द शुरू भी हो सकता है। एस्ट्रोजन के अनियमित या कम स्रव से उत्पन्न रजोनिवृत्ति के लक्षणों से पीडित महिलाओं को एचआरटी से लाभ मिल सकता है।
सिरदर्द एवं गर्भधारण
गर्भधारण के दौरान करीब 70 प्रतिशत महिलाओं में सिरदर्द के लक्षणों में सुधार या कमी आती है। बाकी महिलाओं में सिरदर्द की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होता या स्थिति और बिगड़ जाती है। गर्भधारण के दौरान सिरदर्द में कमी आए तो सिरदर्द प्रसवोत्तर अवधि में फिर से होता है। यह खासकर उन महिलाओं को होता है, जो मासिक धर्म से जुडे़ सिरदर्द या एस्ट्रोजन में बदलाव से जुड़े सिरदर्द से पीडित होती हैं। प्रसवोत्तर सिरदर्द प्रसव के 3 से 6 दिन बाद होता है। इस तरह से महिलाओं में सिरदर्द पैदा करने वाले इन कारणों को जानने के बाद आप सिरदर्द से बचने में सफल हो सकती है।
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