ध्यान यानी स्वयात्रा का माध्यम। लेकिन, आखिर ध्यान किया कैसे जाता है। इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है। कितने प्रकार का होता है ध्यान और कैसे आप ध्यान के जरिये खुद अपना जीवन बेहतर बना सकते हैं। ये सब सवाल हमारे जेहन में जरूर आते हैं।
ध्यान को बहुत ही शक्तिशाली आध्यात्मिक अभ्यास माना जाता है। जिसके कई लाभ हैं। ध्यान के कई प्रकार के हैं और इसे करने का कोई गलत तरीका नहीं है जो ध्यान को एक अत्यंत व्यक्तिगत अनुभव बना देता है।
ध्यान का उद्देश्य मन को प्रशिक्षित करके हमारे सक्रिय विचारों और चेतना को सकारात्मक दिशा देना है। मन की स्थिति को नियंत्रित करने और सकारात्मक दिशा प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से बदलने की जरूरत है। ध्यान अपने अपने, अपनी अंतरात्मा के बारे में जानना है।
ध्यान तीन चरणों की प्रक्रिया है जो एकाग्रता के साथ शुरू होती है, जिसके बाद ध्यान और अंत में ज्ञान प्राप्त होता है। ध्यान पहली बार में प्राप्त कर लिए जाने वाला अनुभव नहीं है, इसमें पहले चरण तक पहुँचने के लिए भी अभ्यास और दृढ़ता की जरूरत होती है। एक व्यक्ति जो ध्यान का अभ्यास शुरू करना चाहता है उसे पहले अपनी जागृत चेतना को काबू में करके, एक निश्चित वस्तु या विचार पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
एक बार एक वस्तु या विचार पर ध्यान केंद्रित हो जाता है, तो एकाग्रता ध्यान में बदल जाती है। निरंतर ध्यान का अभ्यास करके व्यक्ति अंततः अंतिम चरण में पहुंच सकता है जो कि आत्मज्ञान है। आत्मज्ञान परमात्मा के साथ एक हो कर इसमें विलय होना है। ध्यान मन को संवेदी बोधों जैसे स्पर्श, दृष्टि, श्रवण आदि से अलग करता है जिससे बेचैन मन को शांत करने और आंतरिक चिंतन में मदद मिलती है। जैसे मन अंदर की ओर ध्यान केंद्रित करना शुरू करता है, स्वयं के बारे में ज्ञान मिलता है जो आपको देवत्व के करीब लाता है।
आधुनिक जीवन शैली में परिवर्तनों और तनाव का स्तर बढ़ने के कारण, ध्यान इस समय तेजी से आगे बढ़ रहा है। जीवन की तेज रफ्तार और निरंतर गतिविधियों के कारण लोग स्थिरता के कारक खोते जा रहे हैं, ध्यान इनके उन्मूलन का कार्य करता है। व्यक्तिगत अंतर्दृष्टि और स्वयं का बोध उन्हें अपने अंदर देखने देता जिससे शांति का अनुभव होता है। ध्यान के द्वारा चेतना में लाये गये ये परिवर्तन मन और शरीर के लिए लाभदायक हैं।
ध्यान न केवल तनाव के साथ बेहतर तरीके से निपटने में बल्कि यह जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण बनाने भी मदद करता है। ध्यान एक धार्मिक प्रथा नहीं है, इसके बजाय यह प्रकृति में आध्यात्मिक है, लेकिन इसे व्यक्ति की मान्यताओं और विश्वास के अनुकूल बनाया जा सकता है।
ध्यान की अवधि, मुद्रा, व्यवहार और चिंतन का विषय सभी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ध्यान के विभिन्न तरीकों में से किसी को भी चुना जा सकता है, ये सभी सही हैं क्योंकि बुनियादी नियम, आंतरिक चिंतन या आत्म-ज्ञान है। ट्रान्सेंडैंटल ध्यान, विपासना, योग निद्रा सभी समान रूप से प्रभावी और लोकप्रिय हैं।
ध्यान की तकनीक
ध्यान की बढ़ती लोकप्रियता और समग्र दृष्टिकोण के कारण इसका अभ्यास कई प्रकार से किया जा सकता है, लेकिन सभी मौजूदा तकनीकों को मोटे तौर पर दो वर्गों में बांटा जा सकता है:
ट्रान्सेंडैंटल या कॉनसंनट्रेटिव ध्यान
ध्यान की इस तकनीक में ध्यान को एक विशेष ध्वनि या मंत्र, यहां तक कि सांस लेने की ताल की छवि पर भी केंद्रित किया जा सकता है। एक शांत जगह पर बैठ कर जब आप किसी चीज पर ध्यान केंद्रित कर रहे हों, तो यह स्वयं और शांति के बारे में जागरूकता लाता है। व्यस्त आधुनिक जीवन में किसी के पास ध्यान या विचार करने का कोई समय नहीं है। मन निरउद्देश्य विचारों और रोजमर्रा की जिंदगी के दबाव के साथ खेलता रहता है। ध्यान एक विशेष विचार पर ध्यान केंद्रित करके मन को नियंत्रित करने में मदद करता है। तालबद्ध साँस लेना ध्यान का एक प्रभावी तकनीक है क्योंकि सांस लेना मन की स्थिति का प्रतिबिंब है। जबकि एक तनावग्रस्त व्यक्ति अनियमित, सतही और तेजी से सांस लेगा, एक शांत मन वाला व्यक्ति गहराई और धीमी गति और लयबद्ध तरीके से सांस लेगा। जैसे ही आप अपनी सांस पर ध्यान लगाएंगे आप सांस लेने पर ठीक से ध्यान देने लगेंगे जिसके बाद सांस लेने के तालबद्ध चक्र पर ध्यान केंद्रित हो जाता है और आपका सांस लेना और छोड़ना आपको ज्ञान और शांति प्रदान करता है।
जेन-आधारित ध्यान
यह तकनीक अंतर्दृष्टि पर केंद्रित है जहां गुजरते विचारों, संवेदनाओं, ध्वनियों, भावनाओं और विकर्षणों के बारे में जानते हुए, बिना उनमें शामिल हुए और उनका आंकलन किये उन पर फोकस किया जाता है।
Read More Articles on Meditation in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version