'मरने के बाद किसी को पिता बनाने' वाली PMSR तकनीक क्या है?

यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें मृत व्‍यक्ति के स्‍पर्म (शुक्राणु) को प्रिजर्व कर बच्‍चा पैदा कराया जाता है। जो बहुत कम देशों में मान्‍य है। आइए इसके बारे में विस्‍तार से जानते हैं।
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'मरने के बाद किसी को पिता बनाने' वाली PMSR तकनीक क्या है?


पास्चमस या पोस्टमॉर्टम स्पर्म रिट्रीवल (PMSR) यानी की ‘मरणोपरांत स्पर्म को फिर से प्राप्त करना’ यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें मृत व्‍यक्ति के स्‍पर्म (शुक्राणु) को प्रिजर्व कर बच्‍चा पैदा किया जाता है। दरअसल, किसी भी व्यक्ति की मौत के 24 घंटे बाद तक उसके शुक्राणु जीवित रहते हैं। मृत व्यक्ति के स्पर्म को संरक्षित करने की प्रक्रिया को ही पास्चमस स्पर्म रिट्रीवल कहते हैं।

 

स्पर्म रीट्राइवल एक सरल प्रकिया है और इसे पांच मिनट में पूरा किया जा सकता है, लेकिन इसमें नैतिक और कानूनी दखल हैं। यह तकनीक अभी तक भारत में मान्‍य नही है। हालांकि भारत में PMSR तकनीक के माध्‍यम से पहले भी बच्‍चा जन्‍म देने की मांग की गई है। लेकिन कोई स्‍पष्ट दिशा निर्देश नहीं होने के कारण ऐसा नही हो सका है।

sperm

कई देशों में बैन है यह तकनीक

 

लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन सहित कुछ अन्य देशों में मृत व्यक्ति की सहमति के बावजूद पास्चमस स्पर्म रिट्रीवल यानि मृत व्यक्ति के स्पर्म को निकालने पर बैन है तो वहीं अमेरिका में लिखित सहमति के बाद मृत व्यक्ति के स्पर्म को निकालने की अनुमति है, हालांकि वहां भी कोई स्‍पष्‍ट दिशानिर्देश नही है, कुछ मामलों में अंगदान के कानून के तहत मृत व्यक्ति के स्पर्म को निकालने की अनुमति दी गई है। जबकि इजराइल में मृत व्यक्ति का स्पर्म निकाला तो जा सकता है लेकिन इसे उपयोग किया जाए या नहीं इसका फैसला एक जज ही कर सकता है।

 

कानूनी दखल के साथ नैतिकता है बैरियर

 
इस प्रक्रिया में कानूनी दखल के साथ-साथ नैतिक दखल भी देखने को मिलता है। किसी मृत व्यक्ति के स्पर्म को निकालने को लेकर लोगों की आम राय ये होती है कि इसमें उस व्यक्ति की सहमति शामिल होना चाहिए जिसका स्‍पर्म निकाला जाना है। लेकिन ऐसा केवल जीवित रहने की स्थिति में किया जा कसता है। ऐसे में यह प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो जाती है। जैसा कि अमेरिका में डोनर की सहमति के बाद ही ऐसा करने का नियम है।

वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पति के मौत के तुरंत बाद एक विधवा के ऐसे निर्णय करना एक मुश्किल भरा काम होता है परिवार के दबाव से स्थिति और भी मुश्किल हो सकती है। ऐसे में एक राय ये है कि उसकी पत्नी और परिजनों की सहमति को तवज्जो दी जाए, बशर्ते उस व्यक्ति ने अपनी मृत्यु से पहले ऐसा करने पर आपत्ति न जताई हो। इन सब के बीच कानूनी स्‍पष्‍ठता होनी भी जरूरी है।

Image Source : Getty
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