आजकल मिसकैरेज यानि गर्भपात हो जाना काफी आम हो चुका है। गर्भावस्था के 24 हफ्ते पहले या गर्भ ठहरने के 3-4 महीने में ही भ्रूण की मृत्यु हो जाने को गर्भपात कहते हैं। गर्भावस्था की अवधि वैसे 9 महीने की होती है, लेकिन कुछ मामलों में बच्चे 9 महीने से पहले भी जन्म ले लेता है। सभी गर्भ सामान्यतया नौ महीने (40 सप्ताह) नहीं ठहरते है। महिलाओं में बार-बार गर्भपात की कई वजह हो सकती हैं। कुछ मामलों में गर्भ खुद गिराया जाता है, जबकि कुछ मामलों में इसके पीछे कुछ सटीक कारण भी होते हैं। जिसकी वजह से गर्भपात होता है।
गर्भपात की स्थिति तब आती है, जब निषेचित अंडे के साथ कुछ गड़बड़ी होती है। इसके बावजूद यदि अंडा बढ़ता और विकसित होता है, तो उसके परिणामस्वरूप पैदा होने वाला शिशु शारीरिक रूप से विकलांग होता है। इसलिए कभी-कभी गर्भपात ऐसे असामान्य जन्म को रोकने का उपाय है। यदि महिला को मलेरिया या सिफलिस जैसी गंभीर बीमारी हो या महिला गिर गयी हो या उसे जननांगों में समस्या हो, तो भी गर्भपात हो सकता है। कभी-कभी अंडा गर्भाशय के बदले किसी और जगह , सामान्यतया गर्भ-नलिकाओं में निषेचित होने से भी गर्भपात होता है। ऐसे गर्भ निश्चित रूप से गिर जाता हैं। यह स्थिति खतरनाक हो सकती है। आइए जानते हैं, गर्भपात के 5 प्रमुख जोखिम कारक क्या हैं-
उम्र
बढ़ती उम्र में गर्भवती होने पर महिलाओं में गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में शिशु के विकास में कुछ गुणसूत्र असामान्यता होती है । 30 साल की उम्र में आपके गर्भपात का जोखिम पांच में से एक है । 42 साल की आयु पर आपका जोखिम दो में से एक है ।
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स्वास्थ्य समस्या
अगर आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो ऐसी स्थिति में इसक असर भ्रूण पर पड़ सकता है। इसलिए ऐसी स्थिति में खास सर्तक रहने की जरूरत होती है। मोटपा, मधुमेह या थायराइड जैसी गंभीर समस्या होने पर गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। स्टिकी रक्त सिंड्रोम), या एंटी फोस्फो लिपिड सिंड्रोम (APS), जिसमें रक्त वाहिकाओं में रक्त के थक्के बनने लगते हैं, गर्भपात के कारण हो सकते हैं ।
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गर्भाशय की समस्या
गर्भाशय की भी कुछ असामान्यताएं होने पर गर्भपात होने की संभावना बढ़ा सकती हैं । अगर गर्भावस्था के दौरान किसी प्रकार का संक्रमण होता है तो यह गर्भपात का कारण बन सकता है । इनमें लिस्तिरेइओसिस और टोक्सोप्लाज़मोसिज़ शामिल हैं । यौन संचारित संक्रमण जैसे की और क्लैमाइडिया, या फिर और पॉलीसिस्टिक अंडाशय का दोष जो आपके हार्मोन को प्रभावित करता है।
जीवन शैली
देर रात तक जगना, धूम्रपान,एल्कोहल व किसी नशे का सेवन गर्भपात का कारण बन सकते हैं । इसलिए महिलाओं को इस दौरान अपनी जीवनशैली सुधारनी चाहिए और आहार का खास खयाल रखना चाहिए।
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पहले के गर्भपात
अगर किसी महिला का पहले एक या दो बार गर्भपात हो चुका है तो अगली गर्भावस्था के दौरान उसे काफी सर्तक रहने की जरूरत है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर ही अपनी दिनचर्या व्यतीत करें।
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