बचपन से बड़े हाने तक एक बात आपको बार-बार सुनने को मिलती है, 'दारू बुरी चीज़ है, इसे न पियें' और ये बात सच भी है दारू वाकई कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती है और जीवन के लिये कई तरह के जोखिम पैदा करती है, हम भी इस बात से सहमत हैं। लेकिन बीते कुछ वर्षों में हुए अलग-अलग शोध समाज की शराब न पीने वाली धारण के समानांतर एक नया मत लेकर आएं हैं, 'शाराब पियें पर एक जाम से ज्यादा नहीं।' जी हां कुछ शोध दावा करते हैं कि संतुलित मात्रा में शराब पीने के कुछ फायदे हैं। स्पेन, अमेरिका और टोरंटो आदि देशों में हुए अलग अलग शोध वाइन के संतुलित मात्रा में सेवन के कुछ फायदे बताते हैं, चलिये जानें क्या हैं ये फायदे -
स्पेन के बार्सिलोना शहर में यूरोपीयन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी (ईएससी) कांग्रेस 2014 के सम्मेलन में चेक गणराज्य के प्रोफेसर मिलोस ताबोस्र्की ने बताया था कि उनके शोध में उन्होंने पाया कि संतुलित मात्रा में लिकर का सेवन तभी फायदेमंद होता है, जब इसके साथ नियमित रूप से एक्सरसाइज जी जाए। साथ ही उन्होंने रेड और ह्वाइट वाइन के समान नतीजे होने की भी बात कही। इस अध्ययन को 146 हृदयरोगियों पर किया गया था और एक साल तक लिकर लेने के बाद प्रतिभागियों की स्वास्थ्य जांच कर अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने इसके साथ कम से कम हफ्ते में दो बार नियमित रूप से एक्सरसाइज की, उनमें हाई-डेंसिटी लीपोप्रोटीन (एचडीएल) का स्तर बढ़ा, जबकि लो-डेंसिटी लीपोप्रोटीन (एलडीएल) और कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हुआ था। साथ ही रेड वाइन और ह्वाइट वाइन के सेवन के नतीजों में कोई अंतर नहीं पाया गया।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया का शोध
वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं का भी मानना है कि नियमित रूप से एक एक पैग शराब का सेवन न सिर्फ शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है बल्कि संक्रमण से लड़ने में शरीर की मदद करता है। इस अध्ययन के शोधकर्ता इहेम मसौदी के अनुसार, ''किसी भी सामान्य व्यक्ति के लिए रात के खाने के साथ एक ग्लास वाइन का सेवन उसकी प्रतिरोधी क्षमता को मजबूत करता है और वैक्सीनेशन को आधिक प्रभावी बनाता है।'' शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने स्माल पॉक्स से पीड़ित बंदरों को टीका देने के बाद उन्हें संतुलित मात्रा में एल्कोहल का सेवन कराया और पाया कि उनकी रिकवरी तेजी से हुई। इसके आधार पर ही उन्होंने माना कि संतुलित मात्रा में इथेनॉल का सेवन शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाने में मददगार हो सकता है, जबकि इसकी अधिकता शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है। यह अध्ययन वैक्सीन जर्नल में प्रकाशित हुआ था।
टोरंटो विश्वविद्यालय की एक टीम ने अपने अध्ययन में पाया कि संतुलित मात्रा में शराब पीने से सर पर लगने वाली चोटों के प्रभाव से दिमाग का बचाव होता है और सर पर चोट लगने से मौत होने की संभावना 24 प्रतिशत तक कम होती है। अध्ययन करने वाली टीम के अनुसार एक दिन ऐसा भी आ सकता है कि सर पर चोट लगे किसी आदमी के आपातकालीन उपचार के लिए शराब का इस्तेमाल किया जाए। लेकिन शोधकर्ताओं के अनुसार इसका मतलब यह कतई नहीं है कि सभी लोग शराब पीना शुरू कर दें।
इस अध्ययन में अस्पताल में सर पर चोट खाए 1158 मरीज़ों के रिकार्ड का अध्ययन किया गया। सर पर चोट लगने वाले सभी 1158 लोगों में से 418 लोगों के खून में एल्कोहोल पाई गई। शराब पीने वाले और शराब न पीने वाले मरीजों में एक जैसी चोटें होने पर शराब पीने वाले मरीजों की हालत में सुधार जल्दी होता है। फार्मास्यूटिकल कंसलटेंट डॉ विल टॉनेंड के मुताबिक इन लोगों की अन्य मरीजों से तुलना कर पाया गया कि जो लोग कम या संतुलित मात्रा में शराब पीते थे उनकी मौत की दर शराब न पीने वालों से 24 प्रतिशत तक कम थी। गौरतलब है कि अधिक शराब पीने वालों की मौत की दर तो शराब न पीने वालों से 73 प्रतिशत अधिक थी।
यह अध्ययन आर्काइव्स ऑफ़ सर्जरी जर्नल में प्रका शित हुआ था।
News Source - apb news, bbc news
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