त्वचा कैंसर, मेलेनोमा पुरुषों के लिए ज्यादा घातक है। ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि स्किन कैंसर से महिलाओं की तुलना में पुरुषों की मौत की आशंका 70 फीसदी तक बढ़ जाती है।
त्वचा का कैंसर मिलानोसाईट्स सेल्स से होता है, जिसे मेलनोमा कहते है। एक अध्ययन के अनुसार पिछले साढ़े चार दशक में त्वचा कैंसर के कारण मरने वाले पुरुषों की संख्या 185 फीसदी तक बढ़ी है, जबकि महिलाओं की संख्या में 55 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
ब्रिटेन स्थित कैंसर रिसर्च लीड्स विश्वविद्यालय के त्वचा विशेषज्ञ प्रोफेसर जूलिया न्यूटन बिशप का कहना है कि लिंगों के बीच का अंतर इसका कारण हो सकता है। पुरुषों में मेलेनोमा का पता तब लगता है जब यह ज्यादा फैल जाता है।
ब्रिटेन के कैंसर शोध संस्थान ने 2011 में किए गए शोध का विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि त्वचा कैंसर के कारण एक लाख लोगों में से 3.4 प्रतिशत पुरुषों और दो प्रतिशत महिलाओं की मौत हुई है। शोध में कहा गया कि इसकी मुख्य वजह स्त्री और पुरुषों की त्वचा में कैंसर के लिहाज से अलग-अलग संवेदनशील स्थान हैं।
पुरुषों में यह परेशानी अक्सर उनकी पीठ और छाती पर होती है, जबकि महिलाओं की भुजा और टांगों में होती है। शरीर में छाती और पीठ ज्यादा संवेदनशील हैं इसलिए पुरुषों में मौत की दर ज्यादा होती है।
हर साल लगभग 6,200 पुरुषों को त्वचा कैंसर होता है, जिनमें से 1300 की मौत हो जाती है। वहीं 6,600 कैंसर पीड़ित महिलाओं में से 900 की मौत होती है।
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