माइक्रोन्‍यूट्रीएंट्स: प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट की गिनती

मैक्रोन्यूट्रियेंट्स वो पौष्टिक तत्व होते हैं जिनके जरिये हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है। साथ ही शारीरिक विकास के लिए इनका अहम रोल है। इस बारे में विस्तार से जानने के लिए ये लेख पढ़े।
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माइक्रोन्‍यूट्रीएंट्स: प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट की गिनती


सामान्यतः फिटनेस की परिभाषा क्या है? कैलोरी गिनकर लेना। क्यों? ताकि हम मोटे न हो सकें और आवश्यक कैलोरी हमारे शरीर को मिल सके। मतलब यह कि फिट रहने के लिए कैलोरी की गिनती आवश्यक होती है। लेकिन क्या कभी आपने प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट की गिनती की है? क्या इन्हें कभी गिनकर लिया है? जबकि विशेषज्ञों की मानें तो इन्हें भी गिनकर लेना चाहिए। इससे आपके शरीर को प्रतिदिन कितनी ऊर्जा की जरूरत है, इसका पता चलता है। इससे पहले कि मैक्रोन्यूट्रियेंट्स की गिनती की ओर ध्यान आकर्षित करें, इनके लाभ और हमारे जीवन में इनकी भूमिका के विषय में जानना आवश्यक है। इसके बाद इनकी आवश्यक गिनती की ओर अग्रसर होंगे।


मैक्रोन्यूट्रियेंट्स क्या है - मैक्रोन्यूट्रियेंट्स वो पौष्टिक तत्व होते हैं जिनके जरिये हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है। साथ ही शारीरिक विकास के लिए इनका अहम रोल है। इसके अलावा शारीरिक गतिविधियों में इनका योगदान होता है। आपको यह बताते चलें कि मैक्रो का शाब्दिक अर्थ है दीर्घ। मतलब यह कि अधिक मात्रा में पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता होती है इनमें मुख्य है वसा, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन। इन तीनों मैक्रोन्यूट्रियेंट्स पर एक नजर दौड़ाते हैं।

कार्बोहाइड्रेट - यह हमारे शरीर को सबसे महत्वपूर्ण और आवश्यक पौष्टिक तत्व है जिसके जरिये हमारे शरीर में ऊर्जा की कमी नहीं होती। ये हमारे लीवर और मसल्स में स्टोर रहते हैं ताकि किसी कारणवश ऊर्जा की कमी होने पर, मसल्स और लीवर से शरीर इसका उपयोग कर सके। हमें पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट चाहिए तो फल, अनाज मसलन चावल, ओट्स, बार्ले आदि, आलू, गाजर खाने चाहिए।

प्रोटीन - प्रोटीन का इस्तेमाल टिश्यू और मसल्स के विकास के लिए होता है। इसके अलावा कहीं चोट लगने से या अन्य क्षति होने से प्रोटीन महति भूमिका अदा करते हैं। यही नहीं हारमोन और एन्जाइम के निर्माण में भी प्रोटीन का रोल महत्वपूर्ण है। प्रोटीन की आवश्यकता यहीं खत्म नहीं होती। यदि किसी कारणवश शरीर को पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट न मिले तो ऊर्जा के लिए प्रोटीन काम करता है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन हासिल करने के लिए हमें मछली, अण्डे, दुग्ध उत्पाद आदि लेने चाहिए।

फैट - विटामिन को अपनाने या शरीर द्वारा आत्मसात करने के लिए फैट की आवश्यकता होता है। जिन आहार में फैट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है वे हैं खाना बनाने वाला तेल, मक्खन, बादाम, चीज़ आदि। उपरोक्त तीनों मैक्रोन्यूट्रियेंट्स में सबसे ज्यादा कैलोरी फैट में ही मौजूद होता है।विशेषज्ञों के मुताबिक मैक्रोन्यूट्रियेंट्स के तीनों पौष्टिक तत्वों का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है। किसी की कमी या किसी की बढ़ोत्तरी सही नहीं है। इससे शरीर को फायदा नहीं वरन नुकसान ही होता है। अतः यह जानना जरूरी है कि तमाम मैक्रोन्यूट्रियेंट्स किसकी मात्रा कितनी होनी चाहिए।एक से तीन साल की उम्र के बच्चों को 45 से 65 फीसदी कार्बोहाइड्रेट, 5 से 20 फीसदी प्रोटीन और 30 से 40 फीसदी फैट की आवश्यकता है। जबकि 4 से 18 साल के किशोरों के लिए कार्बोहाइड्रेट की मात्रा समान है। लेकिन प्रोटीन 10 से 30 फीसदी चाहिए होती है और वसा 25 से 35 फीसदी। इसी तरह वयस्कों यानी 19 साल से ऊपर तमाम लोगों के लिए कार्बोहाइड्रेट उसी मात्रा यानी 45 से 65 फीसदी तक चाहिए होती है। प्रोटीन 10 से 35 फीसदी और वसा 20 से 35 फीसदी।

सामान्यतः लोगों को उपरोक्त चार्ट के अनुसार ही मैक्रोन्यूट्रियेंट्स की आवश्यकता होती है। लेकिन इसमें वजन और लम्बाई क अनुसार कुछ बदलाव भी हो सकते हैं। मसलन 68 किलो एक व्यक्ति को जो कि रोजाना एक्सरसाइज करता है, प्रति पाउंड के अनुसार 0.75 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। मतलब यह है कि 68 किलोग्राम वजनीय व्यक्ति को 112.5 ग्राम प्रोटीन चाहिए होता है।

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