शिशु को नहलाते समय ध्यान रखें ये 5 बातें वर्ना हो सकती हैं कई परेशानियां

शिशु को ठीक से न नहलाने से उसे कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। चूंकि शिशु को नहलाते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना पड़ता है, इसलिए नई मांएं कई बार शिशु को नहलाने में गलती करती हैं।
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शिशु को नहलाते समय ध्यान रखें ये 5 बातें वर्ना हो सकती हैं कई परेशानियां

बच्चा जब बहुत छोटा होता है तो मां का ज्यादातर समय उसका खयाल रखने में ही गुजर जाता है। शिशु की देखभाल करना बहुत मुश्किल काम है मगर मां अपने प्यार से शिशु को कभी भी कोई परेशानी नहीं होने देना चाहती। शिशु को ठीक से न नहलाने से उसे कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। चूंकि शिशु को नहलाते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना पड़ता है, इसलिए नई मांएं कई बार शिशु को नहलाने में गलती करती हैं। आइये आपको बताते हैं कि शिशु को नहलाने में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

नहलाने से पहले मालिश करें

नवजात को नहलाने से पहले उनके शरीर की पूरी मालिश करनी चाहिए, ताकि उनका शरीर मजबूत हो और नहलाते समय उनको ठण्डे कम लगे, मालिश की इस विधि में तेल ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल होता है।

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कैसे नहलाएं

जब तक नाभि का गर्भ नाल पूरी तरह से सूखा ना हो, तब तक बच्चे को केवल गुनगुने पानी से ही साफ करना ठीक रहता है। यह जरूरी नहीं है कि प्रतिदिन गुनगुने पानी का प्रयोग करें। बच्चे के चेहरे को तथा पेशाब व मलद्वार को साफ करके सूखा रखना आवश्यक होता है। बच्चे को टब में स्नान कराते समय इतना पानी लें जिससे बच्चे की कमर तक पानी रहे। स्नान कराते समय बच्चे को टब में उल्टा नहीं करना चाहिए, टब में बच्चे को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। बच्चे को कम समय तक स्नान करायें तथा बच्चे के शरीर पर साबुन का उपयोग न करें। बच्चे के गर्दन, हाथ-पैरों को अधिक साफ रखना चाहिए। नहलाने के बाद बच्चे के शरीर पर इत्र (परफ्यूम) का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

आंख और कान की साफ-सफाई करें

नहलाते समय बच्चे के कान में पानी को नहीं जाने देना चाहिए। इसलिए स्नान कराते समय दोनों कानों में रूई लगा देनी चाहिए। स्नान के बाद कानों की रूई बाहर निकालकर कान को सुखाना चाहिए। कानों में किसी भी प्रकार के तेल का उपयोग नहीं करना चाहिए। गुनगुने पानी में रूई को गीला करके आंखों को साफ करना चाहिए।

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बच्चे के मलद्वार की सफाई

नहलाते समय बच्चे के मलद्वार को गुनगुने पानी या रूई से साफ करना चाहिए तथा किसी सूती कपड़े से उसे पोंछकर सुखा लेना चाहिए। सप्ताह में एक बार वेसलीन या क्रीम आदि का प्रयोग करना चाहिए। अधिक मात्रा में डाइपर का प्रयोग या अधिक समय तक मलद्वार का गीला बना रहना त्वचा के लिए हानिकारक होता है।

बच्चे के मुंह की सफाई

नहलाते समय बच्चे के मुंह की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि उनकी आंखों या नाक में पानी ना चला जाए, सूती के कपड़े को पानी में अच्छी तरह से भीगों कर चेहरे एवं आंखों के आस-पास के हिस्से को साफ करें, जवान के अंदर गीले कपड़े को डाल कर उसे हल्के हाथों से रगड़ कर साफ करें।
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