मिनटों में चेहरे की झुर्रिर्यों से छुटकारा दिलाएगा ये देशी फूल

अनार का फूल नारंगी व लाल रंग के, कभी-कभी पीले 5 से 7 पंखुड़ियों से युक्त एकल या 3 से 4 के गुच्छों में होते हैं। इसकी पुष्‍प कलिका का 4 से 5 ग्राम तक सेवन किया जा सकता है। यह चेहरे की झुर्रियों को दूर करने के साथ और भी कई प्रकार की बीमारियों को दूर करता है।
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मिनटों में चेहरे की झुर्रिर्यों से छुटकारा दिलाएगा ये देशी फूल

कई शारीरिक समस्‍याएं ऐसी होती हैं जिससे छुटकारा पाने के लिए आपको किसी हॉस्पिटल जाने की ज्‍यादा जरूरत नहीं है, जी हां हम बात कर रहे है अनार के फूल की। इस फूल के कई चमत्कारी फ़ायदे बताएंगे लेकिन उससे पहले जान ले इसमें बारे में, अनार का फूल नारंगी व लाल रंग के, कभी-कभी पीले 5 से 7 पंखुड़ियों से युक्त एकल या 3 से 4 के गुच्छों में होते हैं। इसकी पुष्‍प कलिका का 4 से 5 ग्राम तक सेवन किया जा सकता है। यह चेहरे की झुर्रियों को दूर करने के साथ और भी कई प्रकार की बीमारियों को दूर करता है।

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शरीर में झुर्रियां या मांस का ढीलापन

अनार के पत्ते, छिलका, फूल, कच्चे फल और जड़ की छाल सबको एक समान मात्रा में लेकर, मोटा, पीसकर, दुगना सिरका, तथा 4 गुना गुलाबजल में भिगायें। 4 दिन बाद इसमें सरसों का तेल मिलाकर धीमी आंच पर पकायें। तेल मात्र शेष रहने पर छानकर बोतल में भरकर रख लें। इस तेल को रोज चेहरे या शरीर के अन्य भाग पर मालिश करें तो त्वचा की शिथिलता में इससे लाभ होता है। इसके साथ ही जिनके शरीर में झुर्रियां पड़ गई हों, मांसपेशियां ढीली पड़ गई हो उन्हें भी इस तेल की मालिश से निश्चित लाभ होता है।


नाक  से  खून  आना  या  नकसीर

इनका रस 1-2 बूंद नाक में टपकाने से या सुंघाने से नाक से खून बहना बंद हो जाता है। यह नकसीर के लिए बहुत ही उपयोगी औषधि है। या अनार के फूल और दूर्वा (दूब नामक घास) के मूल रस को निकालकर नाक में डालने और तालु पर लगाने से गर्मी के कारण नाक से निकलने वाले खून का बहाव तत्काल बंद हो जाता है।

 

दांत  से  खून आना

अनार के फूल छाया में सुखाकर बारीक पीस लेते हैं। इसे मंजन की तरह दिन में 2 या 3 बार दांतों में मलने से दांतों से खून आना बंद होकर दांत मजबूत हो जाते हैं।

 

पेट के कीड़े

अनार के फूल काढ़ा बनाकर  उसमें 1 ग्राम तिल का तेल मिलाकर पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।

 

अतिसार

अनार की कली 1 ग्राम, बबूल की हरी पत्ती 1 ग्राम, देशी घी में भुनी हुई सौंफ 1 ग्राम, खसखस या पोस्त के दानों की राख आदि 3 ग्राम की मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में 1 दिन में सुबह, दोपहर और शाम को मां के दूध के साथ पीने से बच्चों का दस्त आना बंद हो जाता है।

 

दांतों के सभी रोग

अनार तथा गुलाब के सूखे फूल, दोनों को पीसकर मंजन करने से मसूढ़ों से पानी आना बंद हो जाता है। केवल अनार की कलियों के चूर्ण का मंजन करने से मसूढ़ों से खून आना बंद हो जाता है।

 

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