मौसम के बदलने के साथ सर्दी-जुकाम की समस्या होती है और उसके कारण भी खांसी भी होती है। लोग इसे हल्के में लेते हैं, लेकिन अगर खांसी तीन सप्ताह या उससे अधिक समय तक रहती है तो यह टीबी का संकेत हो सकती है। इसके अलावा दमा या स्वाइन फ्लू के कारण भी खांसी हो सकती है। इस स्थिति में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। सामान्यतया लोग खांसी के उपचार के लिए चिकित्सक के पास जाने से बचते हैं। तो क्यों न घर में मौजूद शहद और नींबू से इसका उपचार किया जाये। इस लेख में विस्तार से जानिये कि नींबू और शहद खांसी के लिए कितने फायदेमंद हैं।
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क्यों आती है खांसी
चिकित्सकों का मानना है कि खांसी अपने आप में कोई रोग नहीं होता, बल्कि यह शरीर की सामान्य प्रतिक्रिया अथवा किसी बीमारी का संकेत होती है। लेकिन ऐसे में भी खांसी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। आमतौर पर खांसी का कारण इंसान के फेफड़ों, सांस नली या गले में संक्रमण होता है। दरअसल, यह एक ऎसा मैकेनिज्म है, जो शरीर में होने वाली किसी समस्या की तरफ भी इशारा करता है हमें बीमारियों के लिए एक प्रकार का संकेत भी देता है।
क्या हैं खांसी के कारण
खांसी के लिए कई कारणों को जिम्मेदार माना जा सकता है। फेफड़ों की नसों पर अधिक दबाव होने या दिल का एक हिस्सा बड़ा हो जाने पर भी खांसी की समस्या होने लगती है, इसे दिल का अस्थमा कहते हैं। लगातार और लम्बे समय तक चलने वाली खांसी किसी बड़ी बीमारी का कारण या संकेत हो सकती है। दमा, गले में संक्रमण, टॉन्सिलाइटिस, फेरनजाइटिस, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों का संक्रमण, निमोनिया के कारण खांसी हो सकती है। लगातार तीन हफ्ते या इससे ज्यादा चलने वाली खांसी टीबी का संकेत हो सकती है।
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शहद और नींबू
खांसी के उपचार के लिए बहुत पहले से ही शहद और नींबू का प्रयोग किया जा रहा है। शहद में ऐसे एंटीबैक्टीरियल तत्व पाये जाते हैं जो खांसी का संक्रमण फैलाने वाले कीटाणुओं से बचाव करते हैं। इसके अलावा शहद में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, मैगनीज, सेलेनियम और फ्लोरॉयड होता है जो हमारी कोशिकाओं को बनने में मदद करता है। शहद हमारे शरीर के लिए एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह है।
नींबू में विटामिन सी पाया जाता है। नींबू का जूस और नींबू पानी भी शरीर के लिए फायदेमंद है। विटामिन सी हमारे शरीर के लिए जरूरी विटामिन में से एक है जो इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी है और यह बहुत ही शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट है। इसके अलावा यह शरीर में संक्रमण पैदा करने वाले कीटाणुओं से बचाव करता है।
खांसी को सामान्य समस्या की तरह न लें, तीन सप्ताह से अधिक आने वाली खांसी टीबी का संकेत है। ऐसी स्थिति में चिकित्सक से संपर्क जरूर करें।