डायबीटिज यानि कि मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो देखने सुनने में ज्यादा खतरनाक नहीं लगती है और इसे बुढ़ापे की एक आम बीमारी मान ली जाती है जबकि हकीकत ये है कि डायबीटिज किसी भी अन्य गंभीर बीमारी की तरह खतरनाक है जो न सिर्फ बूढ़े लोगों को होता है बल्कि आज के ज़माने में जवान बच्चों में डायबिटीज होना आम बात है।
अकसर ये सवाल उठता है कि डायबीटिज क्या है, डायबिटीज को समझना क्यों जरूरी है, डायबिटीज कितने प्रकार की है। टाइप 1 डायबीटिज में आपका अग्न्याशय इंसुलिन का निर्माण करना बंद कर देता है या टाइप 2 डायबीटिज में आपका शरीर आपके शरीर में मौजूद इंसुलिन का उपयोग कर पाने में असमर्थ होता है जिसकी वजह से आपके शरीर का ग्लूकोज आपके शरीर की कोशिकाओं तक नहीं पहुँच पाता और आपको इंधन नहीं मिलती जिसकी वजह से आपको उर्जा नहीं मिलती और आप थके थके लगने लगते हैं। कई बार आपको चक्कर भी आने लगता है।
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डायबीटिज से होने वाले नुकसान
डायबीटिज की वजह से इसका मरीज अँधा भी हो सकता है; पैर ख़राब हो सकते है कुछ इस हद तक की उन्हें काटना पड़ जाये; शुगर लेवल ज्यादा बढ़ जाने से इसके मरीज के गुर्दे भी ख़राब हो जाते है एवं दिल की कई बीमारियाँ घेर लेती हैं।
एक बार जिसे डायबीटिज की बीमारी हो जाती है तो उसके लिए इस रोग को पूरी तरह से ठीक करना असंभव सा हो जाता है, लेकिन घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि इस बीमारी को आप दवा एवं अन्य प्राकृतिक उपायों से नियंत्रण में रख सकते हैं एवं दूसरे लोगों जैसा जीवन जी सकते हैं।
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डायबीटिज होने के कारण
यूँ तो डायबीटिज होने के कई कारण होते हैं लेकिन उनमें से एक प्रमुख कारण है व्यायाम न करना। आज की तारीख में ऐसे कई लोग हैं जो काम की अति व्यस्तता की वजह से या आलस्य की वजह से व्यायाम नहीं कर पाते। ऐसे लोगों का शरीर इंसुलिन का उपयोग करना धीमा करने लगता है और एक समय ऐसा आता है जब आप डायबीटिज के शिकार हो जाते हैं।
डायबीटिज और व्यायाम
- डायबीटिज से बचने का या उसपर नियंत्रण रखने का व्यायाम सबसे अच्छा उपाय है।
- ऐसा माना जाता है कि मयूरासन हीं एक ऐसा आसन है जो डाईबीटिज को ठीक कर सकता है। लेकिन यह एक बहुत हीं कठिन आसन है जिसे हर कोई नहीं कर सकता तथा इस आसन को करने से पहले आपको कई अन्य आसनों में पारंगत होना पड़ेगा। अगर आप इस आसन को करना चाहते हैं तो किसी योग गुरु के मार्गदर्शन में इसे करें।
- डायबीटिज के लिए वाकिंग यानि कि पैदल चलना अति उत्तम व्यायाम है। पैदल चलने से आपके शरीर का ग्लूकोज उपयोग में आता है और यह उर्जा में तब्दील हो जाता है। इस वजह से आपका शुगर लेवल कम होता है। वाकिंग करने से आपका रक्त प्रवाह भी सुचारू रूप से चलता है, खून पतला होता है तथा आपका वजन कम होता है जिसकी वजह से डायबीटिज की वजह से होने वाली परेशानियों से आपको छुटकारा मिलती है। अगर आप रोजाना सुबह शाम आधे आधे घंटे पैदल चला करें तो आपको इससे बहुत हीं लाभ मिलेगा।
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टॉप स्टोरीज़
- अगर आप तैराकी कर सकते हैं तो यह भी डायबीटिज में बहुत लाभ पहुंचाता है। लेकिन आप अपनी उम्र, दशा इत्यादि को ध्यान में रखकर हीं तैराकी किया करें।
- डांस करना (यानि नाचना) भी बहुत हीं अच्छा व्यायाम है। अगर आप अपनी मनपसंद गाने पर 20-30 मिनट रोजाना डांस करने का अभ्यास करते हैं तो इससे आपका तनाव भी दूर होगा तथा आपका शुगर लेवल भी कम होगा। डांस हीं एक ऐसा व्यायाम है जिससे आपको बोरियत नहीं होती और लाभ दूसरे व्यायाम जितना हीं मिलता है।
- रस्सी कूद करने से भी डाईबीटिज में बहुत फायदा पहुँचता है।
- तरह तरह के योग करने से भी डायबीटिज के मरीजों को बहुत लाभ पहुँचता है। प्राणायाम, पद्मासन, सूर्य नमस्कार, बज्रासन इत्यादि कुछ ऐसे आसन हैं जिन्हें आप आसानी से कर सकते हैं और उतना हीं लाभ पा सकते हैं जितना लाभ आपको तेज दौड़ने से मिल सकता है।
याद रहे सिर्फ दवा से आप डायबीटिज को नियंत्रण में नहीं रख सकते। उसके लिए आपको व्यायाम करना हीं होगा। इसलिए व्यायाम करें और डायबीटिज पर नियंत्रण रखें।
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