अनेक बीमारियों की जड़ है डायबिटिज

डायबिटीज कहने को एक बीमारी है, लेकिन यह अपने साथ कई अन्‍य बीमारियों को लेकर आती है। डायबिटीज से मरीज को आंखों की बीमारी, उच्‍च रक्‍तचाप और हृदय रोग होने का अंदेशा बढ़ जाता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
अनेक बीमारियों की जड़ है डायबिटिज


डायबिटीज़ जिसमें एक ग्रंथी, जिसे पेंक्रियाज़ कहते हैं, वो सही तरह से काम करना बंद कर देती हैं। पेंक्रियाज़ से अलग अलग तरह के हार्मोस निकलते हैं, जैसे की इंसुलिन और गलुकागों। इंसुलिन खून में से, शरीर के सभी सेल को, चीनी या शुगर पहुंचाने में मदद करता है| इससे सभी सेल को उर्जा मिलता है। डायबिटीज़, फ्लू या अस्वस्थ्ता मरीज़ को सामान्य व्यक्ति की तुलना में कहीं अधिक प्रभावित कर सकती हैं।

 


डायबिटीज से बचाव

डायबिटीज़ के साथ किसी और बीमारी का सामना करना आसान नहीं होता चाहे वह फ्लू जैसी सामान्य बीमारी ही क्यों ना हो। अगर बात उन दिनों की करें जब आप फ्लू या किसी दूसरी बीमारी के कारण बीमार रहते हैं तो बहुत से डाक्टर्स ऐसी सलाह देते हैं कि आप ऐसी स्थितियों का मुकाबला करने के लिए तैयार रहें।

daibetes

अगर आपको डायबिटीज़ है और आप बीमार भी हैं, तो ऐसे में आपको अपने डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए या आप घर के किसी ऐसे सदस्य से भी सम्पर्क कर सकते हैं जिसे आपकी इस बीमारी का पता हो। ऐसे समय के लिए प्लान बनाने का एक कारण यह भी है कि जब हमारा शरीर कोल्ड या फ्लू से प्रभावित होता है तो ऐसे में रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर बढ़ जाता है।

 

वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन के दौरान शरीर का तापमान बढ़ जाता है और इससे तनाव के कारक हार्मोन प्रकाशित होते हैं जो इल्सुलिन हार्मोन को प्रभावित करते हैं। इन्सुलिन हार्मोन ही ऐसा हार्मोन है जो रक्त में ग्लूकोज़ के स्तर को संचालित करता है। तनाव के कारण रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है और कमज़ोरी के कारण आप बहुत ज़्यादा खा भी नहीं सकते।



रक्त में इस प्रकार शुगर की अधिक मात्रा डायबिटिक कीटोएसिडोसिस को जन्म देती है। कीटोएसिडोसिस एक गंभीर बीमारी है, जो हमारे रक्त में ग्लूकोज़ और कीटोन्स की मात्रा बहुत अधिक होने के कारण होती है। जब रक्त में ग्लूकोज़ की मात्रा अधिक हो जाती है और हमारे शरीर को और इन्सुलिन की आवश्यकता होती है तो रक्त में मौजूद कीटोन्स एक चेतावनी संकेत प्रदर्शित करते हैं। अगर आपके यूरीन में 2$ से ज़्यादा मात्रा में कीटोन्स हैं तो आप तुरंत डाक्टर से सम्पर्क करें। इन्हीं कारणों से बीमारी की अवस्था में ग्लूकोज़ पर लगातार ध्यान देना ज़रूरी हो जाता है।

अगर आपके रक्त में शुगर का स्तर 240  मिलीग्राम/मिलीलीटर से ज़्यादा है, तो ऐसे में कीटोन्स की मात्रा जानने के लिए यूरीन टेस्ट होता है। ऐसी अवस्था में हर 12 घंटे पर कीटोन्स का टेस्ट ज़रूरी हो जाता है। जब आप कमज़ोर हैं तो ऐसे में खाने की इच्छा ना होना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन ऐसे में स्वस्थ आहार और तरल पेय पदार्थ लेना भी ज़रूरी होता है जैसे पानी ,कार्बोनेटेड ड्रिंक और फलों का रस। अगर आप अपने आपको सामान्य तरीके का आहार लेने में असमर्थ पाते हैं तो अधिक से अधिक तरल पदार्थ लें जैसे सूप, स्पोर्टस ड्रिंक, दूध आदि।

diabetes

आप ऐसे आहार भी ले सकते हैं, जो पेट के लिए हल्के हों जैसे क्रैकर्स और जिलेटिन। डाक्टर्स ऐसे में हर तीन घंटे पर 50 ग्राम कार्बोहाइड्रेट लेने की सलाह देते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात है: जब आप बीमार हों तो भी डायबिटीज़ की दवा लेना ना भूलें ,अगर आपको उल्टियां हो रही हैं या खाने में परेशानी है तो भी आप दवाएं लेना ना छोड़ें। अगर आप दवाएं नहीं ले सकते तो ऐसे में डाक्टर से सम्पर्क ज़रूर करें, क्योंकि ऐसे में आपको इन्सुलिन की और अधिक डोज़ लेने की आवश्यकता होती है।

डायबिटीज़ के साथ एक मुख्य बात यह है, कि इसे नियंत्रित किया जा सकता है और यह तभी बढ़ता है जब हम अपना ठीक से ख्याल नहीं रखते इसलिए अपना ख्याल रखें।

 

 

Read More Article on Diabities in hindi.

Read Next

टाइप 1 में मददगार है स्टेम सेल चिकित्सा

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version