सर्दी से होने वाले जुकाम, हल्का निमोनिया अथवा पेट की गड़बडि़यों जैसी सामान्य परेशानियों का असर आपकी याददाश्त पर पड़ सकता है। एक नये शोध में यह बात सामने आई है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि क्लाइमिया निमोनिया, हेलीकॉब्टर प्लोरी, साइटोमेग्लोवायरस और हरपस सिम्प्लेक्स वायरस आदि का संबंध कई संज्ञानात्मक प्रदर्शनों से होता है। इसमें याददाश्त, मस्तिष्क के काम करने की गति, नीति बनाने और किसी चीज का कारण तलाशने की क्षमता भी शामिल है।
अमेरिका के मियामी स्थित इवेलयल एफ्मैक्नाइट ब्रेन इंस्टीट्यूट के साइंटिफिक निदेशक क्लिंटन राइट का कहना है कि हमें संज्ञानात्मक प्रदर्शनों के स्तर में गिरावट के कारण जानने में काफी दिलचस्पी थी।
इससे पहले के शोधों में इस प्रकार के संक्रमणों को स्ट्रोक और अल्जाइमर में इजाफा करने में उत्तरदायी माना गया था।
शोधकर्ताओं ने यह जानने की कोशिश की क्या इन संक्रमणों का खतरा याददाश्त की कमी, सोचने की गति और मस्तिष्क की अन्य क्षमताओं पर पड़ता है। इस शोध में मस्तिष्क के काम करने की प्रक्रिया की जांच की गयी साथ ही 588 लोगों के रक्त की भी जांच की गयी। इनमें से आधे प्रतिभागियों की पांच साल बाद एक बार फिर संज्ञानात्मक जांच की गई।
राइट ने कहा कि बुरी संज्ञानात्मक प्रक्रिया का एक कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का संक्रमण के प्रति रवैया हो सकता है अथवा संक्रमण खुद भी आपके शरीर को कुछ नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि राइट ने यह भी साफ कर दिया कि लोगों को इन संक्रमणों का सामना करने के लिए बड़ी योजनायें बनाने की जरूरत नहीं है।
हालांकि अभी तक इस बात के प्रमाण नहीं मिले हैं कि इन संक्रमणों का इलाज करने के कोई लाभ मिलते हैं क्योंकि वायरस का आपके शरीर पर शुरुआती असर दशकों पहले ही हो सकता है और इसका नुकसान आपको धीरे-धीरे हो सकता है।
Source- DNA
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