स्वस्थ रहने के लिए खुद में सुधार करना बहुत जरूरी है। शरीर की बाहरी देखभाल के साथ अंदरुनी देखभाल भी जरूरी है। हमारे अंदर कुछ खास आदतें ऐसी होती हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकती है। ऐसे में आपको पहले इन आदतों को पहचानना है और उससे निजात पाने की कोशिश करनी चाहिए।
संपूर्ण नीति एक ऐसी नीति जिसके जरिए आप खुद को सेहतमंद रख सकते हैं। इसमें हर तरह की शारीरिक और मानसिक फिटनेस टिप्स का समावेश है। खुद को सेहतमंद रखने के लिए अपने शरीर की जरूरतों को समझ ना जरूरी है क्योंकि हर किसी की शरीर की जरूरतें अलग होती हैं। आइए जानें कि संपूर्ण नीति के जरिए आप खुद को पूरी तरह से कैसे स्वस्थ रख सकते हैं।
तनाव का सामना करना सीखें
आप अपनी लाइफ में तनाव को आने से नहीं रोक सकते हैं। लेकिन अगर हमें मन और परिस्थिति पर नियंत्रण करने का तरीका आता है तो इस तनाव का असर हमारे मन और तन पर नहीं पड़ सकता।
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- किसी घटना या बात के बारे में सोच-सोच कर दिमाग पर दबाव ना डालें। कोई घटना हो गई हो तो उस पर दिमागी मंथन तो कतई न करें, सदा प्रसन्नचित्त रहने का प्रयास करें।
- जब आप घर में हों तो बच्चों के साथ खूब मस्ती करें, उछल-कूद करें, यह क्रिया आपको एनर्जी देगी और मन प्रफुल्लित रखेगी। वैसे भी बच्चों के साथ सारे टेंशन दूर हो जाते हैं।
- हर व्यक्ति अपने जीवन में किसी न किसी संस्था से जुड़ा होता है, आप भी किसी खेल, सामाजिक, सांस्कृतिक या रचनात्मक संस्था से जुड़ें और उसके लिए अपना समय निकाले, फिर देखें आपका तनाव कैसे कम होता है।
- अध्यात्म और धर्म के लिए भी कुछ समय निकालें, इससे मन प्रफुल्लित रहता है। कुछ समय अपने स्वयं के लिए भी निकालें, यानी अपनी पसंद का कोई काम करें, एकांत में ध्यान करें।
- परेशानियां और उलझनों के बारे में जितना सोचते हैं, वे उतना ही परेशान करती हैं और दिमागी रूप से मानव को कमजोर कर देती हैं। खुद भी खुश रहें और दूसरों को भी खुश रखें।
आहार पर दें ध्यान
हर दिन जाने-अनजाने हम ऐसा खाना खाते हैं जिससे हमारी भूख तो मिट जाती है मगर हमारे शरीर की जरूरतें पूरी नहीं होती हैं और हमारा शरीर कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाता है। अगर हम छोटी-मोटी कुछ बातों को ध्यान में रखें तो आपने आपको स्वस्थ रख सकते हैं।
- खुद को चुस्त और स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है अपने खाने पर ध्यान देना।
- स्वास्थ्यवर्धक और साफ-सुथरा खाना खाएँ।
- दिन में सिर्फ तीन बार खाने की बजाय पाँच बार खाएँ पर थोड़ा-थोड़ा।
- नाश्ता रोज करें और नाश्ते में पौष्टिक व्यंजन ही खाएँ।
- विभिन्न रंगों के खाद्य पदार्थ खाने का प्रयत्न करें और खाएं। उसमें कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं।
- विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट (ऑक्सीकरण रोधी) से भरपूर आहार लें।
- फिट रहने के लिए कम खाने का मतलब कुछ भी खाने की जगह आप मेवे, दाने, फल या सब्जियां खा सकते हैं। इस प्रकार आपको ऊर्जा भी मिलेगी और अगले भोजन के समय तक आपका पेट भी भरा रहेगा तथा आप पूर्ण रूप से स्वस्थ रहेंगे।
प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ रहें
खुद को स्वस्थ रहने के लिए दवाओं या कृत्रिम चीजों का प्रयोग बंद कर प्राकृतिक चीजों का प्रयोग करें। अपनी आदतों में सुधार लाएं और फिट रहें।
- हर रोज सूर्योदय से पूर्व उठने का नियम बनाएं। इसके लिए रात में जल्दी सोने की आदत डालें। सुबह उठने के बाद शौचादि से निवृत्त होकर ऊषापान करें। ऊषापान के लिए रात में पानी तांबे के बर्तन में भर कर रख दें और सुबह उसमें से लगभग दो गिलास पानी खाली पेट पीएं। सर्दी के मौसम में पानी थोड़ा गुनगुना कर लें।
- खुले वातावरण में जाकर योगाभ्यास करें।
- अपनी दिनचर्या में शारीरिक श्रम को महत्व दें। कई रोग इसीलिए पैदा होते हैं, क्योंकि हम दिमाग से अधिक और शरीर से कम काम लेते हैं। आलस्य त्यागकर पैदल चलने, खेलने, सीढ़ी चढ़ने, व्यायाम करने, घर के कामों में हाथ बंटाने आदि शारीरिक श्रम वाली गतिविधियों में लगें।
- भूख लगने पर ही भोजन करें। जितनी भूख हो, उससे थोड़ा कम खाएं। अच्छी तरह चबा कर खाएं। दिन भर कुछ न कुछ खाते रहने का स्वभाव छोड़ दें। दूध, छाछ, सूप, जूस, पानी आदि तरल पदार्थों का अधिकाधिक सेवन करें।
- प्रकृति के नियमों के अनुरूप चलें।
- भोजन पौष्टिक हो और सभी आवश्यक तत्वों से भरपूर हो।
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