रोजाना करें सिर्फ ये 2 योगासन, 60 साल तक भी नहीं आएगा बुढ़ापा

जिंदगी की शाम जब ढलने लगती है तो न सिर्फ शरीर में ढेरों बीमारियां अपना घर बना लेती हैं, बल्कि जीवन में एक सूनापन भी छा जाता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
रोजाना करें सिर्फ ये 2 योगासन, 60 साल तक भी नहीं आएगा बुढ़ापा


जिंदगी की शाम जब ढलने लगती है तो न सिर्फ शरीर में ढेरों बीमारियां अपना घर बना लेती हैं, बल्कि जीवन में एक सूनापन भी छा जाता है। हमारे देश में बहुत कम ऐसे लोग हैं, जो 60 साल की उम्र में भी उसी जीवंतता के साथ जीवन व्यतीत करते हैं। योग के सहारे इस उम्र में भी खुद को शारीरिक व मानसिक रूप से दुरुस्त रख सका जा सकता है।

फायदे हैं अनेक

वैसे तो उम्र के हर पड़ाव पर ही योग के अनेक फायदे हैं, लेकिन स्त्रियों को तो योग के ज़रिये अतिरिक्त फायदा पहुंचता है। उम्र के अलग-अलग दौर में विभिन्न प्रकार के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में अपनी स्ट्रेंथ बढ़ाने, बीमारियों को दूर करने, हड्डियों की उम्र बढ़ाने, माइंड को शार्प करने और अपनी स्किन की टाइटनिंग और ग्लो को बनाए रखने के लिए योग का रास्ता अपना सकते हैं। ये दो प्राणायाम अपने आप में ही संपूर्ण हैं।

इसे भी पढ़ें : रोजाना करें ये 2 योगासन सफेद बाल हो जाएंगे काले!

कपालभाति

यह प्राणायाम की एक विधि है। इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से चेहरे पर चमक आती है, साथ ही झुर्रियां भी कम होती हैं। इसके लिए किसी भी मुद्रा में बैठ जाएं। साथ ही कमर व गर्दन को सीधा कर लें, जब पीठ सीधी होगी तो छाती आगे की ओर उभरी रहनी चाहिए। हाथों को घुटनों पर ज्ञान की मुद्रा में रखें। इसके बाद नाक से सांस छोडें। पेट को अंदर की ओर खींचकर रखें। अब नाक से सांस को अंदर खींचें और पेट को बाहर करें। इस क्रिया को 50 बार से धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 500 बार तक किया जा सकता है। एक क्रम में 50 बार से अधिक न करें। ध्यान रखें, खाना खाने के बाद कम से कम 3 घंटे तक इसे ट्राई न करें। 

अनुलोम-विलोम

इसके नियमित अभ्यास से आप लंबे समय तक निरोगी बने रह सकते हैं। दरअसल, इस प्रणायाम के दौरान जब हम गहरी सांस भरते हैं तो शुद्ध वायु हमारे खून के दूषित पदार्थों को बाहर निकाल देती है और शुद्ध रक्त शरीर के सभी अंगों में जाकर उन्हें पोषण प्रदान करता है। इस प्राणायाम को करने के लिए किसी भी आसन में बैठ जाएं। अब दाहिने हाथ के अंगूठे से नासिका के दाएं छिद्र को बंद कर लें और बाएं छिद्र से चार तक की गिनती में सांस को भरें और फिर बायीं नासिका को अंगूठे के बगल वाली दो उंगलियों से बंद कर दें। इसके बाद दायीं ओर से अंगूठे को हटा दें और सांस को बाहर छोड़ें। आप इसको अपनी क्षमता के अनुसार पांच मिनट से पंद्रह मिनट तक कर सकते हैं।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Yoga

Read Next

खराब से खराब लिवर को भी दुरुस्त बनाते हैं ये 3 योगासन

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version