बदलती जीवनशैली के साथ आज युवाओं में फिटनेस को लेकर गंभीरता बढ़ी है। तो वहीं, जिम कल्चर भी बढ़ा है। आपकी फिटनेस के लिए योग या जिम दोनों में से क्या बेहतर है। इस सवाल की असमंजस अक्सर लोगों में रहती है। अगर कोई व्यक्ति खुद की फिटनेस को लेकर गंभीर है और फिट रहने की शुरूआत करना चाहता है तो वह शुरूआती दौर में असमंजस में रहता है कि योग या जिम (Yoga Vs Gym For Fitness) दोनों में से क्या बेहतर है। तो आज हम आपकी इस कंफ्युजन का सोल्युशन लेकर आए हैं। योग या जिम दोनों में से शरीर को फिट रखने के लिए क्या सही है, इस पर हमने कौशल स्टूडियो में योग शिक्षक दिव्यांश शर्मा से बात की।
योग शिक्षक दिव्यांश ने बताया कि योग और जिम दोनों की अपनी खूबी हैं। इन विधाओं को एक-दूसरे का प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं देख सकते। उन्होंने कहा कि जहां जिम मसल हाइपरट्रोफी पर जोर देता है। तो वहीं, योग मानसिक और शारिरिक दोनों स्तरों पर काम करता है। अब जिम या योग में से क्या चुनना है यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि उसे खुद से चाहिए क्या। यह सवाल उसके अपने ऊपर होता है कि उसे सिर्फ शारीरिक बल पर ध्यान देना है या मानसिक और शारीरिक दोनों पर। तो आइए योग शिक्षक दिव्यांश से समझते हैं कि योग या जिम आपकी सेहत के लिए दोनों से क्या बेहतर है।
योग या जिम क्या है बेहतर?
इस सवाल के जवाब में दिव्यांश कहते हैं कि आजकल युवाओं के बीच जिम कल्चर काफी लोकप्रिय है। जिम मांसपेशियां के आकार को बढ़ाता है। जिम का काम होता है कैलोरी बर्न करवाना। योग की अगर हम बात करें तो योग पूरे शरीर पर काम करता है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी इंसान का लक्ष्य था कि वह वजन कम करे तो इसके लिए वह जिम में जाएगा कैलोरी बर्न करेगा, लेकिन जब वह योग के अंदर आएगा तो अपनी कैलोरी बर्न करेगा ही साथ ही साथ शरीर में होने वाली बामारियों के विरुद्ध लड़ने की क्षमता को भी बढ़ाएगा। इस तरह उन्होंने योग के निम्न फायदे बताए-
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योग से मांसपेशियों को मजबूती
योग मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है। इससे कठोर मांसपेशियों को आराम मिलता है। पूरे शरीर में मांसपेशियों में खिंचाव देता है। जिससे सारी मांसपेशियां रिलैक्स रहेंगी जिसकी वजह से मसल बल पूर्ति (compensation) नहीं होगी, जबिक बहुत से लोग जो जिम में जाते हैं उन्हें कंपनसेशन होती है। कंपनसेशन से अभिप्राय है कि एक ऐसी घटना है जिसके अंदर एक मांसपेशी का काम दूसरी मांसपेशी करती है। जब वह मांसपेशी अपने काम को कुशलता से नहीं कर पाती, जैसे अगर आपको अपने हाथ से कुछ उठाना था तो बाइसेप्स मांसपेशी से यह काम होना था, लेकिन जब आपकी मांसपेशी कमजोर होती है तो आप अपने कंधा, छाती, पीठ की मांसपेशी को मिलाकर सामान को उठाते हैं। यह एक बल की पूर्ति हुई जो बाईसेप्स की जगह कोई और मांसपेशी करती है। इस बल पूर्ति को आप कुछ जिम जाने वाले व्यक्तियों में देख सकते हैं। कुछ लोगों के कंधे टाइट हो जाते हैं, चाल भी थोड़ी बदल जाती है, उनका शरीर सख्त हो जाता है। जिसकी वजह से वे कुछ काम नहीं कर पाते। इसलिए योग जिम से बेहतर उपाय माना जाता है।
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योग और वजन नियंत्रण
अगर किसी को अपना वजन नियंत्रण करना है तो जिम जाने पर वह व्यक्ति कैलोरी कम करने के साथ डाइट पर कंट्रोल नहीं कर पाता है। क्योंकि वह मन की शक्ति विकसित नहीं हो पाती, लेकिन जो लोग योग के क्षेत्र में आते हैं वह कैलोरी तो बर्न करते ही हैं लेकिन इसके साथ-साथ मन की शक्ति को भी विकसित तो करते हैं। साथ ही गलत खानपान पर नियंत्रण भी लगा पाते हैं। किसी भी आयु का व्यक्ति (7 साल से बड़ा) योग को कर सकता है। बहुत सारी बीमारियों के अंदर भी योग को कर सकते हैं और योग के फायदे ले सकते हैं, लेकिन जिम जाने के लिए आपको शारीरिक रूप से फिट रहना पड़ता है। योग वजन नियंत्रण करने में सहायक है।
शारीरिक और मानसिक शांति
जहां एक ओर जिम आपको शारीरिक रूप से दुरुस्त और आकर्षक बनाता है तो वहीं योग आपको शारीरिक, मानसिक और आध्यत्मिक तीनों रूपों में सुंदर बनाता है। योग में मन की शांति पर अधिक बल दिया जाता है। जब मन खुश होगा तो शरीर भी दुरुस्त होगा। जो लोग जिम जा रहे हैं अगर वे जिम के साथ-साथ योग भी करें तो आपको यह जान लेना आवश्यक है, कि यह दोनों एक दूसरे के विरुद्ध नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि आप जिम के साथ योग करेंगे तो आपका जिम जाना विफल हो जाएगा। योग आपकी मांसपेशियों को पर्याप्त खिंचाव देता है। जिन मसल को आप ताकत दे रहे हैं वो मसल अपनी पूरी कार्य क्षमता पर कार्य कर पाएगी। और आपकी मसल टाइट नहीं होगी। आप आज के आधुनिक जीवन में अनेक उदाहरण देख सकते हैं कि वे लोग जो जिम और योग दोनों एक साथ करते हैं वे अधिक लचीले होते हैं और उनकी बॉडी भी अच्छी होती है।
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योग सिखाता है खुद से प्यार
जिम में संगीत और शीशे पर ज्यादा ध्यान देते हैं जबकि योग के अंदर हम सामान्यत: अपने शरीर से जुड़ते हुए हम अभ्यास करते हैं। जिसकी वजह से खुद से प्यार की भावना जागती है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया है कि योग करने से मानसिक और शारीरिक दोनों ही रूपों में आपको फिटनेस मिलती है। तो इससे यह समझ आता है कि योग आपको दोनों रूपों में मजबूत करता है।
योग और जिम की ये पूरी चर्चा के बाद आप यह समझ ही गए होंगे कि जिम या योग दोनें में से आपके लिए क्या बेहतर है। अंत में यह कहा जा सकता है कि जिन लोगों को अपनी मांसपेशियों को बढ़ाना है और कैलोरी बर्न करनी हैं तो वे लोग जिम की तरफ जा सकते हैं। यह आपके जॉइंट में होने वाली परेशानी को भी बचा सकता है, पर अन्य लोग जो लोग बीमारियों से लडने की क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं, जो मन की शांति चाहते हैं और मांसपेशियों को एक हद तक बढ़ाना चाहते हैं, अपने जोड़ों में होने वाली परेशानियों से बचना चाहते हैं और इसके साथ कैलोरी बर्न करना चाहते हैं, मन पर नियंत्रण चाहते हैं तो वे लोग योग की तरफ जा सकते हैं।
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