अष्टांग योग वजन घटाने में मददगार है। यह योग वजन घटाने में कैसे मददगार है इसके बारे में हमने बात की इनोसेंस योग की योग एक्सपर्ट भोली परिहार से। भोली ने बताया कि जैसा कि इसके नाम से पता चलता है कि आठ अंग। इसमें आठ अंगों की बात की गई है जिसमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान-समाधि ये इसके आठ अंग हैं। इसके हर एक अंग का अपना अलग ही मतलब है। आज हम अष्टांग योग के तीसरे भाग यानी आसन की बात करेंगे। अष्टांग योग में सभी आसन निर्धारित हैं। जिन्हें शारीरिक, मानसिक व सांसों के नियमन (Flow) के साथ किया जाता है।
वजन घटाने में कैसे मददगार है अष्टांग योग?
इस सवाल का जवाब देते हुए एक्सपर्ट भोली परिहार ने कहा कि अष्टांग योग में कोई एक दो या आसन नहीं बल्कि आसनों की एक लंबी क्रम है जिसे लगातार करते हैं। जिसकी वजह से हमारे शरीर की सभी मांसपेशियां गर्म हो जाती हैं। उन मांसपेशियों को अच्छा खिंचाव मिलता है। शरीर में पसीना आता है। साथ ही साथ यह हमारे शरीर की हड्डियों को भी मजबूत करता है। अष्टांग योग में शुरुआत ही सूर्य नमस्कार ए और सूर्य नमस्कार बी से होती है। और इसमें लगातार बिना रुके आसन किए जाते हैं। जिसकी वजह से आपके शरीर अनचाहा फैट बहुत तेजी से कम होता है। यह आपको शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है। क्योंकि इसमें आसन ही नहीं बल्कि आसनों के साथ अलग प्रकार की मुद्राएं व ब्रेथ टेक्निक का प्रयोग किया जाता है।
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वजन घटाने के लिए अष्टांग योग के आसन
वजन घटाने में अष्टांग योग के निम्न आसन आपके काम आएंगे-
चक्रासन (Chakrasana)
चक्रासन बहुत ही लोकप्रिय आसनों में से एक है। चक्रासन करने से हमारे शरीर की सभी मांसपेशियां सक्रिय हो जाती हैं। साथ ही साथ बहुत अच्छा खिंचाव मिलने से हमें पसीना आने लगता है। हमारे हाथ, छाती और पेट की चर्बी कम होती है। जो महिलाएं या पुरुष अपने छाती साइज सही शेप में लाना चाहते हैं तो वे चक्रासन का अभ्यास कर सकते हैं। यह आसन पेट की चर्बी को गायब करता है। जब हम चक्रासन करते हैं तब इससे हमारे पेट को बहुत ही गहरा खिंचाव मिलता है जिसकी वजह से पेट की चर्बी कम होती है। साथ ही साथ हमारे हिप्स को बी अच्छा आकार प्रदान करता है। यह आसन ढीली त्वचा के कसाव मदद करता है।
चक्रासन करने की विधि
- पीछ के बल अपनी मैट पर लेट जाएं।
- अपने दोनों हाथों को अपने कानों के बगल में ले जाएं।
- उंगलियां कंधों की तरफ रहेंगी। व हथेली को जमीन से लगा दें।
- कोहनियों का रुख ज्यादा बाहर या अंदर की तरफ न हो। सिर आसमान की ओर हो।
- अपने दोनों घुटनों को मोड़कर अपने हिप्स के पास ले आएं। उसके बाद अपने मन व शरीर को चक्रासन करे लिए तैयार करें।
- ऐसा करना बहुत जरूरी है यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके शरीर में झटका भी लग सकता है। इसलिए इसे सावधानी से करें।
- सांस भरते हुए अपने हाथ-पैरों के बीच कंधों के बराबर अंतराल करें। व सांस भरते हुए अपने कंधे, हथेलियां व कोहनी का सहारा लेते हुए और तलवों का सहारा लेते हुए अपने शरीर को हवा में उठा लें। आपकी हथेलियां व तलवे जमीन पर ही रहेंगे।
- आप चक्रासन को दोनों पैरों को मोड़कर भी कर सकते हैं और सीधा करके भी कर सकते हैं।
- अपनी क्षमता अनुसार रुकें और नीचे आ जाएं।
- कुछ देर दोनों घुटनों को मोड़कर अपनी छाती से लगा लें। जिससे आपकी यदि आपकी कमर पर कोई जोड़ पड़ा है तो वह ठीक हो जाए।
- इसके बाद विश्राम करें।
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नौकासन (Boat Pose)
नौकासन करने से हमारे पेट की मांसपेशियां स्वत: ही क्रियावान हो जाती हैं। साथ ही साथ हमारे हिप्स की भी मांसपेशियां क्रियावान हो जाती हैं। यदि आप पेट की चर्बी से परेशान हैं तो आप नौकासन करें। यह आपकी पेट की चर्बी को कम करने में अत्यंत लाभकारी है। साथ ही साथ पेट की मांसपेशियों में कसाव लाता है।
नौकासन करने की विधि
- दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाकर कमर, गदर्न सीधी करके बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को नितंबों के बगल में रखकर बैठ जाएं।
- हथेलियों से सहारा लेते हुए अपने शरीर को हल्का सा पीछे की ओर झुकाएं। व अपने दोनों घुटनों को मोड़ते हुए ऊपर उठाएं। वहीं पर 20-30 सैकेंड होल्ड करें।
- यदि आप सहज महसूस कर रहे हैं तो आप अपने दोनों हाथों को एक-एक करके उठाकर अपने दोनों घुटनों के बगल में रख लें। व हाथेलियों का रुख आसमान की ओर करते हुए अपने तर्जनी व अंगूठे को आपस में मिला लें।
- यदि आप जल्दी से जल्दी अपने पेट की चर्बी को कम करना चाहते हैं तो इस आसन की आवृति को बढाएं।
- धीरे वापस आकर कुछ देर विश्राम करें।
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पश्चिमोत्तानासन (Forward fold)
पश्चिमोत्तानासन हमारे पैरों को अच्छा खिंचाव देता है। साथ ही साथ हमारी पीठ की मांसपेशियों पर भी अच्छा खिंचाव पड़ता है। और हमारे पेट वाले हिस्से पर भी दवाब पड़ता है। यदि आप पश्चिमोत्तानासन करते हैं तो यह खिंचाव के साथ-साथ आपकी कमर से लेकर घुटनों के बीज में जितनी भी मांसपेशियां हैं उनको एक्टिव करते हुए वजन कम करता है। हमारी फ्लैक्सिबिलिटी को तो बढ़ाता ही है। साथ ही साथ हमारे नितंबों को भी अच्छा आकार प्रदान करता है।
पश्चिमोत्तानासन करने की विधि
- अपने दोनों पैरों को सामने की ओर खोल लें। व पंजों को अपनी ओर खींच लें।
- कमर को हल्का सा सीधा करते हुए कंधों को हल्का सा घुमाते हुए पीछे करें। कुछ सैकेंड इसी स्थिति में रुकते हुए अपने दोनों हाथों को बगल से उठाते हुए आसमान की ओर खींच दें।
- अपनी हथेलियों का रुख अपने पंजों की तरफ कर दें। धीरे सांस भरते हुए अपने हाथों को और छाती को फुलाते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपने कमर वाले हिस्स से आगे की ओर झुकते जाएं।
- अपनी तर्जनी व माध्यमिका से अपने पैर के अंगूठे को पकड़ लें।
- अपनी कोहनियों को अंदर की ओर घुमाते हुए जमीन से टच कर लें। व धीरे-धीरे अपनी ठुड्डी को अपने घुटनों से आगे पैरों पर रख लें।
- यदि आप इतना नहीं कर सकते हैं तो अपने दोनों हाथों से अपने घुटनें पकड़ते हुए जब तक आपकी कमर सीधी है उतना झुकते जाएं।
- इस आसन में 15-20 सैकेंड होल्ड करें और जिस प्रकार आप गए थे उसी प्रकार वापस आ जाएं।
- अपने दोनों हाथों को अपने नितंबों के बगल में रख लें। व अपने हिप्स को आसमान की ओर उठाएं। फिर धीरे से वापस आ जाएं।
- कुछ देर विश्राम करें।
अष्टांग योग के विभिन्न आसन वजन घटाने में मददगार हैं। इनका घर में भी सावधानीपूर्वक अभ्यास कर सकते हैं।
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