National Epilepsy Day 2021: मिर्गी के मरीजों के लिए फायदेमंद 5 योगासन, नियमित अभ्यास से कम होगा दौरे का खतरा

मिर्गी की समस्या होने पर कुछ आसनों का अभ्यास कर इससे राहत पाई जा सकती है। यहां जानें इसके बारे में।   
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National Epilepsy Day 2021: मिर्गी के मरीजों के लिए फायदेमंद 5 योगासन, नियमित अभ्यास से कम होगा दौरे का खतरा

आजकल की असंतुलित जीवनशैली और खराब खान-पान के कारण बीमारियां दिन ब दिन बढ़ती जा रही हैं। मिर्गी यानी एपिलेप्सी (Epilepsy) एक ऐसी समस्या है, जिसके बारे में लोगों में बहुत सारी भ्रांतियां हैं। मिर्गी का दौरा पड़ने पर व्यक्ति स्वयं की मदद नहीं कर पाता है, इसलिए इसे खतरनाक माना जाता है। इस राष्ट्रीय मिर्गी दिवस (National Epilepsy Day 2021) पर हम इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए कुछ योगासन बता रहे हैं, जिससे मिर्गी के दौरे का खतरा कम हो सकता है।दरअसल, कुछ योगासन आपके नर्वस सिस्टम पर जल्दी प्रतिक्रिया कर आपके स्ट्रेस को कम करते हैं, जिससे मिर्गी की समस्या में आराम मिलता है। हालांकि स्विमिंग और साइकिलिंग समेत कुछ एक्सरसाइज भी आपको इस समस्या से काफी हद तक राहत दिलाती हैं। चलिए जानते हैं मिर्गी में किए जाने वाले कुछ योगासनों के बारे में। 

kapotasana

1. कपोतासन

कबूतर आसान के नाम से भी जानने वाला कपोटासन मिर्गी को ठीक करने में कारगर साबित होता है। कपोटासन के अभ्यास से शरीर में रिलैक्सेशन होता है। यह सीधे आपके नर्वस सिस्टम पर प्रतिक्रिया करता है। इससे नसों को आराम पहुंचाता है। इसके निरंतर अभ्यास से मेंटल स्ट्रेस और चिंताओं से मुक्ति मिलती है। अगर आप मिर्गी के मरीज हैं तो कपोटसन का अभ्यास आपके लिए फायदेमंद होगा। कपोटासन का अभ्यास करने के लिए उत्तरासन की मुद्रा बनाएं। अब सांस अंदर लेते हुए अपने पेट को पीछे की ओर झुकते हुए ले जाएं। अब अपने दोनों हाथों को धीरे-धीरे पीछे की और ले जाएं और दोनों पैरों को छुएं। इस मुद्रा को कुछ समय तक बनाए रखें। 

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2. उत्तानासन

उत्तानासन मिर्गी को ठीक करने में बहुत कारगर साबित होता है। उत्तानासन में हमारी शरीर के ऊपरी हिस्से की स्ट्रेचिंग होती है। इसमें हिप्स लेकर स्पाइन और काल्फ मसल्स तक स्ट्रेच होती है। मांसपेशियों में खिंचाव आने पर मसल्स टेंशन रिलीज होती है, जिससे स्ट्रेस कम होता है। स्ट्रेस कम होने से मिर्गी में काफी असर होता है। स्ट्रेस तो मिर्गी का ही एक कारण है। इस आसन को करने से आपके दौरे पर सीधा असर पड़ता है। उत्तानासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को ऊपर करें। अब झुकते हुए हाथों से पैरों के दोनों अंगूठों को छुएं और सिर को घुटने के पास ले जाएं। इस मुद्रा को कुछ देर बनाए रखें। 

3. शवासन 

शवासन मानसिक स्वास्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है। शवासन करने से मेंटल स्ट्रेस कम होता है। शवासन से सेंट्रल नर्वस सिस्टम भी शांत होता है। इससे मसल्स में टेंशन रिलीज होती है। शवासन करने से नींद में भी काफी सुधार आता है। शवासन न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को भी ठीक करता है। यह एंजाइटी को कम करने में बहुत मददगार होता है। साथ ही ब्लड प्रेशर भी लो रखता है। यह आपके नर्वस सिस्टम को रेगुलेट कर मिर्गी ठीक करने में एक महत्वपूर्ण भूमिक निभाता है।शवासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को शरीर से एक फीट दूर रखें और पैरों में करीबन दो फीट को दूरी बनाएं। अब आराम से आंखों को बंद करके सांस लें। कुछ समय तक इसका अभ्यास करें। 

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4. हलासन

हलासन को प्लो पास भी कहा जाता है। यह शरीर को फ्लेक्सिबल बनाता है। गले की नसों में अकड़न दूर करने में सहायक होता है। इससे नसों और मसल्स का स्ट्रेस और टेंशन रिलीज होता है। हलासन का अभ्यास शरीर को आराम पहुंचाता है। यह नर्वस सिस्टम को शांत कर मिर्गी से निजात दिलाने के लिए काफी सहायक होता है। इससे मिर्गी आने की आशंका काफी हद तक कम होती है। हलासन के अभ्यास करने के लिए पीठ के बल लेटकर हाथों को जांघ के पास रखें। अब पैरों से 90 डिग्री का एंगल बनाते हुए पीछे की और ले जाएं और दोनों अंगूठों को जमीन से छुएं। इस मुद्रा में कुछ देर बने रहें और सांस लेते रहें। 

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5. शीतली प्राणायाम

शीतली प्राणायाम नसों और मेंसपेशियों को शांत कर उन्हें आराम देता है। यह हाइपरटेंशन को दूर करने के लिए बहुत कारगर होता है। यह ब्लड प्रेशर को काम कर मिर्गी को ठीक करने में सहायक होता है। शीतली प्राणायाम शरीर में गर्मी को काम करता है और मन शीतल करता है। यह मेंटल स्ट्रेस को कम करने में बहुत मददगार होता है। जिससे मिर्गी के दौरों में कमी आती है। शीतली प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपनी जीभ को गोल आकार में लाते हुए एक ट्यूब की तरह बना लें। इस ट्यूब से एक गहरी सांस अंदर खींचें और मुंह बंद करके कुछ सेकंड्स तक रोक कर रखें। अब सांस को नाक से छोड़ें। इसे 6 से 8 बार दोहराएं।

मिर्गी की समस्या दूर करने में लेख में दिए गए योगासन काफी फायदेमंद होते हैं। लेख में दिए गए तरीकों से आप इनका अभ्यास कर सकते हैं। 

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