गर्मियों की शुरूआत हों गई है और ऐसे में हम गर्मियों से बचने के हर संभव प्रयास करते हैं। गर्मियों से बचने का एक उपाय योग भी है। ऐसा सिद्ध हो चुका है कि गर्मियां हमें थका देती हैं और ऐसे मौसम में हमें कुछ हद तक गुस्सा भी आने लगता है। ऐसी स्थिति में गुस्से को नियंत्रित करने के लिए क्या करना चाहिए। इन स्थितियों का मुकाबला करने के लिए सबसे अच्छा उपाय है कि आप योगा करें। यह शारीरिक प्राणायाम आप कुछ सेकण्ड तक कर सकते हैं।
पुराने समय में हिमालय पर मौलिक संत अपने दिमाग को केंद्रित करने के लिए ऐसे व्यायाम किया करते थे। इस तरह के अभ्यास को शीतली कहा जाने लगा जिसका अर्थ है ठंडी सांस लेना। ध्यान के उस लम्बे समय में संत प्रकृति के बारे में सोचते थे। अपनी जीह्वा को मोड़कर किये जाने वाले इस व्यायाम से हमारी सांसें नम रहती हैं और इससे पानी से सैचुरेटेड हवा आती जाती रहती है।
शीतली व्यायाम के फायदेः
- शीतली से भूख और प्यास का स्तर नियंत्रित रहता है और एकांत के लिए स्नेह एकत्रित होता है। इस अभ्यास से वातावरण में नमी आती है और शरीर ठंडा होता है।
- आयुर्वेद की भाषा में यह पित्त को समाप्त करने में भी मदद करता है जो कि गर्मियों के मौसम में बहुत आम है।
- इस अभ्यास से रक्तचाप नियंत्रित रहने के साथ साथ तेज़ बुखार भी नियंत्रित रहता है।
शीतली का अभ्यास कैसे करें:
- सर्वप्रथम अपने शरीर को आराम की मुद्रा में लाकर अपने सर, गले और स्पाइन को एक सही स्थिति में रखकर आराम से बैठ जायें।
- शुरू के कुछ मिनटों तक डायफ्राम से सांस लें और अपने मुंह को खोलकर ओ का आकार बनायें।
- अपनी जीह्वा को सीधा मोड़ कर मुंह के अन्दर ले जायें।
- जैसे आप स्ट्रा की मदद से कोई भी पेय पदार्थ लेते हैं वैसे ही अन्दर की ओर सांस लें।
- सांसों के ठंडे होने का एहसास पेट के केन्द्र में होना चाहिए।
- फिर धीरे धीरे अपनी जीभ को पुरानी स्थिति में लाकर सांस को नाक से बाहर की ओर छोड़ें।
- 2 से 3 मिनट तक सीतली करने के बाद फिर से डायफा्रमेटिक ब्रीथिंग को कुछ मिनट के लिए शुरू करें।
- धीरे धीरे आप कम से कम 10 मिनट तक व्यायाम कर इसे अपनी आदत बना सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: आपको योग क्यों करना चाहिए, ये हैं 5 बड़े कारण
जीभ को मोड़ने का एक और विकल्प:
- अपने शरीर को सबसे पहले आराम की मुद्रा में लाकर अपने सर ,गले और स्पाइन को एक सही स्थिति में रखकर आराम से बैठ जायें।
- धीरे धीरे अपने ऊपर और नीचे के दांतों को दबाएं और दांतों पर हवा लगने दें।
- आपका ध्यान सांस लेने के दौरान सांसों के हिसिंग की आवाज़ पर होना चाहिए और इस दौरान दांतों के बीच में थोड़ी जगह भी होनी चाहिए।
- इसके पश्चात अपने मुंह को बंद करें और नाक के रास्ते सांस लें। इस अभ्यास को सितकरी कहते हैं ा इस व्यायाम को लगभग 20 बार करें।
- इस प्रकार ठंड के प्रभाव के साथ योग प्रदिप्तिका के अनुसार सितकारी से एण्डोक्राइन सिस्टम में स्थिरता आती है और जिंदादिली आती है।
व्यायाम के दौरान सावधानियां:
शीतली और सितकारी से शरीर का तापमान ठीक रहता है और इस व्यायाम को गर्मियों में करने से आप ताकत का अनुभव करेंगे
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Yoga In Hindi