शरीर में वॉटर रिटेंशन (पानी जमा होने) की समस्या में करें ये 4 योगासन, मिलेगा फायदा

शरीर में वॉटर रिटेंशन (पानी जमा होने की समस्या) में कुछ योगासनों का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है, जानें इन योगासनों के अभ्यास का तरीका।
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शरीर में वॉटर रिटेंशन (पानी जमा होने) की समस्या में करें ये 4 योगासन, मिलेगा फायदा

शरीर में असामान्य रूप से पानी और नमक बढ़ने की समस्या को वॉटर रिटेंशन (Water Retention in Hindi) कहा जाता है। इस समस्या के कारण आपका वजन बढ़ सकता है। इसकी वजह से वजन तो बढ़ता ही है साथ ही शरीर के कई अगों में सूजन की समस्या भी हो सकती है। शरीर में वॉटर रिटेंशन या पानी जमा होने की समस्या नमक और पानी के अधिक सेवन, पीरियड्स और हॉर्मोन असंतुलन के कारण हो सकती है। इसके अलावा कुछ महिलाओं में यह समस्या प्रेगनेंसी के कारण हो जाती है। चेहरे, हाथ और पैर में सूजन होना और पैरों में लगातार दर्द बना रहना इसका प्रमुख लक्षण माना जाता है। वॉटर रिटेंशन की समस्या होने पर आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। इसके अलावा शरीर में पानी जमा होने या वॉटर रिटेंशन की समस्या होने पर कुछ योगासनों का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है। आइये जानते हैं वॉटर रिटेंशन की समस्या को दूर करने के लिए योग के फायदे और अभ्यास के तरीके के बारे में।

वॉटर रिटेंशन की समस्या में करें इन योगासनों का अभ्यास (Yoga Poses For Water Retention in Hindi)

असंतुलित खानपान और शरीर की आंतरिक स्थिति में गड़बड़ी की वजह से आपको वॉटर रिटेंशन की समस्या हो सकती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आपको खानपान और लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वॉटर रिटेंशन की समस्या गंभीर होने पर आपको डॉक्टर की सलाह भी लेनी चाहिए। वॉटर रिटेंशन की समस्या को दूर करने के लिए आप इन योगासनों का नियमित रूप से अभ्यास करें आपको कुछ ही दिनों में फायदा दिखने लगेगा।

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1. अश्व संचालनासन

वॉटर रिटेंशन की समस्या में अश्व संचालनासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह एक मध्यम श्रेणी का योगासन है जिसका अभ्यास आप कुछ दिनों तक प्रैक्टिस करने के बाद आसानी से कर लेंगे। इस योगासन का रोजाना अभ्यास करने से आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म भी ठीक रहता है। अश्व संचालनासन को घुड़सवार आसन और अंग्रेजी में इसे इक्वेस्ट्रियन पोज (Equestrian Pose) के नाम से जाना जाता है। ये आसन शरीर को नीचे झुकाकर किया जाता है। अश्व संचालनासन का अभ्यास करने के लिए आप ये तरीका अपनाएं।

  • अश्व संचालनासन का अभ्यास करने के लिए समतल जमीन पर योगा मैट के सहारे बैठ जाएं।
  • अब खड़े होकर अपने दोनों पैरों को आसपास रखें।
  • इसके बाद घुटनों के बल खड़े हों।
  • अब इस आसन का अभ्यास के लिए अपने दाहिने पर को आगे की तरफ लाकर रखें।
  • इस दौरान अपनी पिंडलियों और जांघों के बीच में 90 डिग्री का कोण बनाएं।
  • अब हाथों को दाहिने टांग के बगल में रखें और उंगलियों से जमीन को छूते हुए संतुलन बनाएं।
  • गर्दन सीधी रखें और सामने की तरफ देखें।
  • इसके बाद इस पोजीशन में कुछ देर रहें और फिर वापस सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
  • अब यही प्रक्रिया बाएं पैर से भी दोहराएं।

2. उत्थित पार्श्वकोणासन

शरीर में पानी जमा होने या वॉटर रिटेंशन की समस्या होने पर उत्थित पार्श्वकोणासन का अभ्यास भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। इस आसन के अभ्यास से आपको कमर दर्द की समस्या में भी फायदा मिलता है। उत्थित पार्श्वकोणासन का अभ्यास करने के लिए ये तरीके अपनाएं।

  • सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाकर उस पर खड़े हो जाएं। 
  • अब ताड़ासन की स्थिति में खड़े होने के बाद गहरी लंबी सांस लें और अपने पैरों को खोल लें। 
  • बाएं पैर को अंदर की तरफ मोड़ कर दाहिने पैर को बाहर की तरफ मोड़ने की कोशिश करें। 
  • अब ध्यान रखें कि आपकी दाहिनी एडी बाई एडी के साथ संरक्षित होनी चाहिए अब अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और कंधों की सीध में लाएं। 
  • अब अपने दाहिने हाथ की हथेली को नीचे जमीन की तरफ लेकर जाएं।
  • गहरी लंबी सांस लेते हुए घुटनों को 90 डिग्री तक मोड़ें और अपने सिर को जांघ तक ले जाने की कोशिश करें। 
  • अपने दाहिने हाथ को दाहिने पैर के बगल में रख रखें और अपनी बाएं बाहों को सिर के ऊपर लेकर जाएं। 
  • अब इस स्थिति में बाएं हाथ की उंगलियों को देखें। 
  • इस स्थिति में तब तक बने रहें जब तक आप संतुलन बनाए रख सकते हैं।
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3. चक्रासन

चक्रासन का अभ्यास करने के फायदे अनेकों हैं। वॉटर रिटेंशन की समस्या में इसका नियमित अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है। शरीर में वॉटर रिटेंशन की वजह से होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए चक्रासन का अभ्यास इस तरह से करें।

  • सबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछाकर लेट जाएं।
  • अपने घुटनों को मोड़ें और सुनिश्चित करें कि आपके पैर फर्श पर मजबूती से रखे हों।
  • अपनी हथेलियों को अपने कानों के बगल में रखें, उँगलियाँ आगे की ओर।
  • श्वास लें, अपनी हथेलियों और पैरों पर दबाव डालें और अपने पूरे शरीर को ऊपर उठाएं।
  • अपने सिर को धीरे से पीछे गिरने दें और अपनी गर्दन को आराम से रखें।
  • अपने शरीर के वजन को अपने चार अंगों के बीच समान रूप से वितरित रखें।

4. कटिचक्रासन

कटिचक्रासन का अभ्यास भी आपको शरीर में पानी जमा होने या वॉटर रिटेंशन की समस्या में बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह एक मध्यम श्रेणी का योगासन है जिसका नियमित अभ्यास करने से आपको बहुत फायदा मिलता है। इसका अभ्यास करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें।

  • सबसे पहले योगा मैट पर अपने पैरों को एक दुसरे से थोड़ा दूर फैलाकर सीधे खड़े हो जाएं।
  • इसके बाद अपने हाथों को सामने की तरफ फैलाएं और हथेलियों को आमने सामने रखें।
  • अब धीरे-धीरे दाहिने हाथ के साथ-साथ अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को दाहिने तरफ घुमाएं।
  • इसके बाद यही प्रक्रिया बाएं हाथ से बाएं तरफ करें।
  • कुछ देर तक ऐसा करने के बाद सामान्य स्थिति में आयें।

नियमित रूप से इस योगासन का अभ्यास करने से आपको बहुत फायदा मिलता है। शुरुआत में इन योगासनों का अभ्यास करने के लिए एक्सपर्ट या ट्रेनर की सहायता जरूर लें।

(All Image Source - Freepik.com)

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