क्या याेगासन करके ब्रेस्ट कैंसर के जाेखिम काे कम किया जा सकता है? ब्रेस्ट कैंसर या स्तन कैंसर महिलाओं में हाेने वाला सबसे आम कैंसर है। भारत में ब्रेस्ट कैंसर हर साल हजाराें मौताें का भी कारण बनता है। हर महिला काे इसका डर बना रहता है, ऐसे में अगर आपकाे भी ब्रेस्ट कैंसर का डर सताता है ताे आप नियमित रूप से कुछ याेगासन कर सकते हैं। याेगासन करके स्तन कैंसर के जाेखिम काे कम कर सकते हैं। शलभासन, मार्जरी आसन, तिर्यक भुजंगासन आदि करके आप ब्रेस्ट कैंसर से अपना बचाव कर सकती हैं।
1. शलभासन (Shalabhasana)
शलभासन ब्रेस्ट कैंसर के जाेखिम काे काफी हद तक कम कर देता है। शलभ का अर्थ टिड्डी हाेता है। इस आसन में व्यक्ति का शरीर टिड्डी के आकार जैसा प्रतीत हाेता है। इसे अंग्रेजी में Locust Pose Yoga कहते हैं। इस आसन काे करने से आपकाे कई तरह से स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। शलभासन कमर, पीठ दर्द के लिए भी एक उपयाेगी आसन है। इसे करने से ब्रेस्ट कैंसर के साथ ही कमर दर्द की शिकायत भी कम रहती है।
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- शलभासन करने के लिए सबसे पहले आप पेट के बल लेट जाएं।
- अब अपनी दाेनाें हथेलियाें काे जांघ के नीचे रखें।
- एड़ियाें काे आपस में जाेड़ लें।
- इसके बाद सांस लेते हुए अपने पैराें काे ऊपर की ओर उठाने की काेशिश करें।
- इस अवस्था में धीरे-धीरे सांस लें और छाेड़ें।
- कुछ सेकेंड इस स्थिति में रहने के बाद सांस छाेड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- इस तरह एक चक्र पूरा हाे जाता है। आप इसे 3-5 बार दाेहरा सकते हैं।

2. तिर्यक भुजंगासन (Triyak Bhujangasana)
भुजंगासन करने से कंधे, पीठ और कमर काे मजबूती मिलती है। साथ ही इसे करने से स्तन कैंसर का जाेखिम भी कम रहता है। तिर्यक भुजंगासन, भुजंगासन का ही एक रूप है। इसे आसानी से किया जा सकता है। इसमें हथेलियाें के सहारे कमर तक के हिस्से काे ऊपर उठाने की काेशिश की जाती है।
- तिर्यक भुजंगासन करने के लिए सबसे पहले आप एक याेगा मैट बिछा लें।
- इस मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- अपने दाेनाें पैराें काे बिल्कुल सीधा रखें और दाेनाें के बीच लगभग 2 फीट की दूरी बनाकर रखें।
- अपनी हथेलियाें काे भी जमीन पर रखें।
- इसके बाद लंबी गहरी सांस लेते सिर काे ऊपर उठाएं और हाथाें काे बिल्कुल सीधा रखें।
- अपनी बाई आंख से अपने दाई एड़ी काे देखें।
- अब अपने धड़ काे नीचे की तरफ लाएं और सांस छाेड़ दें।
- इसके बाद ऐसा ही दूसरी आंख और एड़ी के साथ करें।
- आप इस प्रक्रिया काे 3-5 बार दाेहरा सकती हैं।

3. मार्जरी आसन (Marjariasana or Cat Pose)
मार्जरी आसन दाे शब्दाें से मिलकर बना है। इसमें मार्जरी का अर्थ बिल्ली हाेता है। यानी कि इसमें व्यक्ति का शरीर बिल्ली के आकार का नजर आता है। इस याेगा पाेज से शरीर काे कई तरह से लाभ मिलते हैं।
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- इस याेगासन काे करने के लिए आप सबसे पहले जमीन पर घुटनाें के बल बैठे जाएं।
- इस दौरान अपने घुटनाें और पैराें के बीच में दूरी थाेड़ी दूरी बनाकर रखें।
- इसके बाद आगे की तरफ झुकें और दाेनाें हाथाें काे घुटनाें के सामने जमीन पर रख दें।
- अब सांस छाेड़ते हुए अपनी पीठ काे ऊपर की तरफ खींचें और ठाेड़ी काे सीने पर लगाने काेशिश करें।
- सांस लेते हुए अपने सिर काे ऊपर उठाएं और पीठ काे नीचे की तरफ ले जाएं।
- इससे आपके इस याेगासन का एक चक्र पूरा हाे जाएगा। आप इसे 3-5 बार दाेहरा सकते हैं।
- यह कमर, गर्दन और पीठ के दर्द में आराम दिलाता है।
4. अश्वसंचलनासन (Ashwa Sanchalanasana)
- अश्वसंचलन आसन करने के लिए सबसे पहले दाेनाें पैराें काे आपस में मिलाकर खड़ी हाे जाएं।
- अपने कंधाें काे एकदम रिलैक्स रखें।
- बाएं पैर काे घुटने से माेड़ते हुए तलवे काे जमीन पर रखें।
- अब अपने दाहिने पैर काे पीछे की तरफ करें और घुटने काे नीचे रख दें।
- अपने दाेनाें हाथाें से नमस्कार की मुद्रा में आ जाएं।
- इस आसन काे करने से आपकाे ब्रेस्ट कैंसर हाेने का जाेखिम कम हाेता है।
अगर आपकाे भी ब्रेस्ट कैंसर हाेने का डर सताता है, ताे आप नियमित रूप से इन याेगासनाें काे कर सकते हैं। अपने डेली रूटीन में इन याेगासनाें काे शामिल करके आप इसके जाेखिम काे कम कर सकते हैं।
(Main Image Source : el-mexicano.com.mx)
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