बच्चों की परवरिश के ये 5 तरीके माने जाते हैं बहुत गलत, जानें कैसे पहुंचाते हैं बच्चों को नुकसान

बच्चों की परवरिश के दौरान माता-पिता को अपने व्यवहार के प्रति सतर्क रहना चाहिए, जानिए पेरेंटिंग के 5 गलत तरीकों के बारे में।
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बच्चों की परवरिश के ये 5 तरीके माने जाते हैं बहुत गलत, जानें कैसे पहुंचाते हैं बच्चों को नुकसान

बच्चों के समुचित विकास के लिए उनकी अच्छी परवरिश होनी जरूरी है। ज्यादातर माता - पिता यह मानते हैं कि बच्चों की अच्छी परवरिश का मतलब उनकी जरूरतों को पूरा करना और उनके खानपान और शिक्षा का ध्यान रखना होता है। जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए उनके साथ माता-पिता का व्यवहार भी सबसे ज्यादा मायने रखता है। जब बच्चे खुद को अपने माता-पिता की नजरों से देखते हैं, तो बच्चे स्वयं के प्रति अपनी समझ विकसित करना शुरू कर देते हैं। पेरेंट्स के रूप में हर माता-पिता को बच्चों की परवरिश के दौरान कुछ चीजों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हर एक माता-पिता अपने बच्चों के प्रति अलग तरीके का व्यवहार अपनाते हैं। ऐसे में से बहुत से पेरेंट्स यानी माता-पिता खुद के अनुभवों से या दूसरों से मिली जानकारी के आधार पर अपने व्यवहार को तय करते हैं। हम आज आपको बताने जा रहे हैं कि बच्चों के प्रति माता-पिता का कुछ व्यवहार नुकसानदायक हो सकता है। कुछ पेरेंटिंग स्टाइल बच्चों के लिए अच्छी नहीं मानी जाती हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में।

बच्चों की परवरिश के तरीके जो माने जाते हैं गलत (Worst Parenting Styles For Kids)

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बच्चों का पालन पोषण कहने में जितना आसान है असल में उतना आसान नहीं होता। एक माता-पिता के रूप में पेरेंट्स को बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए बहुत सी चीजों का ध्यान रखना होता है। बच्चों के उचित पोषण के साथ-साथ माता-पिता के रिश्तों को भी पोषण की जरूरत होती है। अगर आप चाहते हैं की आप एक सफल पेरेंट्स के रूप में अपने बच्चों की परवरिश करें तो इसके लिए जरूरी है की आप पेरेंटिंग के इन तरीकों से दूर रहें।

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1. गुड कॉप - बैड कॉप पेरेंटिंग

गुड कॉप - बैड कॉप पेरेंटिंग यानी बच्चों के प्रति माता-पिता में से एक का नर्म रवैया अपनाना और दूसरे का सख्त रवैया अपनाना होता है। पेरेंटिंग के इस तरीके में माता-पिता में से एक अच्छे पुलिस कॉप की भूमिका में रहते हैं और दूसरा सख्त रवैया अपनाने वाला बैड कॉप के रूप में जाना जाता है। यह पेरेंटिंग का तरीका बहुत ही प्रभावी और बच्चों में संतुलन बनाने वाला माना जाता है। हालांकि इस पेरेंटिंग के तरीके में ऐसा नहीं होता है कि जैसा व्यवहार माता-पिता बच्चे के साथ करते हैं असल जीवन में भी उनका व्यवहार वैसा ही है। बैड-कॉप माता-पिता बच्चे को होमवर्क करने, अनुशासन बनाए रखने और ठीक से व्यवहार करने से जुड़े गुण सिखाते हैं और उनमें इन चीजों के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। इस पेरेंटिंग स्टाइल को बच्चों के लिए ठीक नहीं माना जाता है।

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2.  हेलिकॉप्टर पेरेंटिंग

हेलिकॉप्टर पेरेंटिंग एक तरह की पेरेंटिंग शैली है जिसमें माता-पिता अपने बच्चों पर बहुत अधिक ध्यान देते हैं। ऐसे माता-पिता बच्चों की हर एक गतिविधि की गहराई से निगरानी करते हैं। इस दौरान बच्चों की सफलता या असफलता के लिए भी पेरेंट्स सबसे ज्यादा क्रेडिट लेते हैं। हेलिकॉप्टर पेरेंटिंग करने वाले पेरेंट्स यह समझते हैं कि उनके ऐसा करने से उनके बच्चे सही दिशा में काम करेंगे और उनका मानसिक और शारीरिक विकास सही ढंग से होगा लेकिन हर समय ऐसा नहीं होता है। कई बार इसका नकारात्मक असर भी बच्चों पर पड़ता है।

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3. गैर उत्तरदायी और अलगाववादी पेरेंटिंग

जब पेरेंट्स अपने बच्चों की जरूरतों और उनकी चीजों को लेकर आंखें मूंद लेते हैं या अनदेखा करते हैं तो इसे गैर उत्तरदायी या अलगाववादी पेरेंटिंग कहा जाता है। ऐसे माता-पिता अपने बच्चों की एक भी बात पर ध्यान नहीं देते हैं और ना ही उनसे किसी भी प्रकार की अपेक्षा करते हैं।

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4. रेस्क्यू पेरेंटिंग

हेलिकॉप्टर पेरेंटिंग की तरह ही रेस्क्यू पेरेंटिंग भी बच्चों के लिए नुकसानदायक मानी जाती है। इस तरह की पेरेंटिंग स्टाइल का बच्चों पर गलत असर पड़ सकता है। यह सुनिश्चित करने के अलावा कि उनके बच्चे कोई गलती न करें, इस पेरेंटिंग से जुड़े पेरेंट्स बच्चों को जिम्मेदारी और प्रेशर से एकदम दूर रखते हैं। ऐसे पेरेंट्स बच्चों के हर काम में इन्वोल्व रहने की कोशिश करते हैं।

5.  पनिशमेंट पेरेंटिंग

ऐसे पेरेंट्स जो बच्चों की हर गलतियों पर उन्हें पनिश करने या सजा देने के तरीकों को अपनाते हैं उनके बच्चों पर इसका बहुत बुरा असर होता है। इस तरह की आदत की वजह से बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।

(All Image Credit: Freepik.com)

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