बच्चों की परवरिश अगर सही ढंग से नहीं होती है तो उन पर इसका कई तरह से असर पड़ता है। बच्चों का पालन पोषण सही ढंग से न होने की वजह से उनके व्यतित्व और शारीरिक विकास पर भी असर पड़ता है। कई पेरेंट्स ऐसे भी होते हैं जो अकेले अपने बच्चे की परवरिश करते हैं। सिंगल मदर या सिंगल फादर के रूप में अपने बच्चे की परवरिश के दौरान आपको कई चीजों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। कई बार सिंगल पेरेंट्स बच्चों की परवरिश में कुछ गलतियां कर देते हैं जिसकी वजह से बच्चों को परेशानी होती है। इसके साथ ही कई बार पेरेंटिंग के दौरान गलत कदम उठाने या अधिक तनाव लेने की वजह से पेरेंट्स को भी समस्याएं हो सकती हैं। आइये जानते हैं सिंगल फादर के लिए जरूरी पेरेंटिंग टिप्स।
सिंगल फादर्स के लिए पेरेंटिंग टिप्स (Parenting Tips For Single Fathers)
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आज के समय में बहुत से ऐसे पिता हैं जो सिंगल फादर के रूप में अपने बच्चे की परवरिश करती हैं। ऐसे में अकेले उनके लिए सब कुछ मैनेज कर पाना बड़ा मुश्किल होता है। जिम्मेदारी और बच्चे की देखभाल करते हुए कई बार ऐसा होता है कि अकेलापन और असहाय महसूस करने के बाद पेरेंट्स को परेशानियां हो सकती हैं। जो कामकाजी लोग बतौर सिंगल फादर अपने बच्चों की परवरिश कर रहे हैं उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। चिंता, तनाव और बच्चों की फिक्र के साथ जीवन को संभालने में कई कठिनाइयां आती हैं लेकिन इन सब को आप कुछ बातों की मदद से दूर कर सकती हैं। सिंगल पेरेंट्स के तौर पर पेरेंटिंग करते हुए अपनी और बच्चे की मानसिक सेहत का ध्यान रखने के लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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1. सिंगल फादर के रूप में बच्चे देखभाल करने के लिए आपको अपने परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों की मदद लेनी चाहिए। इसके अलावा आपको परवरिश के दौरान चीजों की प्लानिंग जरूर करनी चाहिए।
2. रोजाना की दिनचर्या बनाएं। रोज अपने कामकाज की एक व्यवस्थित दिनचर्या बनाने से आपको काम करने और बच्चों की परवरिश करने में आसानी होगी।
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3. अपने काम और घर के कामकाज के समय को तय करें। ऐसा करने से आप बच्चों को पर्याप्त समय दे पाएंगे।
4. तनाव और डिप्रेशन से बचने के लिए रोजाना मेडिटेशन और एक्सरसाइज करें। परवरिश के दौरान हो सकता है कि आपको डिप्रेशन और तनाव का सामना करना पड़े। इससे बचने के लिए ध्यान करना बहुत जरूरी है।
5. दूसरे पेरेंट्स से अपनी तुलना बिलकुल भी न करें। ऐसा करने से आपके मन में नकारात्मक चीजें बैठ सकती है जिसकी वजह से इसका असर बच्चों पर भी हो सकता है।
माता-पिता और बच्चे के बीच के व्यवहार का असर बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित करता है। अगर आपका बच्चा खुश रहता है, एक्टिव है तो इसका मतलब है आप सही परवरिश दे रहे हैं पर अगर बच्चा हर समय रोता है या गुस्सा ज्यादा आता है तो आपको ध्यान देने की जरूरत है कि आपके घर का माहौल कैसा है। अक्सर ये देखा गया है कि जिस घर में माता-पिता की आपसी लड़ाई-झगड़े होते हैं वहां बच्चे डरे-सहमे रहते हैं और धीरे-धीरे डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। इससे बचने के लिए आप आपसी झगड़ों को बच्चों से दूर रखें।
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ऊपर बताई गयी टिप्स का पालन करने से आप सिंगल फादर के रूप में आसानी से अपने बच्चे की देखभाल कर सकते हैं। सिंगल फादर के रूप में बच्चे की देखभाल करते हुए अगर आपको कुछ परेशानियां होती हैं तो आप एक्सपर्ट का सहारा ले सकते हैं। बच्चों की परवरिश करते समय आपको इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए कि आपकी आदतों की वजह से बच्चों पर कोई भी असर न पड़े। अगर आपके पास सिंगल फादर पेरेंटिंग से जुड़े मुद्दे पर कोई सवाल हैं तो उसे आप कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें भेज सकते हैं। हम आपके सवालों के जवाब एक्सपर्ट से दिलाने की पूरी कोशिश करेंगे।
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