परवरिश का बच्चों पर बहुत गहरा असर होता है। माता-पिता बनने से पहले आपको भी पेरेंटिंग से जुड़ी कुछ अहम बातें जान लेनी चाहिए। बच्चों के अनुशासित रहने से लेकर उनके व्यवहार तक हर एक चीज पर परवरिश और आपस के माहौल का असर पड़ता है। कुछ माता पिता ऐसे भी होते हैं जो बच्चों को पूरी छूट के साथ पालते हैं और उनकी हर बात हर जिद को मान लेते हैं। बच्चों की परवरिश के दौरान पेरेंट्स को उनकी हर एक चीज का ध्यान रखना पड़ता है लेकिन यह जरूरी नहीं है कि उनकी हर बात पर 'हां' ही कहा जाये। बच्चों की हर बात मान लेना या हर बात पर हां कहने से उन पर कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं जो आगे चलकर आपके और बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में।
बच्चों की हर पर हां कहने के नुकसान (Negative Effects Of Always Saying Yes To Your Children)
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कई एक्सपर्ट्स और साइकोलॉजिस्ट का मानना है कि बच्चों की हर बात पर हां या ना कहने के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। बच्चों के पालन-पोषण के दौरान उनकी हर बात को नकार देना या उनकी हर मांग को ना कहकर टाल देना भी नकारात्मक होता है और ऐसे ही अगर आप बच्चों की हर बात को मान लेते हैं या हां कहते हैं तो इसके भी कुछ नुकसान हो सकते हैं। बच्चों की हर बात को हां कहने या स्वीकार कर लेने के ये नुकसान हो सकते हैं।
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1. कई बार ऐसा होता है कि पेरेंट्स बच्चों की हर एक मांग को मान लेते हैं ऐसा करने से आपके बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगर आपका बच्चा किसी ऐसी चीज के लिए जिद कर रहा है जो उसे बिलकुल भी नहीं करना चाहिए तो उसके लिए बच्चे को समझाने के बाद मना करना सही होता है।
2. आज के समय में बच्चे छोटी उम्र से ही वीडियो गेम्स और मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने लगते हैं। ऐसे में पेरेंट्स का उनकी मोबाइल फोन के इस्तेमाल या विडियो गेम्स से जुड़ी हर मांग को हां कहना ठीक नहीं है। इन चीजों के लिए बच्चे को हां कहने से पहले उन्हें इसके सीमित इस्तेमाल के बारे में जरूर बताएं।
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3. बच्चे कई बार खाने-पीने की चीजों को लेकर जिद करने लग जाते हैं। दरअसल बच्चों का खानपान बहुत संतुलित और पौष्टिक होना चाहिए। इसलिए कभी भी बच्चों को खानपान से जुड़ी हर जिद के लिए हां कहना ठीक नहीं माना जाता। अगर आपका बच्चा किसी चीज के लिए जिद करता है तो उसे हां बोलने से पहले उसके फायदे और नुकसान के बारे में जरूर सोच लेना चाहिए।
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4. बच्चों के घर से बाहर जाने की हर जिद को मान लेना भी उनके लिए ठीक नहीं होता है। अगर आपका बच्चा हमेशा बाहर जाने की जिद करता है तो उससे इसके बारे में बातचीत करने के बाद ही हां बोलना चाहिए।
5. बच्चे खेल कूद को लेकर भी पेरेंट्स से जिद करते हैं। अगर आपका बच्चा पढ़ाई कर रहा है और ऐसे में वह आपसे पढ़ाई करने की जगह खेलकूद के लिए समय मांग रहा है तो उससे इस बारे में बात जरूर करनी चाहिए।
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बच्चों की हर बात पर हां बोलने से जुड़ी जरूरी बातें
बच्चों की हर मांग मान लेना या उनकी हर बात को हां कहना 'येस पेरेंटिंग' कहलाता है। येस पेरेंटिंग कई मायनों में बहुत फायदेमंद होती है लेकिन इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। बच्चे की किसी भी बात के लिए रोकटोक न करना आगे चलकर उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है। आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों की हर बात के लिए ना कहना भी खतरनाक होता है लेकिन उनकी हर बात मान लेना भी उनके ऊपर नकारात्मक असर डाल सकता है। पेरेंट्स को बच्चो को हां या ना बोलने की लिमिट जरूर सेट करनी चाहिए। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए, उन्हें अनुशासित रखने के लिए और उनके कॉन्फिडेंस के लिए आपको हर बार सोच समझकर ही हां या ना कहना चाहिए।
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