अपने बच्चे को माता-पिता न जानें कितनी सुख सुविधाएं देना चाहते हैं। ऐसे में वे बच्चे की शिक्षा-दिक्षा और उसके उज्जवल भविष्य के लिए शुरुआत से ही तैयारी करना शुरू कर देते हैं। वे शुरुआत से ही बचत करना शुरू कर देते हैं जिससे भविष्य में उन पैसों का इस्तेमाल बच्चे की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जा सके। लेकिन बच्चे को भी आपकी बचत की कदर होनी चाहिए। माता-पिता बच्चों को छोटा और नासमझ समझकर उन्हें पैसों की कीमत के बारे में नहीं बता पाते। लेकिन जब आपका बच्चा थोड़ा सा बड़ा हो जाए तो उसे इन सबका ज्ञान होना जरूरी है। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चे को समझाएं वित्तीय शिक्षा क्या होती है। साथ ही कैसे पैसों की बचत की जा सकती है। जब बच्चे को बचपन से ही पैसों के मोल का पता होगा तो वह बड़ा होकर पैसों को सोच समझकर खर्च करेगा और भविष्य के लिए बचत भी करेगा।
अब सवाल यह है कि माता-पिता अपने बच्चे को वित्तीय शिक्षा कैसे दे सकते हैं? इसके लिए यह लेख आपके बेहद काम आ सकता है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि माता पिता अपने बच्चे को वित्तीय शिक्षा का ज्ञान कैसे दे सकते हैं। इसके लिए कुछ टिप्ट उनके बेहद काम आ सकते हैं। इसके लिए हमने गेटवे ऑफ हीलिंग साइकोथेरेपिस्ट डॉ. चांदनी (Dr. Chandni Tugnait, M.D (A.M.) Psychotherapist, Lifestyle Coach & Healer) से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे
1 - पैसों का दें सही हिसाब
अकसर माता-पिता अपने बच्चों को यह सब नहीं बताते कि उनके पास कितने पैसे हैं या वह कितने पैसे इस महीने खर्च कर सकते हैं। ऐसे में बच्चे किसी भी समय कोई कीमती चीज की मांग कर सकते हैं। अगर माता-पिता अपने बच्चे को पहले से ही है बताएंगे कि उनका इस महीने का बजट कितना है और इस बजट के अंदर ही हमें खर्च करना है तो बच्चे सोच समझकर अपनी इच्छा को जाहिर करेंगे। ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों को मार्केट लेकर जाए और अगर वहां जब बच्चा कई चीजों की मांग करे तो बच्चे को अपने बजट के बारे में समझाएं। साथ ही बच्चे से कहें कि वह किसी एक चीज को खरीद सकता है। इससे न केवल बच्चे को पैसों की जरूरत का एहसास होगा बल्कि चीज खरीदने के लिए सही निर्णय भी ले पाएगा।
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2 - बचत के साथ संयम भी जरूरी
बचत के साथ संयम का होना भी जरूरी है। ऐसे में यदि आप बच्चे को बचत करना सिखा रहे हैं तो उसे यह भी समझाएं कि बच्चों को थोड़ा सा सब्र रखने की जरूरत है। जैसे बूंद बूंद करके घड़ा भरता है वैसे थोड़े थोड़े पैसे करके एक दिन ज्यादा पैसे इकठ्ठे हो जाएंगे और उन पैसों को बच्चे अपनी पसंद से खर्च भी कर सकते हैं। ऐसे में अगर आप बच्चे को ₹10 दे रहे हैं तो उसे समझाएं कि ₹10, 10 दिन इकट्ठे करने से ₹100 होते हैं। वहीं ₹100, 10 दिन इकट्ठा करने से ₹1000 होते हैं। ऐसे में जो चीज 100 रुपये में नहीं आ रही उसके उस चीज को 10 दिन और इंतजार करके हजार रुपे में ली जा सकती है।
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3 - गुल्लक लाकर दें
आप अपने बच्चे को 2 गुल्लक लाकर दें। एक गुल्लक वह, जिसमें अपने पैसे इकठ्ठए कर सकता है और एक गुल्लक वह, जिसमें से वह अपने खर्च के लिए पैसे निकाल सकता है। ऐसे में जब आप अपने बच्चों को उनकी पॉकेट मनी दें या बच्चा उन गुल्लक में अपने पैसे जोड़े तो आप बच्चे को समझाएं की बचत वाली गुल्लक को ना छुए और खर्च वाली गुल्लक से ही अपनी जरूरी चीजें की पूर्ति करें। ऐसा करने से बच्चे के पास बचत के पैसे बचे रहेंगे और खर्च के लिए वह खास चीजों को ही चुनेगा।
4 - बच्चों के लिए बनाएं बचत की डायरी
आप अपने बच्चों को एक डायरी भी लाकर दें, जिसमें वे पूरे हफ्ते या पूरे महीने का बचत लिखें कि उनके बच्चों न कितना पैसा कहां खर्च किया। ऐसे में आप महीने के शुरुआत में ही बच्चों को उसकी पॉकेट मनी दे दें और उसके बाद महीने के अंत में बच्चे से पूरा हिसाब मांगे। बच्चा उस डायरी पर अगर पूरा हिसाब लिखेगा और आपको समझाएगा तो इससे उसके भविष्य में भी यह आदत बनी रहेगी और बच्चे सोच समझकर ही पैसा खर्च करेंगे। बता दें कि बच्चों के अंदर इन आदतों का होना जरूरी है।
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5 - पैसों का सही लेनदेन
यदि आप अपने बच्चे को कोई सामान लेने के लिए मार्केट में भेज रही हैं तो उस दौरान बच्चे को पैसों के सही लेनदेन के बारे में समझा कर भेजें। उदाहरण के तौर पर अगर कोई चीज ₹20 में लाया है परंतु दुकानदार ने गलती से वह चीज ₹15 में दे दी है तो ऐसे में बच्चों को दोबारा उस दुकानदार को ₹5 देने के लिए भेजें। इससे ना केवल बच्चा ईमानदार बनेगा बल्कि उससे पैसे का सही लेनदेन भी समझ जाएगा।
6 - वित्तीय निर्णय में बच्चों की भी साझेदारी
यदि आप अपने घर में कोई कीमती सामान मंगवा रहे हैं या शॉपिंग पर जा रहे हैं तो उस दौरान आप अपने बच्चों से भी उनकी राय पूछ सकते हैं। ऐसे में ना केवल बच्चे वित्तीय निर्णय के प्रति जागरूक बनेंगे बल्कि वह भविष्य में खुद भी बेहद सोच समझकर खर्च करेंगे।
7 - बच्चों को मासिक व्यय की सूची में करें शामिल
माता-पिता महीने की शुरुआत में ही पूरे महीने की घर खर्च की एक सूची तैयार करते हैं। घर में किन चीजों की कमी है और उन कमी को कैसे पूरा करना है, इसके लिए वे एक डायरी में जरूरी चीजों की सूची बनाते हैं। ऐसे में उन सूची में बच्चों को शामिल करना जरूरी है। आप बीच-बीच में बच्चों को उन सूची में जो भी चीजें लिखी हैं उसके बारे में समझाएं। इसके अलावा आपको किसने पैसे दिए, कितने पैसे दिए और आपने उन पैसों में से कितना बचत किया, इसके बारे में बच्चों को समझाएं।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि बच्चों को वित्तीय शिक्षा देनी बेहद जरूरी है। नहीं तो उन्हें कोई भी अपने बहकावे में ले सकता है। ऐसे में माता-पिता रोजमर्रा के कार्य के साथ बच्चों की दिनचर्या में थोड़ा सा बदलाव करके उन्हें वित्तीय शिक्षा का पाठ पढ़ा सकते हैं।
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