
सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जो व्यक्ति के सोचने, महसूस करने और व्यवहार के तीरके को प्रभावित करती है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को वास्तविकता और कल्पना के बीच अंतर करने में काफी मुश्किल हो सकती है। इसलिए, हर साल 24 मई को वर्ल्ड सिजोफ्रेनिया डे मनाया जाता है, ताकि इस गंभीर मानसिक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके। ऐसे में आइए जानते हैं कि वर्ल्ड सिजोफ्रेनिया डे 2025 की थीम क्या है और इस दिन को मनाने के पीछे का इतिहास और महत्व क्या है?
वर्ल्ड सिजोफ्रेनिया डे का इतिहास
18वीं सदी के अंत में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल को लेकर आई क्रांति के दौरान वर्ल्ड सिजोफ्रेनिया डे की शुरुआत की गई। 24 मई, 1793 को फ्रांस के डॉक्टर फिलिप पिनेल (Dr. Philippe Pinel) ने पेरिस के बिसेत्र मेंटल हॉस्पितल में एक क्रांतिकारी कदम उठाया था। उन्होंने वहां के मानसिक तौर से पीड़ित मरीजों की बेड़ियां खुलवाकर उन्हें स्वतंत्रता और सम्मान दिया था। उनका यह कदम मानसिक रूप से कमजोर मरीजों के प्रति करुणा और मानवता का प्रतीक बन गया है। इस दिन के बाद नेशनल सिजोफ्रेनिया फाउंडेशन (National Schizophrenia Foundation), एक अमेरिकी संस्था, ने हर साल इस दिन की याद में 24 मई को वर्ल्ड सिजोफ्रेनिया डे मनाने के रूप में घोषित किया। तब से लेकर आज तक इस दिन को दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, बेहतर नीति बनाने, और सिजोफ्रेनिया से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
इसे भी पढ़ें: सिजोफ्रेनिया क्या है और क्यों होता है? केस स्टडी के जरिए डॉक्टर से जानें इस बीमारी के बारे में
वर्ल्ड सिजोफ्रेनिया डे 2025 की थीम
वर्ल्ड सिजोफ्रेनिया डे मनाने के लिए हर साल एक थीम निर्धारित की जाती है, जो जागरूरता अभियान का नेतृत्व करती है। इसलिए, इस साल यानी 2025 की थीम “Rethink the Label: Reclaim the Story”, रखी गई है। इस थीम का उद्देश्य है कि समाज के अन्य लोग सिजोफ्रेनिया को सिर्फ एक 'लेबल' या कलंक के रूप में न देखें। यह थीम हमें इस बीमारी से पीड़ित लोगों की वास्तविक कहानियां सुनने के लिए प्रेरित करता है। यह थीम हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि कैसे गलतफहमियों ने सालों से इस समस्या को किसी व्यक्ति के व्यक्तिव के रूप में देखा गया है। यह थीम गलत धारणाओं को मिटाकर सिजोफ्रेनिया से जुड़ी असली कहानियों को सामने लाने, समय पर इसका इलाज करवाने और समर्थन देने को लेकर बढ़ावा देती है।
इसे भी पढ़ें: क्या आपको भी सुनाई देती हैं तरह-तरह की आवाजें? कहीं आप इन मानसिक बीमारियों के शिकार तो नहीं?
वर्ल्ड सिजोफ्रेनिया डे का महत्व
वर्ल्ड सिजोफ्रेनिया डे मनाने को लेकर सामाजिक और व्यक्तिगत स्तर पर खास महत्व है, क्योंकि इस दिन को लोगों को सिजोफ्रेनिया बीमारी के बारे में बताने और उन्हें जागरूत करने के लिए मनाया जाता है।-
- जागरूकता बढ़ाना: इस दिन सिजोफ्रेनिया के लक्षणों, कारणों और इलाज के बारे में चर्चा की जाती है, जिससे लोग समय पर इस समस्या को पहचान सकें और सही इलाज ले सकें।
- भेदभाव को समाप्त करना: यह दिन मानसिक बीमारी को किसी व्यक्ति के व्यक्तिव से जोड़ना नहीं, बल्कि एक स्वास्थ्य समस्या मानकर समाज को उनकी भावनाओं को समझने और उनकी मदद करने को बढ़ावा देता है।
- मरीजों को सपोर्ट करना: यह दिन सिजोफ्रेनिया से पीड़ित लोगों को यह विश्वास दिलाने के उद्देश्य से माया जाता है कि वे अकेले नहीं हैं। इस दिन सहानुभूति के प्रतीक के रूप में रिबन पहना जाता है और सोशल मीडिया पर सपोर्ट करने का मैसेज शेयर किए जाते हैं।
निष्कर्ष
वर्ल्ड सिजोफ्रेनिया डे 2025 का उद्देश्य सिर्फ एक बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना नहीं है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाना है।
Image Credit: Freepik
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version