24 अक्टूबर के दिन वर्ल्ड पोलियो डे मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन पोलियो के पहले सुरक्षित टीके का विकास करने वाले अमेरिकी चिकित्सा शोधकर्ता जोनास सॉल्क का जन्म हुआ था, उनके जन्मदिन के अवसर पर विश्व भर में पोलियो और वैक्सीन से जुड़ी जानकारी के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। आज विश्व भर में पोलियो वैक्सीन को पोलियो वायरस के कारण होने वाली बीमारी पोलियोमायलाइटिस से सुरक्षा प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पोलियोमाइलाइटिस, व्यक्ति को विकलांग कर देने वाली जानलेवा संक्रामक बीमारी है इसलिए इससे बचना जरूरी है। ये वायरस जब एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है तो दिमाग और रीढ़ की हड्डी पर सबसे पहले अटैक करता है जिससे व्यक्ति विकलांग हो सकता है। इस लेख में हम पोलियो वैक्सीन के महत्व पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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पोलिया वैक्सीन लगवाना जरूरी क्यों है? (Importance of polio vaccine)
पोलियो एक तरह का वायरस है जो हमारे शरीर के बॉडी पॉर्ट्स को इंफेक्ट कर सकता है। ज्यादातर केस में पोलिया के लक्षण पकड़ में नहीं आते हैं। कुछ केस में उल्टी जैसा लगना, डायरिया, उल्टी, पेट में दर्द आदि लक्षण दिखते हैं। वैक्सीन न लगवाने पर ये बीमारी एक से दूसरे में फैल सकती है। वैक्सीन न लेने से अगर आप पोलियो के शिकार हो गए तो पैरालिसिस हो सकता है, इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ, मसल्स का कमजोर होना आदि समस्याएं भी हो सकती हैं। पोलियो एक जानलेवा वायरस है जिसके संपर्क में आने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है इसलिए पोलियो वैक्सीन का टीका और खुराक बच्चे को जरूर दिलवाएं।
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पोलिया या ओपीवी वैक्सीन की कितनी खुराक दी जाती है? (Dosage of polio vaccine)
पोलियो क्या है? पोलियो को पोलियोमेलाइटिस भी कहते हैं। ये वायरस दूषित पानी या छींकने व खांसने से भी हो सकता है, पोलियो वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाली बीमारी है। इससे बचने के लिए ओपीवी वैक्सीन के तीन टीके लगाए जाते हैं। पहली खुराक जन्म के समय दी जाती है फिर पहला टीका 6 हफ्ते पर लगता है, दूसरा टीका 10 हफ्ते पर लगता है और तीसरा 14 हफ्ते पर लगता है और फिर बूस्टर शॉट 16 से 24 हफ्ते के बीच लगाया जाता है।
किन बीमारियों से बचाती है पोलियो वैक्सीन? (Diseases preventable by OPV vaccine)
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पोलियो वैक्सीन कई प्रकार की बीमारियों से हमें सुरक्षा प्रदान करती है जिनमें से एक है पैरालिसिस। पोलियो ग्रसित व्यक्ति को पोलियो कई तरह से प्रभावित करता है। पोलियो में ज्यादातर मामलों में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। ऐसे मरीजों को एसिम्टोमैटिक कहा जाता है। पोलियो की वैक्सीन न लेने पर ये बीमारियां हो सकती हैं-
नॉन-परलैटिक (Non -Paralytic)
पोलियो की वैक्सीन हमें तीन प्रकार के पोलियो से सुरक्षा प्रदान करती है जिनमें से पहला नॉन-पैरालैटिक पोलियो जिसमें व्यक्ति को लकवे की शिकायत नहीं होती है।
स्पाइनल परलैटिक (Spinal Paralytic)
इस बीमारी में रीढ़ की हड्डी में पोलियो हो जाता है यानी शरीर में रीढ़ की हड्डी एक तरह से पैरासाइस हो जाती है, इस बीमारी के लक्षण आसानी से समझ नहीं आते।
बुल्बर (Bulbar)
इस बीमारी में पोलियो दिमाग को प्रभावित करता है। इसमें मांसपेशियों में कमजोरी और सांस से संबंधित शिकायत व्यक्ति को होने लगती है। इस रोग को पोलियो के पैरालिटिक के तौर पर माना जाता है।
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क्या पोलियो वैक्सीन के कोई साइड इफेक्ट्स हैं? (Side effects of OPV vaccine)
किसी भी वैक्सीन को लगाकर हल्के लक्षण नजर आते हैं पर वो कुछ समय में ठीक हो जाते हैं जिनमें से सबसे कॉमन है बुखार, दर्द, इंजेक्शन स्थल पर सूजन, जोड़ों में दर्द, खुजली आदि। जिन लोगों को पहली बार पोलियो वैक्सीन लगने पर गंभीर एलर्जी होती है उन्हें बूस्टर शॉट लगने की सलाह नहीं दी जाती है।
पोलियो से बचाव करना है तो अपने बच्चे को समय पर पोलिया का टीका और 5 साल से कम आयु के बच्चों को पोलियो ड्रॉप जरूर पिलाएं।
(main image source:worldatlas.com)
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