उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर में कई तरह की समस्याएं बढ़ने लगती हैं। महिलाओं के शरीर में पुरुषों से ज्यादा परिवर्तन उम्र के साथ देखने को मिलता है। ऐसे समय में जब कामकाजी महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़कर जिम्मेदारियां ले रही हैं तो उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना भी जरूरी है। दुनियाभर में 8 मार्च को महिलाओं को प्रेरित करने और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मनाया जाता है। इसके तहत Onlymyhealth ने महिला स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 'हेल्दी नारी, हैप्पी नारी' अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत आज हम आपको 50 साल के उम्र के बाद महिलाओं के लिए जरूरी कुछ टेस्ट के बारे में बताने जा रहे हैं जो स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरूरी माने जाते हैं। आइये विस्तार से जानते हैं इनके बारे में।
50 की उम्र में महिलाओं के लिए जरूरी टेस्ट (Important Medical Tests For Women in Hindi After Age of 50)
50 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से शरीर सुस्त और अनहेल्दी हो सकता है। स्टार हॉस्पिटल की डॉ विजय लक्ष्मी के मुताबिक हॉर्मोन के स्तर में परिवर्तन और तनाव आदि के कारण स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों अक्सर शरीर की सेहत की जांच के लिए नियमित रूप से हेल्थ टेस्ट कराते रहते हैं। 50 साल की उम्र में हर महिला को ये जरूरी जांच करा लेनी चाहिए।
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1. रूटीन ब्लड टेस्ट
वैसे तो ब्लड टेस्ट समय-समय पर जरूर करा लेना चाहिए, लेकिन अगर आप 50 साल की हो गयी हैं तो हर साल एक बार रूटीन ब्लड टेस्ट जरूर करा लेना चाहिए। ये सबसे बेसिक टेस्ट है जिसकी मदद से आपको कोलेस्ट्रॉल का स्तर, ब्लड शुगर, किडनी और लीवर फंक्शन आदि का पता चल जाएगा। जिन लोगों को फ्लू या डेंगू के लक्षण होते हैं उनका पता भी ब्लड टेस्ट की मदद से लगाया जा सकता है।
2. मैमोग्राम टेस्ट
मैमोग्राम टेस्ट स्तनों की जांच के लिए किया जाने वाला एक्स-रे है जिसमें स्तनों की जांच की जाती है। इस टेस्ट की सहायता से ब्रेस्ट कैंसर की समस्या का पता लगाया जाता है। आज के समय में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। एक आंकड़े के मुताबिक दुनियाभर में कैंसर की वजह से होने वाली मौत में ब्रेस्ट कैंसर दूसरे स्थान पर है। आमतौर पर महिलाओं को 50 साल की उम्र में यह जांच करा लेनी चाहिए।
3. बोन डेंसिटी टेस्ट
बोन डेंसिटी टेस्ट से हड्डियों की जांच की जाती है। खानपान में गड़बड़ी और खराब लाइफस्टाइल के कारण हड्डियों से जुड़ी समस्या अक्सर लोगों में होती है। आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या का पता लगाने के लिए बोन डेंसिटी टेस्ट बहुत उपयोगी होता है। इस टेस्ट की सहायता से आप हड्डियों से जुड़ी समस्या का पता लगा सकते हैं। हड्डियां कमजोर होने पर कई अन्य समस्याओं का खतरा रहता है। इसलिए 50 के उम्र में महिलाओं को यह जांच जरूर करानी चाहिए।
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4. लिपिड पैनल टेस्ट
50 साल की उम्र में महिलाओं को लिपिड पैनल टेस्ट करवाना चाहिए। इससे बॉडी में कोलेस्टॉल लेवल का का पता चलता है। अगर कोलेस्ट्रॉल ज्यादा है तो हॉर्ट डिसीज का खतरा रहता है। वैसे तो ये एक कॉमन टेस्ट है जिसे कोई भी करवा सकता है पर इस उम्र में महिलाओं में प्रेगनेंसी भी होती है इसलिए सभी महिलाओं को समय-समय पर ये जांच करवा लेनी चाहिए।
5. थॉयराइड टेस्ट
थॉयराइड की जांच महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है। शरीर में थॉयराइड हॉर्मोन असंतुलित होने पर कई गंभीर समस्याएं होती हैं। थॉयराइड असंतुलन की वजह से महिलाओं में अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है। थॉयराइड एक ग्लैंड है जो गले में पाया जाता है इससे हॉर्मोन बनते हैं जो मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करते हैं। थॉयराइड टेस्ट से हॉर्मोन का लेवल चेक किया जाता है ताकि ये पता लगाया जा सके कि थॉयराइड ग्लैंड ठीक तरह से काम कर रहा है या नहीं। थॉयराइड का चेकअप ब्लड टेस्ट से किया जाता है।
6. पैप-स्मीयर टेस्ट
पैप-स्मीयर टेस्ट की मदद से सर्वाइकल कैंसर का पता लगाया जाता है। सर्वाइकल कैंसर की समस्या आज के समय में महिलाओं में बहुत तेजी से बढ़ रही है। समय रहते इसकी जांच की जाने से इसे ठीक किया जा सकता है। महिलाओं को हर 3 साल में पैप-स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए। जिन महिलाओं की उम्र 21 पार है वो सब ये टेस्ट करवा सकती हैं। अगर महिला को वजाइनल ब्लीडिंग, सिस्ट जैसे लक्षण लगते हैं तो उन्हें इस टेस्ट को जल्द से जल्द करवा लेना चाहिए।
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इन जांच की सहायता से आप 50 साल की उम्र में कई गंभीर समस्याओं से बच सकती हैं। हर महिला को 50 साल की उम्र के बाद डॉक्टर की सलाह से ये टेस्ट जरूर करा लेने चाहिए।
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