धूप को विटामिन डी का सबसे उत्तम स्रोत माना जाता है। धूप में उचित समय बिताने से हमारी हड्डियां मजबूत होती हैं साथ ही हमारा स्वास्थ्य भी सही रहता है। लकिन, क्या आप धूप और मानसिक स्वास्थ्य के संबंधों को जानते हैं। ताजा वैज्ञानिक शोध ने धूप के इनसानी दिमाग पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बताया गया है।
धूप से शरीर को कई सारे पोषक तत्व मिलते हैं इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन हाल ही में किये अपने एक शोध के माध्यम से शोधकर्ताओं ने बताया कि सर्दियों में ली गयी धूप मानसिक रोगों से बचाव करती है।
सर्दियों में सूरज की रोशनी से कई मानसिक रोगों का खतरा कम हो जाता है। लेकिन अधिकतर लोगों के लिए इस धूप का आनंद और लाभ लेना मुमकिन ही नहीं हो पाता। धूप निकलने से पहले ही दफ्तर चले जाते हैं और फिर शआम को भी धूप ढ़लने के बाद ही दफ्तर से निकल पाते हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक इस कारण लोग सूरज के संपर्क में नहीं आ पाते और और उनको मानसिक रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने इस डिसऑर्डर को 'सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर' (सैड) नाम दिया है। उन्होंने बताया कि सैड नामक इस डिसऑर्डर की वजह से लोगों को बेचेनी और डिप्रशन जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है।
शोधकर्ताओं ने एक सर्वे के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला। इस सर्वे में तकरीबन 2,000 वयस्कों से बातचीत की, और उनसे पूछा की पूरे दिन में वह कितनी बार सूरज की रोशनी में आ पाते हैं। इनमें से अधिकांश लोगों ने बताया कि उन्हें ऑफस के चलते दिन भर सूरज की रोशनी नसीब नहीं होती।
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