
Winter Stroke in Hindi: सर्दी का मौसम अधिकतर लोगों का पंसदीदा मौसम होता है। क्योंकि सर्दी के मौसम को खाने-पीने, धूप सेंकने के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है। लेकिन सर्दी का मौसम अपने साथ कई बीमारियों को साथ लेकर आ सकते हैं। इसमें स्ट्रोक भी शामिल हैं। सर्दी की वजह से होने वाले स्ट्रोक को विंटर स्ट्रोक के रूप में जाना जा सकता है। आपको बता दें कि स्ट्रोक तब होता है, जब मस्तिष्क के हिस्से में रक्त की आपूर्ति कम होने लगती है। इस स्थिति में मस्तिष्क के ऊतकों को पर्याप्त रूप से ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इसकी वजह से मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं, जिससे स्ट्रोक के लक्षणों का अनुभव हो सकता है। स्ट्रोक में खून जमने लगता है, ऐसे में यह स्थिति गंभीर हो जाती है और इस स्थिति को तुरंत इलाज की जरूरत पड़ती है। इस लेख में आप विंटर स्ट्रोक के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे-
विंटर स्ट्रोक के लक्षण- Winter Stroke Symptoms in Hindi
विंटर स्ट्रोक होने पर आपको कुछ लक्षणों का अनुभव हो सकता है। इनमें शामिल हैं-
- सिर में तेज दर्द होना
- शरीर में सुन्नपन होना
- चेहरे पर सुन्नपन का अहसास होना
- बोलने में दिक्कत होना
- आंखों की रोशनी कम होना
- धुंधला या काला दिखाई देना
- जी मिचलाना
- उल्टी आना
- चलने-फिरने में दिक्कत महसूस करना
- बैलेंस बनाए रखने में दिक्कत होना

विंटर स्ट्रोक के कारण- Winter Stroke Causes in Hindi
सर्दियों में स्ट्रोक का जोखिम कई गुणा बढ़ सकता है। सर्दियों में स्ट्रोक बढ़ने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। जानें, विंटर स्ट्रोक के कारण-
डिहाइड्रेशन
सर्दियों में प्यास कम लगती है, इसकी वजह से हम पानी कम पीते हैं। पानी कम पीने से बॉडी डिहाइड्रेट होने लगती है। साथ ही सर्दियों के मौसम में आर्द्रता भी अधिक होती है, जिसकी वजह से शरीर डिहाइड्रेट हो सकता है। इस स्थिति में रक्त में थक्के बनने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसकी वजह से स्ट्रोक के लक्षणों में वृद्धि हो सकती है। इसलिए कहा जा सकता है कि डिहाइड्रेट विंटर स्ट्रोक का एक मुख्य कारण हो सकता है।
रक्त वाहिकाओं का सिकुड़ जाना
ठंड के मौसम में स्ट्रोक का जोखिम बढ़ने लगता है। दरअसल, सर्दियों के मौसम में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं। इसकी वजह से ब्लड प्रेशर का स्तर बढ़ने लगता है और स्ट्रोक का जोखिम कई गुणा बढ़ जाता है।
कम तापमान
सर्दियों में तापमान कम हो जाता है। तापमान कम होने की वजह से रक्त गाढ़ा हो जाता है। साथ ही रक्त चिपचिपा भी होने लगता है। इससे रक्त में थक्का बनने लगता है और फिर इससे मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं बंद हो सकती है। इससे स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है। यानी सर्दियों में कम होता तापमान भी स्ट्रोक का एक कारण बन सकता है।
फिजिकली कम एक्टिव होना
सर्दियों में अकसर लोग आलस या थकान की वजह से फिजिकली कम एक्टिव रहते हैं। जब कोई व्यक्ति फिजिकली कम एक्टिव होता है, तो उसमें स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए स्ट्रोक से बचने के लिए आपको फिजिकली एक्टिव जरूर रहना चाहिए।
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विंटर स्ट्रोक से बचने के उपाय- Winter Stroke Prevention Tips in Hindi
- विंटर स्ट्रोक से बचने के लिए आपको सबसे पहले सर्द हवाओं से बचना बहुत जरूरी होता है।
- साथ ही अपने ब्लड प्रेशर के स्तर को भी नियंत्रण में रखें। इसके लिए नमक का कम मात्रा में सेवन करें।
- रेगुलर एक्सरसाइज या योग की प्रैक्टिस जरूर करें। स्ट्रोक से बचने के लिए रोजाना कम से कम 20 मिनट एक्सरसाइज केरं।
- जंक फूड, फास्ट फूड और अधिक मसालेदार भोजन से बचना चाहिए।
विंटर स्ट्रोक गंभीर हो सकता है। इसलिए आपको इससे बचना बहुत जरूरी होता है। अगर आपको सर्दियों में स्ट्रोक का कोई भी लक्षण नजर आता है, तो इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।
(Maine image Source: dailyexcelsior.com)