सर्दियों में आमतौर पर कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन बढ़ जाता है और पानी पीना कम हो जाता है जोकि स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक है। चिकित्सकों का कहना है कि ठंड के मौसम में कुछ आसान चीजों को अपनाकर अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित किया जा सकता है। वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ मंजरी चंद्रा का कहना है कि शारीरिक श्रम की कमी व अस्वस्थ जंक फूड का सेवन करने की वजह से सर्दियों में वजन का बढ़ना बहुत आम बात है। लोगों को अखरोट, हरे पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फलों, शकरकंद और अंडे खाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नमक और चीनी का सेवन घटाना और इसके स्थान पर सेंधा नमक, गुड़, शहद आदि लेना बहुत आवश्यक है। साथ ही ठंड में प्रतिदिन के खाने में कम से कम तेल का प्रयोग लोगों और उनके परिवारों के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है। वजन न बढ़े इसके लिए दूसरा विकल्प आयुर्वेदिक जीवनशैली अपनाना है। आयुर्वेद के हिसाब से रोग प्रतिकारक क्षमता पाचन से जुड़ी है। जब पाचन मजबूत होगा और भूख अच्छी लगेगी तो रोग प्रतिकारक क्षमता मजबूत रहेगी। जब कभी पाचन कमजोर होता है, रोग प्रतिकारक क्षमता अपने आप कमजोर हो जाती है।
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महर्षि आयुर्वेद अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर सौरभ शर्मा ने कहा कि जाड़े का मौसम ऐसा सीजन होता है जब प्रकृति हमारा पोषण करने को तैयार रहती है। पाचन का स्तर बहुत ऊंचा होने की वजह से भूख और पाचन की ताकत अन्य सीजन के मुकाबले अधिक होती है। लोग सोचते हैं कि यह सीजन रोग प्रतिकारक क्षमता के लिए खराब है क्योंकि वे अस्वास्थ्यकर खाना और जल्दी हजम नहीं होने वाला खाना खाते हैं जिससे उनकी रोग प्रतिकारक क्षमता सुस्त हो जाती है।
उन्होंने कहा कि जैसे ही भूख बढ़ती है, लोग अधिक जंक फूड, भारी खाना और आसानी से हजम नहीं होने वाली चीजें खाने लगते हैं। लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि खराब रोग प्रतिकारक क्षमता का निर्माण हम स्वयं कर रहे हैं और प्रकृति इसके लिए दोषी नहीं है। इस सीजन के लिए यह अधिक महत्वपूर्ण है कि लोग जाड़े के दौरान रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ाने वाली चीजें खाएं और आयुर्वेद के हिसाब से दिनचर्या अपनाएं।
स्क्नि के लिए क्या करें
- चेहरे व शरीर पर विटमिन ई युक्त क्रीम का इस्तेमाल करें। मॉयस्चराइजर का प्रयोग नियमित रूप से करें।
- त्वचा को मुलायम बनाने के लिए रात के समय एंटी रिंकल क्रीम लगाएं।
- महीने में एक बार फेशियल जरूर करवाएं तथा घर पर हफ्ते में दो बार नमी बेस फेस मास्क लगाएं।
- हफ्ते में एक बार एक्सफोलिएशन कराएं। इसके बाद कंडीशनिंग कराना न भूलें।
- चेहरे को हलके हाथों से साफ करें। सर्दियों में त्वचा को मृत कोशों को हटाने के लिए तेजी के साथ-साथ जल्दी-जल्दी स्क्रब न करें। विशेष तौर पर रूखी त्वचा वाली ऐसा करने से बचें। ताकि झुर्रियां न पडें।
- त्वचा में कसाव लाने के लिए थर्मोहन फेशियल जरूर करवाएं या फिर लिफ्टिंग फेशियल भी ले सकती हैं। फेशियल या जो भी ट्रीटमेंट कराएं उसकी सिटिंग लगातार लें, बीच में न छोडें। अन्यथा वह ट्रीटमेंट असरदायक नहीं होगा।
- अंडे का प्रयोग एक अच्छा फेस मास्क के रूप में हो सकता है। यह त्वचा के लिए आवश्यक प्रोटीन तो प्रदान करता ही है, साथ ही त्वचा पर कसाव भी लाने में मदद करता है।
- बादाम को पीस कर कच्चे दूध में मिला कर आंखों पर लगाएं। यह नानसिटिंग पैक है। यानी ट्रीटमेंट के अंतर्गत नहीं आता है।
- रूखी त्वचा वाले चेहरे पर अधिक हाव-भाव दिखा कर बात न करें, क्योंकि ज्यादा हाव-भाव से त्वचा में फाइन लाइन उम्र से पहले आ जाती हैं।
- त्वचा की देखभाल के अलावा पैरों व हाथों की देखभाल भी उतनी ही जरूरी हैं अत: लगातार मेनीक्योर व पेडीक्योर समय पर अवश्य करवाएं। पूरे शरीर को आराम देने के लिए पंद्रह दिन में एक बार बॉडी मसाज भी करवा सकती हैं। इससे आराम के साथ-साथ त्वचा की उचित देखभाल भी हो जाएगी और आप सर्दियों में भी पाएगी दमकती काया से पूर्ण व्यक्तित्व।
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