अर्थराइटिस होने पर मीठी चीजें खाना क्यों नुकसान करता है? मीठी चीजें खाने से वजन बढ़ता है और जोड़ों पर शरीर के भार का दबाव पड़ता है जिसके वजह से अर्थराइटिस का दर्द बढ़ सकता है, शरीर में अगर फैटी सैल्स ज्यादा हैं तो वो भी गठिया रोग में तकलीफ बढ़ाने का काम करते हैं। इसके अलावा कई कारण हैं जिन्हें आप आगे लेख में जानेंगे। अगर आप अर्थराइटिस में दर्द कम करना चाहते हैं तो मीठी चीजों से दूर रहें, मीठे की क्रेविंग होने पर कम मात्रा में खा सकते हैं पर उसे आदत न बनाएं और हेल्दी विकल्प ही चुनें। इस लेख में हम अर्थराइटिस पर मीठी चीजों का क्या असर होता है इसे जानेंगे और उन टिप्स की बात करेंगे जिनकी मदद से डाइट में शुगर की मात्रा कम की जा सकती है। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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मीठा खाने से अर्थराइटिस का दर्द क्यों बढ़ जाता है? (How sugar affects arthritis)
अगर आपको अर्थराइटिस है तो जोड़ों में दर्द और सूजन आपकी मुख्य समस्या होगी पर अगर आप मीठी चीजें खाएंगे तो आपकी परेशानी बढ़ सकती है। इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि शुगर की मात्रा ज्यादा लेने से वजन बढ़ता है और जोड़ों पर दबाव बढ़ता है जिसके कारण आपको अचानक से ज्यादा दर्द होने लगता है वहीं अगर आप शुगर की मात्रा कम कर दें तो वजन कम होगा जिससे जोड़ों पर दबाव नहीं पड़ेगा और आपको दर्द का अहसास ज्यादा नहीं होगा। जिन लोगों को अर्थराइटिस होता है उनके शरीर में एक प्रकार का प्रोटीन पाया जाता है जिसे हम एंटी-सिट्रोलिनेटेड प्रोटीन एंटीबॉडीज या एसीपीए (anti-citrullinated protein antibodies) कहते हैं, इस प्रोटीन के कारण अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति को दर्द होता है और मीठी चीजें खाने से इस प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण दर्द भी बढ़ सकता है।
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वजन बढ़ने से फैटी टिशूज जोड़ों में दर्द को बढ़ा सकते हैं (Fatty tissues increase pain in arthritis)
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डॉ सीमा ने बताया कि हम अर्थराइटिस के कई मरीजों से मिलते हैं तो अचानक से जोड़ों में तेज दर्द की शिकायत के साथ हमारे पास आते हैं, हम उन्हें चीनी की मात्रा कम कर देने और वजन घटाने की सलाह देते हैं क्योंकि ये भी अर्थराइटिस में तेज दर्द का कारण हो सकता है। साल 2017 में हुई एक स्टडी के मुताबिक ऐसे लोग जिन्हें अर्थराइटिस है, उनके लक्षण मीठा खाने के कारण बढ़े हुए नजर आए। डॉक्टरों का मानना है कि मीठी चीजों का सेवन ज्यादा करने से जिस तरह दांतों से जुड़ी बीमारी शुरू हो जाती है उसी तरह अर्थराइटिस के लक्षण भी शुगर ज्यादा लेने से बढ़ने लगते हैं। जब मीठा खाने के कारण आपका वजन बढ़ता है तो फैटी टिशूज़ भी अर्थराइटिस का दर्द बढ़ाने का काम करते हैं।
मीठी चीजों से गुड और बैड बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ता है
मीठी चीजें खाने से शरीर में गुड और बैड बैक्टीरिया का बैलेंस बिगड़ जाता है और शुगर बैड बैक्टीरिया की मात्रा को बढ़ावा देती है। ज्यादा मीठी चीजें खाने से मोटापा, हार्ट की बीमारी, डायबिटीज, स्ट्रेस बढ़ता है जिसका सीधा असर अर्थराइटिस पर पड़ता है। अगर आप बहुत अधिक मात्रा में प्रोसेस्ड शुगर का सेवन करेंगे तो शरीर में साइटोकिन (cytokines) की मात्रा बढ़ जाएगी जो कि अर्थराइटिस से पीड़ित मरीजों के शरीर में ज्यादा ही होती है और इससे जोड़ों में दर्द, सूजन, अकड़न का अहसास होता है।
मीठा खाने का मन करे तो फल खाएं (Eat fruit when you have sweet craving)
मीठे की क्रेविंग होने पर क्या करें? अगर आपको मीठा खाने का मन करता है तो आप फल खा सकते हैं। फल खाने से आपके शरीर को जरूरी विटामिन और मिनरल मिलते हैं और मीठा खाने की क्रेविंग भी कम होती है। आपको फ्रूट जूस की जगह फल खाने चाहिए क्योंकि फल में रेशे होते हैं जिससे शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। अगर आप लो-फैट या लो-शुगर का लेबल पड़कर आप खाने की चीजों को चुनते हैं तो आपकी डाइट में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है जैसे जिन प्रोडक्ट में लो-फैट या लो-शुगर लिखा होता है उनमें फैट या शुगर की मात्रा ज्यादा होती है क्योंकि कंपनी फैट या शुगर की मात्रा हटाकर उसमें टेस्ट एड करने के लिए अन्य चीजों को मिलाती है जिससे शुगर या फैट बढ़ जाता है इसलिए आप नॉर्मल या प्लेन वर्जन को चुनें।
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डाइट में शुगर की मात्रा कैसे कम करें? (How to decrease sugar intake in diet)
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डाइट में शुगर की मात्रा कम करने के लिए आप इन टिप्स को फॉलो करें-
- पैकेज्ड फूड्स में चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, डाइट से शुगर हटाने के लिए पैकेज्ड फू्ड्स का सेवन न करें।
- नाश्ते में सिरियल (Cereal) का सेवन न करें, सिरियल में एडड शुगर होती है, इससे आपके शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है।
- अगर आपको सॉस खाने का शौक है तो उसमें ढेर सारी शुगर होती है, सॉस की जगह पर घर पर ताजा चटनी बना सकते हैं।
- मीठी चाय पीने के शौकीन हैं तो चीनी की जगह गुड़ एड करें, गुड़ में चीनी से कम कैलोरीज होती हैं क्योंकि गुड़ प्रोसेस्ड नहीं होता है।
- कोशिश करें किसी फॉर्म से ताजा शहद लें, क्योंकि वजन कम करने के लिए आप जिस शहद का सेवन करते हैं उसमें भी कैलोरीज की मात्रा बहुत ज्यादा होती है।
- आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का सेवन न करें, इससे शुगर की मात्रा कम होने के बजाय बढ़ जाती है।
- नींद पूरी करें और स्ट्रेस कम करें जिससे आपको मीठा खाने की क्रेविंग न हो। अनिद्रा की समस्या से भी फूड क्रेविंग होती है।
- आपको प्रोटीन की मात्रा बढ़ानी चाहिए, शरीर में प्रोटीन की मात्रा पर्याप्त होने से शुगर की क्रेविंग नहीं होती।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, डिहाइड्रेशन के कारण भी मीठा खाने का ज्यादा मन होता है, आप पानी की सही क्वॉन्टिटी लेंगे तो शुगर और फूड क्रेविंग दोनों ही नहीं होगी।
अर्थराइटिस के लक्षणों को नजरअंदाज न करें, आप जितना जल्दी इलाज करवाएंगे परेशानी उतनी कम होगी, वजन को संतुलित रखें और हेल्दी डाइट का सेवन करें।
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