
अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि वजन कम करने या स्वस्थ वजन बनाए रखने से आप खुद को कई बीमारियों के जोखिम से दूर रख सकते हैं। लेकिन डायबिटीज के मामले में वजन कम करना आपके लिए फायदेमंद है या नहीं, यह आप इस रिसर्च से जान सकते हैं। हाल में हुई एक नई रिसर्च से पता चलता है कि वजन ?घटाने या कम करने से डायबिटीज का खतरा भी कम हो सकता है या डायबिटीज को रोका जा सकता है। आइए इस बारे में िविस्तार से जानने के लिए यहां इस लेख को आगे पढ़ें।
क्या वजन घटाने से घट सकता है डायबिटीज का खतरा?
दुनिया में हर दूसरा या तीसरा व्यक्ति आपको ऐसा मिल सकता है, जो डायबिटीज की समस्या से ग्रस्त है। दुनिया के लगभग 463 मिलियन लोग ऐसे हैं, जो डायबिटीज के साथ जी रहे हैं। इसमें से अधिकांश ऐसे हैं, जो टाइप-2 डायबिटीज से पीडि़त हैं। इस संख्या में बच्चों से लेकर बड़े और बुजुर्ग सभी शामिल हैं, कोई इस बीमारी से अछूता नहीं रह गया है। डायबिटीज अपने आप में अकेली बीमारी नहीं है, यह अपने साथ कई अन्य बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ाती है। डायबिटीज कोरोनरी हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और हृदय रोगों से जुड़ी मौतों के खतरे को दोगुना कर देता है। लेकिन आप सही खानपान और आदतों के साथ डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं और इससे होने वाले नुकसानों को रोक सकते हैं। हांलांकि मोटापा टाइप-2 डायबिटीज के मुख्य परिवर्तनीय कारण है, जबकि आनुवांशिकी के कारण भी इस स्थिति को विकसित करने की संभावना को बढ़ा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हम अपने जीन के साथ पैदा हुए होते हें, इसलिए यह संभव है। लेकिन हाल में हुुई एक रिसर्च में पाया गया है कि वजन कम करने से डायबिटीज को रोका जा सकता है।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, ब्रिटेन और मिलान विश्वविद्यालय इटली के प्रोफेसर ब्रायन फेरेंस ने कहा है, हमने यह पता लगाने के निए अध्ययन किया था कि क्या वर्तमान में बॉडी मास इंडेक्स यानि BMI के साथ विरासत में मिला जोखिम विकासशील डायबिटीज के उच्चतम स्तर पर लोगों की पहचान कर सकता है। जिससे कि रोकथाम के प्रयास के साथ इन व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।
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445,765 लोगों के साथ किया गया अध्ययन
इस अध्ययन में यूके बायोबैंक के 445,765 प्रतिभागी शामिल थे। जिसमें शामिल लोगों की औसत आयु 57.2 वर्ष थी और इनमें 54 प्रतिशत महिलाएं थीं। इस अध्ययन को करने के लिए शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के बीएमआई के अनुसार, उन्हें पांच समूहों में भी बांटा।
जिसमें उन्होंने पाया कि उच्चतम बीएमआई समूह (औसत 34.5 किलोग्राम / एम 2) के लोगों में सबसे कम बीएमआई समूह (औसत 21.7 किलोग्राम / एम 2) के प्रतिभागियों की तुलना में डायबिटीज का 11 गुना बढ़ा हुआ जोखिम था। उच्चतम बीएमआई समूह में आनुवंशिक जोखिम की परवाह किए बिना अन्य सभी बीएमआई समूहों की तुलना में डायबिटीज के विकास की अधिक संभावना थी।
अध्ययन के निष्कर्ष
इस अध्ययन के लेखक प्रोफेसर फेरेंस ने कहा है, " हमारे अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि बीएमआई डायबिटीज के लिए एक अधिक शक्तिशाली जोखिम कारक है। इसलिए वजन घटाने और एक स्वस्थ बीएमआई से डायबिटीज को रोका जा सकता है।''
इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने पाया कि हाई बीएमआई वाले लोगों में डायबिटीज की संभावना तब भी अधिक होती है, जब कि वे लंबे समय तक अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त रहे हों। उन्होंने पाया कि बढ़े हुए बीएमआई की अवधि का डायबिटीज के जोखिम पर प्रभाव नहीं है।
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प्रोफेसर फेरेंस ने कहा: "इससे पता चलता है कि जब लोग एक निश्चित बीएमआई सीमा को पार करते हैं, तो उनमें डायबिटीज की संभावना बढ़ जाती है और वे उसी उच्च जोखिम वाले स्तर पर रहते हैं, भले ही वे कितने अधिक वजन के हों।"
उन्होंने कहा, "यह भी संभव हो सकता है कि स्थायी क्षति होने से पहले प्रारंभिक अवस्था में वजन कम करके डायबिटीज को उलट दिया जाए।''
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