मोटे लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है कोरोना, चपेट में आने पर बढ़ सकती है स्वास्थ्य की जटिलताएं: स्टडी

क्‍या आप जानते हैं कि मोटे लोगों में COVID-19 संबंधी जटिलताओं के विकास का अधिक खतरा होता है, यदि वह अपने स्‍वास्‍थ्‍य का ध्‍यान नहीं रखते हैं। 
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मोटे लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है कोरोना, चपेट में आने पर बढ़ सकती है स्वास्थ्य की जटिलताएं: स्टडी

मोटापा कोई एक अकेली स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या नहीं हैं, बल्कि यह अपने साथ कई अन्‍य गंभीर बीमारियों के खतरे का एक जोखिम कारक है। मोटापा डायबिटीज, हाई ब्‍लड प्रेशर जैसी अनेकों स्‍वास्‍थ्‍य स्थितियों को ट्रिगर करता है। इसके अलावा, एक मोटे व्यक्ति में कोरोनावायरस के दौरान इससे जुड़ी प्रमुख स्वास्थ्य स्थितियों के विकास का अधिक खतरा हो सकता है। जी हां, कई रिसर्च बताती हैं कि कोरोनोवायरस संक्रमण के लिए मोटापा एक जोखिम कारक है, लेकिन जो बात अधिक है वह यह है कि यह मोटे लोगों में आजीवन जटिलताओं का कारण बन सकता है। यह हाल में हुए एक नए शोध में पाया गया है। 

obesity And Corona virus

मोटापे और कोरोनावायरस के बीच संबंध 

मोटापे और COVID-19 के बीच एक गहरा संबंध है, जो आपको परेशान करने वाला हो सकता है। जी हां, हाल में हुए एक अध्‍ययप में पाया गया है कि जो लोग मोटे होते है,  उनकी स्वस्थ लोगों की तुलना में कमजोर प्रतिरक्षा प्रणली होती है। यही वजह है कि मोटे लोगों में कोरोनावायरस का खतरा अधिक है और उनमें इससे जुड़ी जटिलताएं आजीवन रह सकती हैं। खासकर कि तब, यदि उनके पास कोई मौजूदा बीमारी जैसे हाई ब्‍लड प्रेशर, डायबिटीज, अस्थमा या हृदय रोग जैसी स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति हों। वे इसके कारण जटिलताओं को विकसित करने की अत्यधिक संभावना रखते हैं।

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रिसर्च

द् यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना, चैपल हिल ने वैक्सीन के बाद मोटापे और कोरोनावायरस जटिलताओं के बीच लिंक को समझने के लिए यह शोध किया। शोधकर्ताओं के अनुसार, 30 से अधिक बीएमआई वाले मोटे लोगों को अस्पताल में भर्ती होने का अधिकतम जोखिम 113%  होता है। इसी तरह, आईसीयू में भर्ती होने का जोखिम 74% है और कोरोनोवायरस जटिलताओं के कारण मरने का प्रतिशत लगभग 48 है।

कोरोनोवायरस की पुर्न संरचना शुरू हो गई है और इस विषय की गहराई में जाने के लिए, शोधकर्ताओं ने मोटापे और कोरोनावायरस के जोखिम के बीच की कड़ी को समझने के लिए प्रतिरक्षात्मक और बायोमेडिकल डेटा का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि मोटापे के कारण होने वाले मेटाबॉलिक परिवर्तन संक्रमण से लड़ने में समस्याओं के प्रमुख कारण हैं। यह पहले हेपेटाइटिस और इन्फ्लूएंजा के साथ देखा गया था और अब यह COVID-19 के साथ भी माना जाता है।

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Obese People Are Higher Risk Of Covid-19

अध्ययन के सह-लेखक मेलिंडा बेक, न्यूट्रिशन विभाग में प्रोफेसर, गिलिंग्स स्कूल ऑफ ग्लोबल पब्लिक हेल्थ कहते हैं, "ये सभी कारक प्रतिरक्षा सेल मेटाबॉलिज्‍म को प्रभावित कर सकते हैं, जो निर्धारित करता है कि कैसे शरीर रोगज़नक़ों के प्रति प्रतिक्रिया करता है, जैसे कि SARS-CoV-2 कोरोनावायरस। मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों में शारीरिक बीमारियों का अनुभव होने की संभावना अधिक होती है, जो इस बीमारी से लड़ने में कठिन होती हैं, जैसे कि स्लीप एपनिया, जो पल्मनरी हाइपरटेंशन को बढ़ाता है। "

उन्‍होंने कहा, “हालांकि, हम यह नहीं कह रहे हैं कि टीका मोटापे से ग्रस्‍त आबादी में अप्रभावी होगा, बल्कि यह कि मोटापे को वैक्सीन परीक्षण के लिए संशोधित करने वाले कारक के रूप में माना जाना चाहिए। यहां तक कि एक कम सुरक्षात्मक टीका अभी भी प्रतिरक्षा के कुछ स्तर की पेशकश करेगा।'' 

सीमित सामाजिक यात्राओं, अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों में वृद्धि आदि ने मोटापे के जोखिम को बढ़ा दिया है जो COVID-19 के कारण स्वास्थ्य को और अधिक जोखिम देता है। इसलिए मोटे लोगों को अपने वजन के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है।

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