इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पिछले कुछ सालों में हमारी जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा हो गए हैं। पिछले लगभग 20-30 सालों में रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी हर गतिविधि में कोई-न-कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल हो गया है। इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों ने जीवन को आसान बनाया है, लेकिन कई तरह की समस्याएं भी बढ़ाई हैं। इनके प्रयोग के कारण लोगों ने शारीरिक मेहनत करना कम कर दिया है, जिसके कारण मोटापा और दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ गई हैं। यही नहीं, इनमें से ज्यादातर डिवाइसेज इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन छोड़ते हैं, जिसका असर भी लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। हाल में ही एक रिसर्च में दावा किया गया है कि रात के समय डिजिटल डिवाइसेज का इस्तेमाल करने से पुरुषों के स्पर्म की क्वालिटी खराब होती है।
रेडिएशन का पड़ता है बुरा असर
मोबाइल और लैपटॉप पिछले कुछ सालों में हमारे सबसे जरूरी और सबसे अच्छे दोस्त बन गए हैं। खासकर कोरोना वायरस महामारी आने के बाद से इनका इस्तेमाल लोगों में काफी बढ़ा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोबाइल फोन से निकलने वाला रेडिएशन कितना खतरनाक हो सकता है? कई रिसर्च के अनुसार ये इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को बढ़ा सकता है, डीएनए में बदलाव कर सकता है और कई मामलों में तो कैंसर या ट्यूमर का भी कारण बन सकता है। इसके अलावा एक नए अध्ययन के अनुसार इसका असर पुरुषों के स्पर्म पर भी पड़ता है, इसलिए मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल पुरुषों में इंफर्टिलिटी की समस्या भी बढ़ा सकता है।
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रात में स्क्रीन वाले गैजेट्स का इस्तेमाल है खतरनाक
अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन द्वारा किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनकि मीडिया के रात में इस्तेमाल से पुरुषों में स्पर्म क्वालिटी खराब होती है। इस अध्ययन के अनुसार स्क्रीन गैजेट्स वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का शाम के बाद इस्तेमाल खासकर रात के समय खतरनाक हो सकता है। वैज्ञानिकों ने पाया कि जो लोग रात के समय स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप इत्यादि का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं, उनके स्पर्म की तैरने की क्षमता (कंसंट्रेशन और मोटिलिटी) कम हो जाती है। इसलिए पुरुषों के लिए देर रात तक इन डिवाइसेज का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है।
खराब होती है स्पर्म क्वालिटी
इजराइल के Assuta Medical Center के Sleep and Fatigue Institute के research and development के हेड डॉ. Amit Green के अनुसार, "शाम के बाद या बेड टाइम के समय स्मार्टफोन और टैबलेट के ज्यादा इस्तेमाल का असर स्पर्म पर देखा गया है। मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट और टेलिविजन के ज्यादा रात तक इस्तेमाल से स्पर्म की क्वालिटी खराब होती है। हमारी जानकारी के मुताबिक ये पहला अध्ययन है, जिसमें डिजिटल मीडिया से निकलने वाली लाइट और स्पर्म क्वालिटी के बीच संबंध को बताया गया है। खासकर स्मार्टफोन और टैबलेट से निकलने वाली लाइट्स के बारे में।"
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ऐसे किया गया अध्ययन
इस अध्ययन के लिए 21 से 59 साल के 116 पुरुषों के वीर्य का सैपल लिया गया, जिनकी फर्टिलिटी पर पहले से ही जांच चल रही थी। इसके बाद वैज्ञानिकों ने इनके वीर्य में स्पर्म का अध्ययन किया और इन सभी लोगों से इनके सोने की आदतों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल की आदतों के बारे में जानकारी इकट्ठा की। इसी के आधार पर वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का ज्यादा इस्तेमाल पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी घटाता है।
हालांकि ये अध्ययन बहुत छोटे समूह पर किया गया है, लेकिन ये अपने आप में स्मार्ट डिवाइसेज और स्पर्म क्वालिटी के बीच संबंध को दर्शाने वाला पहला अध्ययन है, इसलिए महत्वपूर्ण है। वैज्ञानिकों को इस बारे में पुख्ता प्रमाण जुटाने के लिए और ज्यादा जानकारी के लिए बड़े पैमाने पर रिसर्च करने की जरूरत है।
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