कोरोना के मरीजों को TB और टीबी के मरीजों को COVID का खतरा ज्यादा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कैसे कराएं जांच

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोविड-19 के सभी मरीजों के लिए टीबी टेस्ट और टीबी के एक्टिव मरीजों के लिए कोविड-19 का टेस्ट जरूरी है।
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कोरोना के मरीजों को TB और टीबी के मरीजों को COVID का खतरा ज्यादा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कैसे कराएं जांच


टीबी और कोविड-19 दोनों ही फेफड़ों से जुड़े इंफेक्शन हैं और दोनों ही खतरनाक हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक गाइडेंस नोट जारी किया है, जिसमें बताया गया कि टीबी के सभी मरीजों को कोविड-19 का टेस्ट कराना चाहिए और कोविड-19, एंफ्लुएंजा या सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन वाले मरीजों को टीबी का टेस्ट कराना चाहिए। इस नोट में बताया गया है कि टीबी भी फेफड़ों पर अटैक करता है और कोविड-19 भी फेफड़ों पर अटैक करता है। खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दोनों ही बीमारियों में दिखते हैं। लेकिन टीबी होने पर व्यक्ति में इसके लक्षण अपेक्षाकृत ज्यादा देर से दिखते हैं। वहीं अलग-अलग स्टडीज में देखा गया है कि कोविड-19 के मरीजों में टीबी होने की पुष्टि 0.37% से लेकर 4.47% तक हुई है।

covid-19 test with tb test

टीबी के मरीजों को है कोविड-19 का खतरा ज्यादा

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नोट में बताया गया है कि स्टडीज में पाया गया है कि टीबी के एक्टिव मरीजों और गुप्त मरीजों में कोविड-19 बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा है। यही नहीं कि टीबी मरीजों में कोविड-19 होने की आशंका ज्यााद है, बल्कि कोविड-19 की चपेट में आने पर टीबी मरीजों में लक्षण बहुत जल्दी गंभीर हो जाते हैं। टीबी मरीजों में गंभीर कोविड-19 के लक्षणों का खतरा 2.1 गुना ज्यादा होता है। इसके अलावा टीबी के मरीजों में आमतौर पर दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं भी पाई जाती हैं, जैसे- कुपोषण, डायबिटीज, धूम्रपान, एचआईवी आदि, जिसके कारण उनमें गंभीर लक्षणों का खतरा ज्यादा होता है।

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सभी टीबी मरीज कराएं अपना कोविड टेस्ट

इन्हीं बातों को देखते हुए मंत्रालय ने सभी नए टीबी मरीजों को और पुराने टीबी मरीज जिनका इलाज रहा रहा है, उन्हें, कोविड-19 टेस्ट कराने के लिए कहा है। मंत्रालय ने यह भी निर्देश जारी किए हैं कि टीबी मरीजों की कोविड टेस्ट निगेटिव या पॉजिटिव आने पर हेल्थ एक्सपर्ट्स को आगे क्या कदम उठाने हैं और उनका इलाज कैसे करना है। इस गाइडलाइन के अनुसार टीबी मरीजों का इलाज नहीं रोका जाना चाहिए, इसलिए वो जारी रहेगा।

कोविड-19 के सभी मरीजों को टीबी का टेस्ट कराने का भी निर्देश

इसी के साथ मंत्रालय ने कोविड-19 के सभी मरीजों को अपना टीबी टेस्ट कराने का भी निर्देश दिया है। सभी कोविड-19 के मरीजों में 4 लक्षणों के आधार पर टीबी का टेस्ट किया जाना जरूरी है। ये 4 लक्षण हैं-

  • 2 सप्ताह या अधिक समय से लगातार खांसी आना
  • 2 सप्ताह या अधिक समसय से लगातार बुखार आना
  • अचानक से वजन घटने लगना
  • रात में सोते समय पसीना आने लगना

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इन लक्षणों वाले कोविड मरीजों के अलावा कोविड के ऐसे मरीज जो किसी भी तरह से टीबी मरीज के संपर्क में पिछले कुछ समय में आए हैं या जिन लोगों को पहले टीबी हो चुका है, भले ही वो अब ठीक हैं, लेकिन उनका कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया है, उन्हें भी अपना टीबी का टेस्ट कराना जरूरी है।

ये टेस्ट किस तरह किया जाएगा और टेस्ट के दौरान संबंधित जांच अधिकारी या जांचकर्ता को किन निर्देशों का पालन करना है, इस बारे में पूरी जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी इस गाइडेंस नोट में दी गई है।

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