रात में सोते समय आप लाइट बंद करके सोते हैं या जलाकर? कई बार कुछ लोगों को अंधेरे से डर लगता है, जिसके कारण वो रात में बत्तियां जलाकर सोने की आदत डाल लेते हैं। मगर वैज्ञानिकों का मानना है कि आपको हमेशा रात में लाइट बंद करके ही सोना चाहिए। अगर आपको रात में भूत या अंजान साये का डर सताता है, तो बेहतर है कि आप इस समस्या से निजात पाने के लिए कोई और उपाय खोज लें। मगर लाइट जलाकर सोना ठीक नहीं है।
2-3 घंटे डीप स्लीप है जरूरी
आजकल घरों में लोग एक की जगह कई तरह की लाइट्स लगाकर रखते हैं। टेबल लैंप, हैंगिंग लैंप, होल्डर में लगा बल्ब या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से निकलने वाली आर्टिफिशियल रोशनी रात में आपकी सुखद नींद के लिए अच्छी नहीं है- ऐसा दावा वैज्ञानिकों ने किया है। वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया है कि रात में सोते समय आर्टिफिशियल लाइट के कारण आपकी नींद में बाधा आती है। यह तो आप भी जानते होंगे कि हर व्यक्ति के लिए रात में 7 से 9 घंटे की नींद लेना जरूरी है। मगर सिर्फ सोना काफी नहीं है। इस दौरान कम से कम 2-3 घंटे की डीप स्लीप (गहरी नींद) भी बहुत जरूरी है। जब आप लाइट जलाकर सोते हैं, तो आपका मस्तिष्क और शरीर डीप स्लीप की स्थिति में नहीं जा पाता है। इसलिए वैज्ञानिकों का कहना है कि आपको रात में बत्तियां बुझाकर सोने की आदत डालनी चाहिए।
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अपने बॉडी क्लॉक को समझें
क्या आप जानते हैं कि आपके शरीर में एक काल्पनिक घड़ी होती है, जिसे सर्केडियन रिद्म कहते हैं। आपका शरीर इसी घड़ी के अनुसार दिन और रात को पहचानता है और शरीर के बॉडी फंक्शन्स को कंट्रोल करता है। लेकिन सवाल ये उठता है कि बॉडी क्लॉक को कैसे पता चलता है कि दिन है या रात? तो जवाब ये है कि आपके मस्तिष्क में एक खास ग्रंथि होती है, जिसे पीनियल ग्रंथि या पीनीयल ग्लैंड (Pineal Gland)कहते हैं। ये ग्रंथि एक खास हार्मोन रिलीज करती है, जिसे मेलाटोनिन (Melatonin) कहते हैं। यही वो हार्मोन है, जो आपके मस्तिष्क को बताता है कि रात हो गई है और अब सोने का समय है, या सुबह हो गई है, तो जागने का समय है।
लाइट जलाने से प्रभावित होता है हार्मोन
वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया है कि आपके मस्तिष्क में बनने वाला मेलाटोनिन हार्मोन बाहर मौजूद प्रकाश के आधार पर बनता है। अगर आप रात में बत्तियां जलाकर सोते हैं, तो आपका शरीर मेलाटोनिन हार्मोन का निर्माण नहीं करता है क्योंकि उसे लगता है कि आप दिन में सो रहे हैं। जबकि बत्तियां बुझाकर सोने से मस्तिष्क सही मात्रा में मेलाटोनिन हार्मोन का निर्माण करता है और आप सुकून भरी अच्छी नींद सो पाते हैं। मगर शुरुआत में आपको इसकी आदत डालनी पड़ सकती है।
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लाइट बंद करके नहीं आती नींद, तो क्या करें
कुछ लोगों के साथ ये समस्या होती है कि उन्हें लाइट बंद करके नींद नहीं आती है क्योंकि वे डरते हैं या उनके मस्तिष्क में किसी तरह का कोई भ्रम होता है। ऐसी स्थिति में आप कम से कम इतना जरूर करें कि सोने से पहले आंखों पर आई-बैग्स लगा लें। इससे कम से कम आंखें प्रकाश के संपर्क में आने से बच जाएंगी। इसके अलावा ऐसी समस्या में आप मनोवैज्ञानिक से भी सलाह ले सकते हैं। रात में सही समय पर नींद न आना या उथली नींद आना कई बीमारियों का शुरुआती संकेत भी होता है, इसलिए लंबे समय से समस्या हो, तो डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
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