Why Gut Health Affect The Mood in Hindi: अक्सर आपने ध्यान दिया होगा कि जब भी आपको पेट से जुड़ी कोई समस्या होती है तो इसका सीधा असर हमारे मूड पर भी पड़ता है। अगर पेट अच्छा है तो हमे अच्छा महसूस होता है, लेकिन अगर पेट में कोई समस्या है तो इससे मूड भी खराब होता है। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि आपका गट हेल्थ आपके मूड को कैसे प्रभावित कर सकता है? लेकिन क्या समच में आंतों का स्वास्थ्य हमारे मूड पर सीधा असर डालता है। दरअसल, जब हमारा गट सही तरीके से काम नहीं करता, तो इससे न सिर्फ पाचन में समस्याएं होती हैं, बल्कि हमारा दिमाग भी प्रभावित होता है। यानि, पेट की परेशानियां सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि हमारे मानसिक और इमोशनल हेल्थ (How does gut health affect behavior) पर भी असर डाल सकती हैं। ऐसे में आइए धर्मशिला में स्थित नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के जीआई सर्जरी जीआई ऑन्कोलॉजी, बैरिएट्रिक और मिनिमल एक्सेस सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. कपिल कुमार कुर्सीवाल से जानते हैं कि आंत स्वास्थ्य आपके मूड को कैसे प्रभावित करता है? (does gut health affect mood)
गट हेल्थ मूड को कैसे प्रभावित करता है? - Why Gut Health Affect The Mood in Hindi?
डॉ. कपिल कुमार कुर्सीवाल के अनुसार, "आंतों का स्वास्थ्य हमारे मेंटल हेल्थ और मूड पर गहरा प्रभाव डालता है। इसका कारण है कि हमारे गट और दिमाग के बीच एक कनेक्शन होता है, जिसे "गट-ब्रेन ऐक्सिस" कहा जाता है। इसका मतलब है कि यह हमारी आंतों में होने वाली समस्याओं और उनकी स्थिति पर सीधे हमारे दिमाग को प्रभावित कर सकती है।"
1. सेरोटोनिन का उत्पादन
सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जिसे "हैप्पी हार्मोन" के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह सीधे तौर पर हमारे मूड को कंट्रोल करता है। लेकिन, क्या आपको पता है लगभग 90% सेरोटोनिन हमारे गट यानी आंतों में बनता है, न कि दिमाग में। इसलिए, अगर आंतों में कोई समस्या होती है, तो सेरोटोनिन का उत्पादन प्रभावित हो सकता है, जिससे मूड में बदलाव और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
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2. इन्फ्लेमेशन
आंतों में सूजन या खराब बैक्टीरिया का संतुलन आपके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। जब आंतों में सूजन होती है, तो शरीर में ऐसे केमिकल रिलीज होते हैं, जो दिमाग में तनाव और डिप्रेशन को बढ़ा सकते हैं। यह केमिकल शरीर में इन्फ्लेमेटरी सिग्नल्स का कारण बन सकता है, जो मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि डिप्रेशन और एंग्जाइटी का कारण बनते हैं।
3. बैक्टीरिया और माइक्रोबायोम
हमारे गट में लाखों बैक्टीरिया होते हैं, जो हमारी सेहत को बेहतर रखने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। अच्छे बैक्टीरिया न सिर्फ पाचन को बेहतर बनाते हैं, बल्कि दिमाग तक भी सिग्नल भेजते हैं, जिससे हमें अच्छा महसूस होता है। लेकिन, अगर गट में अच्छे बैक्टीरिया की कमी होती है, तो यह दिमाग स्थिति को प्रभावित कर सकता है, जिससे एंग्जाइटी और तनाव की समस्या हो सकती है।
4. तनाव और आंतों का स्वास्थ्य
जब हम तनाव में होते हैं, तो यह हमारी आंतों को भी प्रभावित करता है। तनाव के कारण आंतों में ऐंठन, सूजन या पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, और ये समस्याएं मेंटल हेल्थ को और ज्यादा खराब कर सकती है, जिसके कारण आपको चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन और तनाव की समस्या हो सकती है, जो मूड स्विंग्स का कारण बनता है।
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निष्कर्ष
हमारे गट हेल्थ का असर सीधे हमारे मूड को प्रभावित करता है। इसलिए, यह जरूरी है कि हम अपने गट हेल्थ का ध्यान रखें, ताकि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर रख सके। आंतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप अपनी डाइट में संतुलित आहार शामिल करें, प्रोबायोटिक्स का सेवन करें और नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
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