Doctor Verified

चर्म रोग में नीम का उपयोग कैसे करें? एक्सपर्ट से जानें

Neem leaves benefits: चर्म रोग यानी त्वचा की समस्याएं बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं की जा सकती हैं। लेकिन, कुछ हर्बल उपाय हैं जो इसके लिए काम कर सकते हैं। जैसे कि नीम की पत्तियों का इस्तेमाल। 
  • SHARE
  • FOLLOW
चर्म रोग में नीम का उपयोग कैसे करें? एक्सपर्ट से जानें

Neem leaves benefits: गर्मियां आने के साथ लोगों में स्किन से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। यह पसीना, गंदगी, धूप और खुजली की वजह से होता है। इस स्थिति में स्किन के पोर्स ब्लॉकेज का शिकार हो जाते हैं और कई बार पसीना रूकने की वजह से इंफेक्शन की स्थिति आ सकती है। इसके अलावा इस मौसम में चर्म रोग भी तेजी से बढ़ते हैं। चर्म रोग का मतलब है त्वचा से जुड़े रोग जैसे दाले निकलना, खुजली, रैशेज, पपड़ीदार खुरदरी त्वचा या फिर मवाद से भरे दाने, एक्जिमा और सोरायसिस। खास बात यह है कि इन तमाम स्थितियों में नीम की पत्तियों का इस्तेमाल काफी कारगर तरीके से काम करता है। कैसे, इस बारे में हमने बात की Dr. Sarita Sanke, Senior Consultant, Dermatology, Yashoda Medicity Indirapuram से।

चर्म रोग में नीम का उपयोग कैसे करें-How to use neem leaves for skin diseases

यशोदा मेडिसिटी इंदिरापुरम की त्वचा विज्ञान की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. सरिता संके कहती हैं कि नीम एक बहुमुखी प्राकृतिक उपचार है जिसका व्यापक रूप से इसके एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और सूजन-रोधी गुणों के कारण इस्तेमाल होता है। यह विभिन्न त्वचा स्थितियों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। यह अतिरिक्त तेल उत्पादन को कम करके, बैक्टीरिया के विकास को रोककर और सूजन को शांत करके मुंहासों से प्रभावी रूप से लड़ता है। नीम आपकी स्किन पोर्स में जाकर त्वचा को अंदर डिटॉक्स करता है। इतना ही नहीं अगर आप नीम का सेवन भी कर लें तो इसके एंटीबैक्टीरियल गुण खून में मिलकर बैक्टीरियल ग्रोथ को रोकने में मदद करते हैं। इससे आपको स्किन से जुड़ी दिक्कतें कम परेशान करेंगी।

एक्जिमा और सोरायसिस में नीम के फायदे-Neem for eczema and psoriasis

एक्जिमा और सोरायसिस जैसी पुरानी त्वचा स्थितियों के लिए, नीम काफी राहत प्रदान करता है। इसके सूजन-रोधी और मॉइस्चराइजिंग गुण रेडनेस, खुजली और पपड़ी को कम करने में मदद करते हैं। प्रभावित क्षेत्रों पर आप इसका तेल लगा सकते हैं। जैसे कि नारियल तेल में नीम का तेल मिलाकर लगाने से जलन से राहत मिल सकती है। इसके अलावा, नीम के पानी से नहाने से लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।

Neem benefits for skin

इसे भी पढ़ें: बच्चे के पेट में हैं कीड़े, तो उसे खिलाएं नीम की कैंडी, जानें फायदे और रेसिपी

एथलीट फुट और दाद में फायदेमंद नीम-Neem for athlete’s foot and ringworm

नीम एथलीट फुट और दाद जैसे फंगल संक्रमण के साथ-साथ सेप्टिक घावों के इलाज में भी अत्यधिक प्रभावी है। नीम के तेल या नीम के पाउडर के पेस्ट का सीधा उपयोग फंगल विकास को रोक सकता है और तेजी से उपचार को बढ़ावा दे सकता है।

मुंहासों को कम करने में मददगार नीम-Neem for acne

मुंहासों का इलाज करने के लिए, आप प्रभावित क्षेत्रों पर 15-20 मिनट के लिए पीसे हुए नीम के पत्तों और पानी से बने पेस्ट को लगा सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, नीम के तेल को मुंहासों पर लगाकर उन्हें सुखाया जा सकता है और आगे संक्रमण को रोका जा सकता है।

पिगमेंटेशन और काले धब्बों को कम करने में मददगार नीम-Neem for Pigmentation and dark spots

इसके अलावा, नीम के एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ई की मात्रा इसे पिगमेंटेशन और काले धब्बों को कम करने के लिए फायदेमंद बनाती है। नीम के पानी से नियमित रूप से चेहरा धोना या हल्दी के साथ नीम का फेस पैक लगाने से दाग-धब्बे हल्के हो सकते हैं और त्वचा की रंगत भी निखर सकती है।

इसे भी पढ़ें: चेहरे की सूजन कम करने के ल‍िए लगाएं नीम पाउडर-खीरे का फेस पैक, जानें बनाने का तरीका

नीम की पत्तियों को आप अपनी स्किन और इनसे जुड़ी समस्याओं के लिए व्यापक तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं। नीम की खास बात ये है कि इसका एंटीबैक्टीरियल गुण त्वचा के लिए क्लींनजिंग एजेंट के रूप में काम कर सकता है। ऐसे में नीम की पत्तियों को पीसकर और इसका लेप बनाकर लगाने से आपकी त्वचा साफ होगी और डिटॉक्स होगी। अगर आप नीम को उबालकर इसके पानी रोज अपना चेहरा धोएं या नहा लें तो आपको गर्मी में घमौरी और दाने की समस्या नहीं होगी। इसके अलावा आपके शरीर से भी खुशबू आएगी और बदबूदार पसीना कम बनेगा।

ध्यान रखें:

जबकि नीम त्वचा के लिए कई लाभ प्रदान करता है, संवेदनशील त्वचा वाले व्यक्तियों को उपयोग से पहले पैच टेस्ट कर लेना चाहिए। गंभीर या लगातार त्वचा की स्थिति के लिए, त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। अपने मन से और लगातार नीम का सेवन करने या इस्तेमाल से बचें।

Read Next

किन लोगों को साइनस इंफेक्शन का जोखिम ज्यादा होता है? जानें डॉक्टर से

Disclaimer