क्या महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा देर तक सोना चाहिए? जानें महिलाओं की सेहत का नींद से क्या है कनेक्शन?

रिसर्च के अनुसार महिलाओं के हार्मोन्स के कारण उनके मस्तिष्क को रेस्ट करने के लिए पुरुषों से 20 मिनट ज्यादा सोना चाहिए। जानें इसका क्या है कारण।
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा देर तक सोना चाहिए? जानें महिलाओं की सेहत का नींद से क्या है कनेक्शन?


महिलाओं और पुरुषों के सोने के पैटर्न पर अक्सर बहस होती है। ज्यादातर वैज्ञानिक और डॉक्टर्स मानते हैं कि महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा देर तक सोना चाहिए। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि ऐसा क्यों कहा जाता है। दरअसल नींद सभी के लिए जरूरी है। हमारा शरीर एक तरह की मशीन है, जो थकती भी है और खराब भी होती है। इसकी ऑटोमैटिक रेपेयरिंग का ही तरीका है नींद। इसलिए लगभग सभी जीव सोते या आराम जरूर करते हैं।

लेकिन दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में की गई स्टडीज बताती हैं कि महिलाएं अक्सर पुरुषों से कम नींद लेती हैं, जबकि उनके शरीर को पुरुषों से ज्यादा नींद की जरूरत होती है। यही कारण है कि माइग्रेन, स्ट्रेस, सिर दर्द, तनाव और चिड़चिड़ेपन का शिकार भी सबसे ज्यादा महिलाएं ही होती हैं।

women sleeping

क्यों होती है ज्यादा नींद की जरूरत?

इसका कारण खास हार्मोन्स होते हैं। पुरुषों में मुख्य हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन होता है। अच्छी नींद लेने के बाद पुरुषों के शरीर में ये हार्मोन रिलीज होता है और इस हार्मोन में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं, जिसके कारण ये स्ट्रेस को कम कर देता है और पुरुष सोकर उठने के बाद ज्यादा फ्रेश महसूस करते हैं।
जबकि महिलाओं में प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन होता है, जिसमें उसी तरह के स्ट्रेस रिलीविंग गुण नहीं होते हैं। इसलिए सोने पर महिलाओं के शरीर में जब इन प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन्स का स्राव होता है, तो उनकी नींद खराब होती है और वो बिस्तर पर करवट भी ज्यादा लेती हैं। इसलिए स्ट्रेस को पूरी तरह खत्म करने के लिए और फ्रेश फील करने के लिए महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा देर तक सोने की जरूरत होती है

इसे भी पढ़ें: वर्किंग मॉम्स बच्चों के साथ-साथ अपना भी कैसे रखें ख्याल, डॉ. स्वाती बाथवाल से जानें 6 टिप्स

महिलाओं को 20 मिनट ज्यादा सोना चाहिए

महिलाओं के स्ट्रेस लेवल को कम करने के लिए ज्यादा नींद की जरूरत होती है, लेकिन ये कैसे पता चलेगा कि उन्हें कितनी देर ज्यादा सोना चाहिए? तो इसका जवाब दिया है, ब्रिटेन के स्लीप साइंस एक्सपर्ट Dr. Jim Horne द्वारा की गई एक रिसर्च ने। इस रिसर्च के बाद डॉ. जिम ने बताया कि महिलाओं के शरीर को पुरुषों की अपेक्षा 20 मिनट ज्यादा नींद की जरूरत होती है। रिसर्च में यह भी कहा गया कि महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा काम मानसिक काम करती हैं और मल्टी-टास्कर होती हैं, इसलिए उनके मस्तिष्क को थोड़ा ज्यादा समय तक रेस्ट की जरूरत होती है।

इसे भी पढ़ें: लॉकडाउन में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है बुरा असर, एक्सपर्ट से जानें कैसे करें स्थिति का सामना?

pregnant women sleeping

महिलाओं की नींद खराब करने वाले प्रमुख कारण

इस रिसर्च में डॉ. जिम ने कुछ ऐसे कारण भी बताए हैं, जो प्रमुख रूप से महिलाओं की नींद खराब करने की वजह बनते हैं। आमतौर पर महिलाओं को-

  • प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भ का वजन उठाए रखने के कारण सोने में परेशानी होती है।
  • उभरे हुए पेट के कारण करवट बदलने और सुकून से सोने में परेशानी होती है।
  • मेनोपॉज के दौरान हॉट फ्लैशेज की समस्या के कारण सुकून भरी गहरी नींद नहीं आ पाती है।
  • रिसर्च के अनुसार महिलाओं को परिवारिक चिंता और दूसरी सामाजिक चिंताएं ज्यादा होती हैं, जिसके कारण उनकी नींद कई बार उथली होती है।
  • विश्व के ज्यादातर हिस्सों में सुबह की जिम्मेदारी, बच्चों को उठाने और घर के कामों की जिम्मेदारी महिलाएं संभालती है और इस कारण भी उन्हें कई बार जल्दी उठना पड़ता है।
  • इंसोम्निया (अनिद्रा) की समस्या के कारण भी बहुत बार महिलाओं को रात में नींद अच्छी तरह से नहीं आती है।

Read More Articles on Women's Health in Hindi

 

Read Next

नॉर्मल डिलवरी के लिए अपनी बॉडी को इन 6 तरीकों से तैयार करें प्रेग्नेंट महिलाएं, जच्चा-बच्चे दोनों होंगे स्वस्थ

Disclaimer