Why do I have Diarrhea and Indigestion during my Period : पीरियड्स अपने आप में कोई समस्या नहीं होते हैं। हालांकि, इनकी वजह से महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पीरियड्स के दौरान होने वाली बॉडी पेन और क्रैंप्स जैसी समस्याओं के बारे में लगभग सभी जानते हैं, लेकिन क्या आपको ये जानते हैं कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपच और हार्ट बर्न की समस्या हो सकती है? अगर आप इस सवाल का जवाब नहीं जानते हैं, तो आइए इस बारे में डॉ. निरंजन हिरेमथ, अपोलो इंद्रप्रस्थ में वरिष्ठ सलाहकार कार्डियोवैस्कुलर और महाधमनी सर्जन (Dr. Niranjan Hiremath, Senior Consultant Cardiovascular and Aortic Surgeon at Apollo Indraprastha) से जानते हैं।
पीरियड्स के दौरान हो सकती है हार्ट बर्न की समस्या?- Can there be a problem of Heartburn During Periods
जी हां, कई महिलाओं को अपने मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्ट बर्न और दस्त जैसी पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसमें हार्मोनल उतार-चढ़ाव प्रमुख भूमिका निभाते हैं। बता दें कि पीरियड्स के दौरान शरीर में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं, जो सीधे पाचन-तंत्र पर असर डाल सकते हैं। पीरियड्स के दौरान डायरिया की समस्या होने का मुख्य कारण प्रोस्टाग्लैंडीन का स्राव (Prostaglandins) है, यह गर्भाशय को सिकुड़ने और उसकी परत को हटाने में मदद करते हैं। हालांकि, प्रोस्टाग्लैंडीन केवल गर्भाशय तक ही सीमित नहीं रहते हैं - वे इंटेस्टाइन पर असर डालते हैं, जिससे वे सामान्य से ज्यादा सिकुड़ जाती है। इससे मल ढीला हो जाता है और मल त्यागने में आसानी हो जाती है।
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प्रोजेस्टेरोन हार्मोन भी है कारण- Progesterone Hormone is Also the Reason
हार्टबर्न की समस्या मुख्य रूप से प्रोजेस्टेरोन की वजह से होती है। यह एक ऐसा हार्मोन है, जो पीरियड्स से पहले और उसके दौरान उतार-चढ़ाव की स्थिति उत्पन्न कर सकता है। बात दें कि प्रोजेस्टेरोन निचले एसोफैजियल स्फिंक्टर को आराम देता है। यह मसल्स पेट के एसिड को एसोफैगस में ऊपर जाने से रोकती है। ऐसे में एसिड रिफ्लक्स और हार्टबर्न की समस्या हो सकती है।
हार्मोनल बदलाव का भी होता है असर- Hormonal Changes also have an Effect
पीरियड्स के दौरान हार्ट बर्न और अपच की समस्या अन्य हार्मोन्स के स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण भी हो सकती है। इससे पाचन को धीमा किया जा सकता है, जिससे सूजन, गैस और एसिडिटी होती है। बता दें कि अगर महिलाएं पहले से ही इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) या एसिड रिफ्लक्स जैसी स्थितियों से पीड़ित हैं, तो उन्हें पीरियड्स के दौरान इन समस्याओं से जुड़े लक्षणों में वृद्धि दिखाई दे सकती है।
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अपच और हार्ट बर्न की समस्या से कैसे करें बचाव?- How to Prevent the Problem of Indigestion and Heartburn
पीरियड्स के दौरान होने वाली हार्ट बर्न और अपच की समस्या के लक्षणों को मैनेज करने के लिए महिलाओं को कैफीन, मसालेदार, फैटी फूड और कार्बोनेटेड ड्रिंक जैसी चीजों के सेवन से बचना चाहिए। इसके अलावा, महिलाएं डाइट में फाइबर का सेवन बढ़ा सकती हैं, हाइड्रेटेड रह सकती हैं और प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकती हैं। इससे इंटेस्टाइन के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है। अगर यह स्थिति ज्यादा गंभीर रूप ले लेती है, तो ओवर-द-काउंटर एंटासिड या एंटी-डायरियल दवाएं व्यक्ति के लिए फायदेमंद हो सकती है।
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अगर पीरियड्स के दौरान पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं और महिलाओं के डेली रूटीन पर असर डालने लगती हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी हो जाता है। बता दें कि हार्मोनल परिवर्तन और पाचन स्वास्थ्य के बीच संबंध को समझने से महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दिखने वाले लक्षणों को कम करने और ओवरऑल हेल्थ को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।