घर का बना खाना भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हमेशा सेहतमंद ही हो। अक्सर लोग यह मान लेते हैं कि घर का बना खाना अपने आप में स्वस्थ है, जबकि कई बार इसमें छिपी गलतियां हमारी सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं। जैसे, ज्यादा तेल, घी, नमक या रिफाइंड आटे का इस्तेमाल, ये सभी आम गलतियां हैं जो भारतीय व्यंजनों में शामिल होती हैं। इसके अलावा, तले हुए खाद्य पदार्थ भी अक्सर घर में बनाए जाते हैं, जो वजन बढ़ाने और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि स्वस्थ भोजन के लिए हमें अपने पारंपरिक व्यंजनों में कुछ बदलाव करने की जरूरत है। सही विकल्पों और पकाने की सही विधि का पालन करके, हम भारतीय घर के खाने को न केवल स्वादिष्ट, बल्कि सेहतमंद भी बना सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर क्यों हमेशा घर का बना खाना हेल्दी नहीं होता है और उसे कैसे हेल्दी बनाया जा सकता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के न्यूट्रिवाइज क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा से बात की।
हमेशा हेल्दी क्यों नहीं होता घर का बना भारतीय खाना?- Why Indian Home Cooked Meal is Not Always Healthy
भारतीय घरों का खाना अपने मसालों, स्वाद और विविधता के लिए मशहूर है, लेकिन यह हमेशा स्वस्थ नहीं होता। कई कारणों से यह भोजन स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है-
1. अधिक तेल और घी का इस्तेमाल
भारतीय खाने में तेल, घी और मक्खन का भरपूर इस्तेमाल होता है, जो स्वाद तो बढ़ाते हैं लेकिन ज्यादा मात्रा में इनसे सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट बढ़ सकता है। ये हार्ट की बीमारियां (Heart Diseases in Hindi) और वजन बढ़ने का कारण बन सकते हैं।
2. ज्यादा मसाले और नमक का इस्तेमाल
भारतीय भोजन में मसाले ज्यादा होते हैं, जो पाचन को प्रभावित कर सकते हैं और एसिडिटी का कारण बन सकते हैं। नमक का ज्यादा होना भी एक समस्या है, जो हाई बीपी का कारण बन सकता है। मसालों में कई स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं, लेकिन ज्यादा मात्रा में यह हानिकारक हो सकते हैं।
3. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स का इस्तेमाल
भारतीय खाने में अक्सर रिफाइंड आटे का इस्तेमाल होता है। इससे ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है और यह वजन बढ़ाने का काम करता है। साबुत अनाज की जगह रिफाइंड अनाज के ज्यादा इस्तेमाल से भोजन कम पौष्टिक हो सकता है।
4. तला हुआ भोजन
भारतीय भोजन में अक्सर तले हुए स्नैक्स का ज्यादा चलन होता है, जैसे पकौड़े, पूरी, समोसे आदि। ये चीजें जल्दी पचती नहीं हैं और पाचन समस्याएं पैदा कर सकती हैं। तले हुई चीजें शरीर में सूजन और कोलेस्ट्रॉल बढ़ाते हैं, जो स्वस्थ जीवनशैली के लिए सही नहीं है।
5. चीनी का इस्तेमाल
भारतीय घरों में चीनी का विशेष स्थान है, चाहे त्योहार हो या कोई खास अवसर या सुबह की चाय। ज्यादा चीनी खाने से डायबिटीज, मोटापा और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
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इंडियन खाने को हेल्दी बनाने के तरीके- How to Make Indian Food Healthier
इंडियन खाने को हेल्दी बनाने के लिए कुछ आसान बदलाव किए जा सकते हैं, जो न केवल भोजन को ज्यादा पौष्टिक बनाएंगे बल्कि स्वास्थ्य पर भी पॉजिटिव असर डालेंगे-
- भोजन पकाते समय तेल का सीमित इस्तेमाल करें।
- कम तेल में खाना पकाने के लिए नॉन-स्टिक कुकवेयर का इस्तेमाल करें।
- रिफाइंड तेल की बजाय सरसों का तेल, जैतून का तेल या नारियल का तेल बेहतर विकल्प हैं।
- मसालों का सही मात्रा में और संतुलित उपयोग करें।
- घर में पीसे हुए मसालों का इस्तेमाल करें। ये न केवल शुद्ध होते हैं, बल्कि इनमें ज्यादा पोषक तत्व भी होते हैं।
- मैदा या रिफाइंड आटे की बजाय गेहूं, जौ, रागी,और ओट्स जैसे साबुत अनाज का इस्तेमाल करें।
- तले हुए खाद्य पदार्थों की बजाय भुना हुआ, उबला हुआ या भाप में पकाया हुआ खाना खाएं।
- ज्यादा नमक और चीनी से बचें क्योंकि यह ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की समस्या को बढ़ावा दे सकते हैं।
इन छोटे-छोटे बदलावों से भारतीय भोजन को सेहतमंद बनाया जा सकता है, जो आपको स्वस्थ और एनर्जेटिक बनाए रखेगा।
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