
देश-दुनिया में कई सालों से तुलसी बीज का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह एक बहुत ही उपयोगी पौधा है। आयुर्वेद में भी इस पौधे और इसके बीज का खूब उपयोग किया जाता है। तुलसी के पत्ते जितने उपयोगी होते हैं, उसके बीच भी उतने ही लाभकारी होते हैं। तुलसी के बीज को सब्जा बीज भी कहा जाता है। इसमें आयरन, प्रोटीन, विटामिन K, फाइबर, फाइटोकेमिकल्स जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। सर्दियों के दिनों में भी चाय में तुलसी के पत्तों का खूब उपयोग किया जाता है। इन तमाम खूबियों के बावजूद इसमें कुछ ऐसे तत्व भी मौजूद हैं, जिस वजह से हर कोई तुलसी के बीजों का सेवन नहीं कर सकता है। कुछ खास किस्म की बीमारी या स्वस्थ्य समस्या की वजह मरीजों को तुलसी के बीज का सेवन करने से बचना चाहिए।
हाइपोग्लाइसीमिया के बाद
हाइपोग्लाइसीमिया वह स्थिति है जब ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से कम हो जाता है। वैसे तो यह अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह एक ऐसी अवस्था है, जिसे समय से पहले नियंत्रित न किया जाए, तो कई अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। अगर इस अवस्था में तुलसी के बीजों का सेवन किया जाए तो इससे ब्लड शुगर का स्तर कम हो सकता है और हाइपोग्लाइसीमिया के मरीज के लिए यह घातक साबित हो सकता है।
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जिन्हें लिवर कैंसर का रिस्क है
अगर आप नियमित रूप से तुलसी के बीज का सेवन कर रहे हैं, तो समय-समय पर ब्रेक जरूर दीजिए, क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित रूप से तुलसी के बीजों के सेवन से लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। खासकर जिन लोगों के परिवार में लिवर कैंसर की हिस्ट्री है, उनके लिए यह जोखिम बढ़ सकता है।
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जब कोई दवा ले रहा है
जो लोग किसी विशेष बीमारी से संबंधित दवा ले रहे हैं, उन्हें तुलसी के बीज के सेवन से बचना चाहिए। उन्हें तुलसी के पत्तों का सेवन भी नहीं करना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार तुलसी में मौजूद गुण दवाओं के कार्य में हस्तक्षेप कर सकते हैं। जैसे कई ऐसी दवाएं होती हैं जो मितली, उल्टी, एंग्जाइटी को कम करने में लाभकारी होती हैं। इन दवाओं के साथ अगर तुलसी के बीजों का सेवन किया जाए तो दवाओं का प्रभाव कम हो सकता है, जो कि मरीज के लिए सही नहीं है।
सर्जरी के बाद
तुलसी के बीज में ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो ब्लड क्लॉटिंग के लिए मदद करते हैं। इसलिए अगर किसी की सर्जरी होने वाली है या सर्जरी हो चुकी है, तो तुलसी के बीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही अगर कोई वारफेरिन और हेपरिन जैसी रक्त पतला करने वाली दवाएं ले रहे हैं, तो उनके लिए भी तुलसी के बीजों का सेवन मना होता है। इसके बावजूद अगर तुलसी के बीज का सेवन करना है तो पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
प्रेगनेंसी के दौरान
प्रेगनेंसी में महिलाओं के लिए भी तुलसी के बीज का सेवन या तुलसी के पत्तों का सेवन हानिकारक हो सकता है। दरअसल यह गर्भवती महिलाओं में गर्भाशय के संकुचन बढ़ाता है। यह दुष्प्रभाव बच्चे के जन्म या मासिक धर्म के दौरान जटिलताओं को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही तुलसी के बीजों का हार्मोनल लेवल पर भी असर पड़ता है, जो गर्वभती महिलाओं के स्वस्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
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