
Glaucoma Rise Factors in Hindi: ग्लूकोमा आंखों से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जिसमें ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचता है। आपको बता दें कि ऑप्टिक नर्व आंखों से दिमाग में दृश्य की जानकारी भेजती है। साथ ही यह नर्व अच्छी दृष्टि के लिए भी बेहद जरूरी होती है। दरअसल, जब ऑप्टिक नर्व को नुकसान होता है, तो इससे आंखों में दबाव बढ़ता है। ग्लूकोमा का प्रभाव धीरे-धीरे होता है, इसका कोई शुरुआती लक्षण भी नहीं होता है। ग्लूकोमा का तब पता चलता है, जब स्थिति गंभीर रूप ले लेती है। वैसे तो ग्लूकोमा नवजात शिशु, बच्चों, वयस्कों को भी हो सकता है, लेकिन बुजुर्गों में ग्लूकोमा होने का जोखिम अधिक रहता है। लेकिन सिर्फ अधिक उम्र ही इसका एक जोखिम कारक नहीं होता है। इसके अलावा भी ग्लूकोमा के लिए कई जोखिम कारक होते हैं।
आपको बता दें कि 12 मार्च से लेकर 18 मार्च तक विश्व ग्लूकोमा दिवस मनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को आंखों की नियमित जांच करवाना है, ताकि ग्लूकोमा द्वारा होने वाले अंधेपन से बचा जा सके। इसी मौके पर ग्लूकोमा के जोखिम कारकों के बारे में जानने के लिए हमने डॉ. श्रॉफ चैरिटी आई हॉस्पिटल के एसोसिएट मेडिकल डायरेक्टर, हेड ऑफ ग्लूकोमा सर्विसेज और चेयरपर्सन-क्वालिटी एश्योरेंस डॉक्टर सुनीता दुबे से बातचीत की-
ग्लूकोमा के लिए उच्च जोखिम में कौन है?- Who is at High Risk for Glaucoma in Hindi
1. अधिक उम्र
बढ़ती हुई उम्र के लोगों में ग्लूकोमा होने का जोखिम अधिक होता है। वैसे तो ग्लूकोमा किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, लेकिन 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को इसका जोखिम अधिक रहता है। इसलिए अगर आपकी उम्र भी अधिक है, तो समय-समय पर अपने आंखों की जांच जरूर करवाते रहें। अगर आपकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है, तो साल में 1 बार आंखों की जांच जरूर करवाएं।
इसे भी पढ़ें- ग्लूकोमा की समस्या इन बातों का रखें खास ख्याल, बढ़ेगी आंखों की रोशनी
2. डायबिटीज और हाइपरटेंशन
डायबिटीज और हाइपरटेंशन के रोगियों में भी ग्लूकोमा होने का जोखिम अधिक रहता है। डायबिटीज में हाई ब्लड शुगर बढ़ जाता है, वहीं हाइपरटेंशन में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इन दोनों ही स्थितियों में ब्लड सर्कुलेशन खराब होने लगता है, जो ग्लूकोमा के जोखिम को बढ़ा सकता है। इसलिए डायबिटीज और हाइपरटेंशन के रोगियों को भी अपने आंखों की जांच जरूर करवाते रहना चाहिए।
3. स्टेरॉइड्स आई ड्राप
जो लोग स्टेरॉइड्स आई ड्राप का इस्तेमाल करते हैं, उनमें भी ग्लूकोमा होने की संभावना अधिक रहती है। इसलिए आपको कभी भी स्टेरॉइड्स आई ड्राप का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आपको इसे डॉक्टर की सलाह पर ही यूज करना चाहिए।
4. फैमिली हिस्ट्री
जिन लोगों के माता-पिता, दादा-दादी को ग्लूकोमा रहा है, उनमें ग्लूकोमा होने का जोखिम अधिक होता है। आपको बता दें कि 50 प्रतिशत फैमिली हिस्ट्री वाले लोग ग्लूकोमा की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए अगर आपके घर पर किसी को ग्लूकोमा रहा है, तो अपने आंखों की नियमित रूप से जांच करवाते रहें। फैमिली हिस्ट्री वाले लोगों को भी साल में 1-2 बार आंखों का चेकअप जरूर करवाना चाहिए।
इसे भी पढ़ें- ग्लूकोमा की समस्या में करें ये 5 योग, बढ़ेगी आंखों की रोशनी
5. पावर वाले चश्मे पहनना
अगर आपके पावर वाले चश्मे पहने हैं, तो भी ग्लूकोमा होने का जोखिम अधिक रहता है। इसलिए आपको भी नियमित रूप से आंखों की जांच करवाते रहना चाहिए। साथ ही डॉक्टर से रेगुलर फॉलो-अप भी लेते रहना चाहिए।
ऊपर बताए गए इन सभी लोगों को ग्लूकोमा होने का जोखिम अधिक रहता है। अगर आप भी इनमें से किसी कैटेगरी में आते हैं, तो अपने आंखों की नियमित रूप से जांच जरूर करवाते रहें।