खानपान और जीवनशैली से जुड़े कारकों की वजह से आज के समय में आंख से जुड़ी समस्याओं के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आंख से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है ऑक्युलर हाइपरटेंशन (Ocular Hypertension in Hindi) जिसे अक्सर लोग दिल से जुड़ी बीमारी समझ लेते हैं। यह आंखों से जुड़ी एक गंभीर समस्या है जिसे हिंदी में नेत्र संबंधी हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। कई शोध और अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि 40 साल से अधिक उम्र के लगभग 10 प्रतिशत लोगों में आंख में ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता है। इसे एक तरह का मोतियाबिंद भी समझा जाता है। दरअसल आंख के फ्रंट एरिया में मौजूद फ्लूएड जब पूरी तरह से नहीं सूखता है तो यह समस्या उत्पन्न होती है। आइये जानते हैं ऑक्युलर हाइपरटेंशन (Ocular Hypertension) के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।
क्या है ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या? (What is Ocular Hypertension?)
आंख में दबाव या ब्लड प्रेशर बढ़ने से आंख में ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या होती है। सीतापुर आंख अस्पताल के डॉ धीरेन्द्र के मुताबिक आंख के सामने की एरिया में मौजूद फ्लूइड जब पूरी तरह से सूखता नहीं है तो इसकी वजह से आंखों में प्रेशर बढ़ता है। जब आंख में प्रेशर नॉर्मल से अधिक हो जाता है तो इस स्थिति को ऑक्युलर हाइपरटेंशन कहा जाता है। इस गंभीर बीमारी के कारण आंख से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं जैसे ग्लूकोमा की समस्या आदि। ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या से बचाव के लिए आपको 40 साल के बाद नियमित रूप से आंखों की जांच करनी चाहिए। हालांकि यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है इसलिए इसके लक्षण दिखने पर आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
इसे भी पढ़ें : आंखों से जानें गंभीर बीमारियों के बारे में
टॉप स्टोरीज़
ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या के कारण (What Causes Ocular Hypertension?)
आंखों के अंदर का प्रेशर जिसको इंट्राकुलर प्रेशर कहा जाता है आंख के भीतर मौजूद प्रेशर होता है। जब यह प्रेशर बढ़ जाता है तो इसकी वजह से एक या दोनों आंखे प्रभावित हो सकती हैं। आंख के भीतर मौजूद प्रेशर 11 से 21 (mmHg) अगर है तो इसे नॉर्मल प्रेशर माना जाता है। जब यह प्रेशर इससे ज्यादा होता है तो इस स्थिति को ही ऑक्युलर हाइपरटेंशन कहा जाता है। ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या के प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।
1. आंख से पानी न निकलने के कारण
आंख में मौजूद लिक्विड के न निकलने की वजह से आंख में प्रेशर बढ़ जाता है। आंख की पुतली के पीछे मौजूद एक संरचना से जलीय पदार्थ निकलता है। यह लिक्विड जब आंख से बाहर नहीं निकलता है तो इसकी वजह से इंट्राकुलर प्रेशर बढ़ता है और इसकी वजह से आंख में ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या हो सकती है।
2. कुछ दवाओं के सेवन की वजह से
आंख में ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या कुछ दवाओं के सेवन की वजह से हो सकती है। स्टेरॉयड दवाओं के सेवन की वजह भी यह समस्या हो सकती है इसके अलावा अस्थमा और अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का सेवन भी इस स्थिति का कारण बन सकती है।
इसे भी पढ़ें : शरीर में विटामिन A की कमी से हो सकती हैं ये 8 समस्याएं, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय
3. आंख में चोट लगने के कारण
आंख में चोट लगने के कारण ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या हो सकती है। आंख में लगने वाली गंभीर चोट के कारण आंख के भीतर प्रेशर बढ़ सकता है जिसकी वजह से आपको यह समस्या हो सकती है।
4. आनुवांशिक कारणों की वजह से
इसके अलावा, वंश, उम्र और पारिवारिक इतिहास नेत्र संबंधी उच्च रक्तचाप और ग्लूकोमा के कारण ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या हो सकती है। 40 साल की उम्र के बाद मरीजों में यह समस्या बढ़ सकती है और इसका जोखिम ज्यादा होता है।
इसे भी पढ़ें : आंखों की बीमारियों का कारण बनती हैं आपकी ये 5 गलतियां, जानें इनसे बचाव के उपाय
ऑक्युलर हाइपरटेंशन के लक्षण (Ocular Hypertension Symptoms)
ऑक्युलर हाइपरटेंशन के आमतौर पर लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। इस समस्या में आंख के भीतर दबाव बढ़ जाता है लेकिन मरीज को किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। यह समस्या गंभीर होने पर मरीजों में आंख में दर्द और लालिमा जैसी समस्याएं दिखाई देती हैं। इसका पता लगाने के लिए आंख में किसी भी प्रकार की असामान्यता होने पर जांच जरूर कराएं।
ऑक्युलर हाइपरटेंशन का इलाज ( Ocular Hypertension Treatment)
इस समस्या का इलाज करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले जांच करते हैं। जांच के बाद मरीजों को दवाएं दी जाती हैं। ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या में डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाओं का इस्तेमाल बहुत जरूरी होता है। अगर ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या को नजरंदाज करते हैं तो इसकी वजह से परमानेंट विजन लॉस हो सकता है।
(All Image Source - Freepik.com)