दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी का खतरा किन लोगों को अधिक रहता है? जानें कारण

Who Are More Prone To Tooth Decay And Gum Disease In Hindi: दांतों की सड़कन और मसूड़ों की बीमारी होने का जोखिम कई लोगों को होता है, जैसे डायबिटीज के मरीज, छोटे बच्चे और बुजुर्ग।
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दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी का खतरा किन लोगों को अधिक रहता है? जानें कारण

Who Are More Prone To Tooth Decay And Gum Disease In Hindi: वैसे तो दांतों में सड़न और मसूड़ों की दिक्कत किसी को भी हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें, तो जो लोग अपने दांतों की सफाई नहीं रखते हैं, खानपान के मुंह को साफ नहीं करते हैं और अक्सर मीठा खाना पसंद करते हैं। ऐसे लोगों को दांतों में सड़न और मसूड़ों की दिक्कत हो जाती है। हालांकि, कुछ बीमारियां और हेल्थ कंडीशंस भी दांतों में सड़न और मूसड़ों की बमारी के लिए जिम्मेदार होते हैं। बहरहाल, दांतों की समस्या से बचा जा सकता है। सवाल है, कैसे? इसके लिए आवश्यक है कि आपको यह पता हो कि दांतों में सड़न और मसूड़ों की बीमारी होने का खतरा किसे ज्यादा रहता है? यहां हम आपको इस संबंध में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी का खतरा किन लोगों को अधिक रहता है?

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छोटे बच्चे

छोटे बच्चे और टीनेजर्स को दांतों में सड़न और मसूड़ों की दिक्कत अधिक होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे समय-समय पर अपने दांतों की केयर नहीं करते हैं। दिन में दो बार ब्रश नहीं करते हैं। यहां तक कि ओरल हेल्थ की ओर जरा भी ध्यान नहीं देते हैं। ऐसे में न सिर्फ उनके दांतों में कीड़े लग सकते हैं, बल्कि दांतों से बदबू आने की समस्या भी हो जाती है। वहीं, छोटे बच्चे और टीनेजर्स शुगर युक्त ड्रिंक का सेवन भी अधिक करते हैं। यह भी दांतों के खराब करने का एक मुख्य कारण होता है।

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बुजुर्गों में

बढ़ती उम्र के साथ-साथ शरीर के कई अंग सही तरह से काम करने बंद कर देते हैं। यहां तक कि इम्यूनिटी बहुत कमजोर हो जाती है। बुजुर्गों की हड्डियां भी काफी कमजोर हो जाती हैं और अपना लचीलापन खो देती हैं। इसी तरह, दांतों से संबंधित समस्याएं भी अधिक उम्र में बढ़ जाती हैं। इसमें न सिर्फ दांतों का कमजोर होना शामिल है, बल्कि मसूड़ों की कमजोरी और मसूड़ों से जुड़ी बीमारियां भी हैं। बुजुर्गों के दांतों में प्लाक भी आसानी से जमने लगता है। इसलिए, जरूरी है कि वे नियमित रूप से अपने दांतों की केयर करें और रूटीन चेकअप के लिए जाएं।

बुरी आदतें

कई बुरी आदतें भी दांतों में सड़न और मसूड़ों को कमजोर करने के लिए जिम्मेदार होती हैं। इसमें स्मोकिंग करना आदि शामिल हैं। जो युवा बहुत ज्यादा स्मोकिंग करते हैं और दांतों की केयर नहीं करते हैं। ऐसे लोगों के दांतों में प्लाक जमने लगता है, मुंह से बदबू आती है और दांत कमजोर भी हो जाते हैं। स्मोकिंग अपने आप में बुरी आदत है। इससे कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। इसलिए, बेहतर है कि स्मोकिंग न करें। ऐसा करने से स्वास्थ्य के साथ-साथ दांतों से संबंधित समस्याएं भी कम होने लगेंगी।

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डायबिटीज के मरीज

डायबिटीज के मरीजों को दांतों में सड़न और मसूड़ों की बीमारी का खतरा अधिक रहता है। सवाल है, ऐसा क्यों है? विशेषज्ञों की मानें, तो ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि डायबिटीज की वजह से ब्लड शुगर का स्तर प्रभावित होता है। ब्लड शुगर के कारण शरीर में ब्लड फ्लो बाधित होता है। ऐसे में कई बार नर्व्स भी डैमेज हो जाती हैं। नतीजतन, बॉडी की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और संक्रमण से लड़ने में सक्षम नहीं रह जाती हैं। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों में दांत का स्वास्थ्य भी प्रभावित होने लगता है। अगर डायबिटीज के मरीज अपनी दांतों की प्रॉपर केयर न करें, तो समय से पहले दांत टूट भी सकते हैं।

ल्यूपस

ल्यूपस के मरीजों में भी डायबिटीज के मरीजों की तरह दांतों से जुड़ी समस्या हो सकती है। असल में, ल्यूपस एक तरह का ऑटोइम्यून डिजीज है, मसूड़ों से संबंधित बीमारियों, अल्सर और मुंह में छालों के लिए जिम्मेदार होता है। यहां तक कि ल्यूपस के ट्रीटमेंट के तौर पर जो दवा ली जाती है, उससे मुंह सूखने भी लगता है। ल्यूपस जैसी गंभीर बीमारी होने पर मरीज को अपनी ओर हेल्थ का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए।

All Image Credit: Freepik

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