शादी के बाद हर महिला का मां बनने का सपना होता है लेकिन कई बार शारीरिक समस्याओं के कारण कुछ महिलाएं नेचुरली कंसीव नहीं कर पाती हैं। वर्तमान में महिलाओं में इंफर्टिलिटी की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके कारण महिलाओं को कंसीव करने में कई तरह के दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दरअसल, महिलाएं आज के समय में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। ऐसे में करियर बनाने के चक्कर में महिलाएं 30 की उम्र के बाद शादी करने का फैसला करती हैं और फिर बेबी प्लान करती हैं। लेकिन जब कई कोशिशों के बाद बच्चा कंसीव नहीं होता है तो परेशान हो जाती हैं। महिलाओं में इनफर्टिलिटी का सबसे बड़ा कारण प्रदूषण के साथ खराब लाइफस्टाइल और खानपान है। ऐसे में अगर आप कंसीव करना चाहती हैं तो सबसे पहले अपने खानपान का ख्याल रखें और एक हेल्दी एक्टिव लाइफस्टाइल को फॉलो करें। इस लेख में योग शिक्षक रजनीश 3 ऐसे योगासन बता रहे हैं जो महिलाओं को गर्भधारण करने में सहायक हो सकते हैं।
कंसीव करने के लिए योगासन - Fertility Yoga Asanas That Can Help Conceive
1. बद्ध कोणासन - Baddha Konasana
महिलाओं के लिए बद्ध कोणासन का अभ्यास करने के अनेक फायदे हैं। नियमित रूप से बद्ध कोणासन का अभ्यास पेल्विक मसल्स को मजबूत बनाता है और हार्मोनल इंबैलेंस को सुधार सकता है। इसके अलावा बद्ध कोणासन के अभ्यास से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं कम होती हैं। बद्ध कोणासन का अभ्यास महिलाओं के गर्भाशय यानी यूट्रस को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है और मासिक धर्म यानी पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्या को कम करने में सहायक हो सकता है। कई बार तनाव और डिप्रेशन के कारण भी इनफर्टिलिटी की समस्या होती है, ऐसे में यह आसन मन को शांत कर सकता है और मानसिक स्थिति को सुधार सकता है।
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2. सुप्त वज्रासन - Supta Vajrasana
सुप्त वज्रासन का नियमित अभ्यास महिलाओं को कंसीव करने में सहायक हो सकता है। इस आसन का अभ्यास करने से पेट के निचले हिस्से में खिंचाव आता है, जो गर्भाशय को हेल्दी बनाने में सहायक होता है। महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस के कारण इनफर्टिलिटी की शिकायत सबसे ज्यादा होती है, ऐसे में सुप्त वज्रासन का अभ्यास हार्मोन को संतुलित करने में भी सहायक हो सकता है। सुप्त वज्रासन करने से मानसिक स्थिति में सुधार हो सकता है, जिससे तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, ध्यान रखें कि अगर आपको मसल क्रैम्प या कमर में दर्द की शिकायत है तो इस आसन का अभ्यास न करें।
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3. मलासन - Malasana
मलासन का नियमित अभ्यास महिलाओं को निचले हिस्से को मजबूत बनाने में सहायक हो सकता है। इसके साथ ही इस आसन के अभ्यास से गर्भाशय से जुड़ी समस्याएं कम होती है, जिससे यह कंसीव करने में मदद कर सकता है। मलासन का अभ्यास करने से पेट और जांघों में खिंचाव आता है, जिससे इन हिस्सों की मसल्स मजबूत होती हैं। मलासन का नियमित अभ्यास करके महिलाएं अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकती हैं। इसके अलावा मलासन का अभ्यास वजन कंट्रोल करने में भी सहायक हो सकता है। यह योगासन अन्य आसनों के साथ मिलाकर किया जा सकता है।
इन योगासन का नियमित अभ्यास महिलाओं को कंसीव करने में मदद कर सकता है। लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि इन योगासन का अभ्यास योग एक्सपर्ट की निगरानी में करें।
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